सबसे अधिक इन 5 वजहों से कैंसिल होता है टर्म इंश्योरेंस क्लेम, आपकी छोटी सी भूल डूबा देती है सारा पैसा

Term Insurance Claim Reject: ऐसे कई मामले होते हैं जहां टर्म इंश्योरेंस होने के बावजूद, बीमा कंपनी द्वारा क्लेम को खारिज कर दिया जाता है. इसके पीछे के कारण कुछ सामान्य होते हैं, लेकिन वो गंभीर गलतियां बन जाती हैं, जो अक्सर आवेदन करते समय या पॉलिसी के दौरान हो जाती हैं.

टर्म इश्योरेंस का क्लेम. Image Credit: Getty image

Term Insurance Claim Reject: टर्म इंश्योरेंस एक सुरक्षा कवर है जो आपकी अनुपस्थिति में आपके परिवार को आर्थिक सहायता प्रदान करता है. यह इस उम्मीद के साथ लिया जाता है कि अगर किसी अनहोनी की स्थिति में परिवार को मदद की जरूरत पड़े, तो बीमा कंपनी क्लेम का भुगतान करेगी. लेकिन अगर क्लेम खारिज हो जाए तो क्या होगा? ऐसे कई मामले होते हैं जहां टर्म इंश्योरेंस होने के बावजूद, बीमा कंपनी द्वारा क्लेम को खारिज कर दिया जाता है. इसके पीछे के कारण कुछ सामान्य होते हैं, लेकिन वो गंभीर गलतियां बन जाती हैं, जो अक्सर आवेदन करते समय या पॉलिसी के दौरान हो जाती हैं. आइए जानते हैं वे 5 सामान्य कारण जिनकी वजह से टर्म इंश्योरेंस का क्लेम खारिज हो सकता है.

गलत मेडिकल जानकारी देना या छिपाना

यह क्लेम रिजेक्ट होने का सबसे बड़ा और आम कारण है. कई लोग पॉलिसी खरीदते समय अपनी स्वास्थ्य संबंधी जानकारी, जैसे डायबटीज, ब्लेडप्रेशर, हृदय रोग, धूम्रपान या शराब पीने की आदत छिपा लेते हैं. अगर बाद में मृत्यु का कारण इन बीमारियों से जुड़ा पाया जाता है और बीमा कंपनी को लगता है कि जानकारी छिपाई गई थी, तो वे क्लेम रिजेक्ट कर सकते हैं.

प्रीमियम का भुगतान न करने पर पॉलिसी लैप्स

अगर आप समय पर प्रीमियम का भुगतान नहीं करते हैं, तो आपकी पॉलिसी लैप्स हो जाती है. ऐसे में अगर कोई अनहोनी हो जाए, तो बीमा कंपनी क्लेम स्वीकार नहीं करती. तकनीकी कारण होने के बावजूद, यह एक गंभीर लापरवाही है, जिससे बचा जा सकता है.

नॉमिनी की जानकारी न देना या अपडेट न करना

कई लोग पॉलिसी लेते समय नॉमिनी की जानकारी नहीं भरते या बाद में परिवार की स्थिति बदलने के बावजूद उसे अपडेट नहीं करते. ऐसे में जब क्लेम फाइल किया जाता है, तो कानूनी अड़चनें आ सकती हैं और क्लेम रुक सकता है. नॉमिनी की सही जानकारी देना और उसे समय-समय पर अपडेट करना बेहद जरूरी है.

गलत या अधूरी पर्सनल जानकारी देना

पॉलिसी खरीदते समय आपकी उम्र, आय, पेशे और परिवार से जुड़ी जानकारी मांगी जाती है. कई बार लोग जानबूझकर या गलती से गलत जानकारी भर देते हैं. यह छोटी सी गलती भविष्य में बड़ी समस्या बन सकती है और बीमा कंपनी इसी आधार पर क्लेम खारिज कर सकती है.

पॉलिसीधारक की मृत्यु के बारे में समय सीमा के भीतर सूचित न करना

पॉलिसीधारक की मृत्यु की सूचना देने में देरी होने पर बीमा कंपनी क्लेम को रिजेक्ट कर सकती है. नॉमिनी व्यक्ति को क्लेम फाइल करने के लिए एक निर्धारित समय सीमा होती है.

पॉलिसीधारकों को क्या करना चाहिए?

  • आवेदन के समय पूरी और सही जानकारी दें
  • समय पर प्रीमियम का भुगतान करें या ऑटो-डेबिट चालू करें
  • नॉमिनी व्यक्ति की जानकारी अपडेट रखें.
  • पॉलिसी के दस्तावेज़ और शर्तों को ध्यान से पढ़ें
  • जरूरत पड़ने पर किसी बीमा सलाहकार से सलाह लें.

यह भी पढ़ें: पिछला साल रहा खराब, अब शेयर ने पकड़ी रफ्तार; 2024-25 में रिलायंस में बहुत कुछ बदला, क्या आपको पता है?