Hero Motors के 900 करोड़ के आईपीओ पर ब्रेक, जानें कंपनी ने डीआरएचपी फाइल कर क्यों लिया यू-टर्न?
देश में दोपहिया वाहनों के कंपोनेंट बनाने वाली शीर्ष कंपनियों में शामिल हीरो मोटर्स ने अपने 900 करोड़ रुपये के आईपीओ को वापस ले लिया है. कंपनी के इस फैसले की जानकारी देते हुए बाजार नियामक सेबी ने बताया कि हीरो मोटर्स ने पिछले सप्ताह शनिवार को डीआरएचपी को वापस ले लिया है.

भारतीय बाजार में इन दिनों हर आईपीओ कई गुना ज्यादा सब्सक्रिप्शन और लिस्टिंग गेन हासिल कर रहा है. इस दौर में भी हीरो मोटर्स ने अपने आईपीओ के लिए दिए गए आवेदन को वापस ले लिया है. बाजार नियामक सेबी ने सोमवार को बताया कि हीरो मोटर्स लिमिटेड ने आईपीओ के लिए दाखिल अपने ड्राफ्ट रेड हेरिंग प्रॉस्पेक्टस (डीआरएचपी) को वापस ले लिया है. ऑटो कंपोनेंट निर्माता हीरो मोटर्स ने इसी वर्ष अगस्त में सेबी को 900 करोड़ रुपये के आईपीओ के लिए डीआरएचपी जमा कराया था. सेबी की तरफ से वेबसाइट पर दी गई जानकारी के मुताबिक डीआरएचपी के प्रोसेसिंग स्टेटस में बताया गया है कि कंपनी ने 5 अक्टूबर शनिवार को ड्राफ्ट पेपर वापस ले लिए.
देश की शीर्ष दोपहिया वाहन निर्माता कंपनियों में शामिल हीरो मोटोकॉर्प के चेयरमैन पवन मुंजाल के चचेरे भाई पंकज मुंजाल की कंपनी हीरो मोटर्स ने आईपीओ तहत 500 करोड़ के फ्रैश इश्यू और 400 करोड़ रुपये के ऑफर फॉर सेल (ओएफएस) का प्रस्ताव रखा था. ओएफएस के तहत कंपनी के प्रमोटर ओपी मुंजाल होल्डिंग्स, भाग्योदय इन्वेस्टमेंट्स और हीरो साइकिल की तरफ से शेयरों की बिक्री का प्रस्ताव था. फिलहाल, प्रमोटरों के पास कंपनी की 91.65% हिस्सेदारी है. हीरो मोटर्स दोपहिया वाहनों के लिए इंजन और ट्रांसमिशन कंपोनेंट बनाती है. इसके ग्राहकों की सूची में बीएमडब्ल्यू, डुकाटी और हार्ले डेविडसन जैसी कंपनियां शामिल हैं.
कैसी कंपनी की वित्तीय हालत
पिछले वित्त वर्ष में हीरो मोटर्स ने 49% राजस्व पावरट्रेन के जरिये हासिल किया था. इसके अलावा शेष 51% राजस्व अलॉय एंड मेटल से अर्जित किया था. भौगोलिक नजरिये से देखें तो, कंपनी का करीब 59% राजस्व भारत से, 29% यूरोप से और लगभग 8% अमेरिका से आया. कंपनी का ऑपरेशनल रेवेन्यू वित्त वर्ष 2022-23 के 914.2 करोड़ रुपये से बढ़कर वित्तवर्ष 2023-24 में 1,064.4 करोड़ रुपये हो गया. इसके अलावा ग्रॉस प्रॉफिट 2022-23 के 281.4 करोड़ रुपये से बढ़कर 2023-24 में 22% की CAGR से बढ़कर 419.4 करोड़ रुपये हो गया. इस दौरान ग्रॉस मार्जिन 2022-23 के 30.78% से बढ़कर 2023-24 में 39.40% हो गया.
क्यों वापस लिया गया आईपीओ
हालांकि, हीरो मोटर्स की तरफ से इस संबंध में कोई आधिकारिक जानकारी नहीं दी गई है. लेकिन, कंपनी की तरफ से डीआरएचपी को वापस लिए जाने के फैसले को लेकर कई तरह की अटकलें लगाई जा रही हैं. फिलहाल, आईपीओ को वापस लेने के पीछे एक बड़ा कारण भारतीय बाजार की स्थिति में अचानक आया बदलाव है. पिछले एक सप्ताह में बाजार की स्थिति पूरी तरह से उल्टी हो गई है. जहां बाजार 17 से 27 सितंबर तक लगातार हर दिन नया ऑल टाइम हाई रिकॉर्ड सेट कर रहा था. वहीं, अक्टूबर का पहला सप्ताह जबरदस्त गिरावट का रहा है. विदेशी निवेशक भारत से तेजी से पैसा निकाल रहे हैं. यह संभव है कि बाजार की अनिश्चितता के माहौल को देखते हुए कंपनी ने आईपीओ को टालने का फैसला किया हो.
नियामकीय व अनुपालन संबंधी मामला
इसके अलावा कंपनी की व्यावसायिक रणनीति, विनियामक अनुपालन जैसे आंतरिक मसलों के चलते भी यह फैसला संभव है. इसके अलावा यह भी संभव है कि बाजार नियामक सेबी ने कंपनी से कुछ अतिरिक्त जानकारियां मांगी हों, जिन्हें देने के लिए कंपनी तैयार नहीं हो.
वैकल्पिक फाइनेंसिंग विकल्प
आईपीओ को वापस लिए जाने के का एक बड़ा कारण यह भी हो सकता है कि हीरो मोटर्स को जरूरी फाइनेंसिंग के कोई दूसरे स्रोत मिल गए हों. इनमें प्राइवेट इक्विटी या कर्ज जैसे उपाय शामिल हैं.
पुनर्मूल्यांकन
यह भी संभव है कि कंपनी ने अपने पुनर्मुल्यांकन के लिए आईपीओ का प्रस्ताव वापस ले लिया हो, ताकि भविष्य में अच्छे मूल्यांकन के साथ आईपीओ लाया जा सके.
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