जियोपॉलिटिकल टेंशन के बावजूद भारतीय शेयर बाजार में नई कंपनियों की लगातार एंट्री, IPO के जरिए जुटाए ₹45,350 करोड़
जनवरी-जून 2025 में भारतीय आईपीओ बाजार ने शानदार प्रदर्शन किया. इस अवधि में 24 कंपनियों ने 45 हजार करोड़ रुपये से अधिक जुटाए. वैश्विक अनिश्चितताओं के बीच 67 फीसदी आईपीओ प्रीमियम पर लिस्ट हुए, निवेशकों को 25 फीसदी औसत रिटर्न मिला. सेबी के पास ड्राफ्ट फाइलिंग दोगुनी से अधिक हुईं. मैन्युफैक्चरिंग और इंस्ट्रक्चर क्षेत्रों का दबदबा रहा, लेकिन भविष्य की राह अनिश्चितताओं से भरी है. पढ़ें पूरी खबर...

IPO In H1FY26: जनवरी-जून 2025 में भारतीय आईपीओ (Initial Public Offering) बाजार ने 45 फीसदी की उल्लेखनीय बढ़ोतरी हुई है, जिसमें 24 कंपनियों ने 45,351 करोड़ रुपये जुटाए, जो पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि के 31,281 करोड़ रुपये से काफी अधिक है. वैश्विक अनिश्चितताओं और भू-राजनीतिक तनावों के बावजूद, 67 फीसदी आईपीओ प्रीमियम पर लिस्ट हुए, जिन्होंने निवेशकों को औसतन 25 फीसदी रिटर्न दिया. प्रमुख आईपीओ में एचडीबी फाइनेंशियल और हेक्सावेयर टेक्नोलॉजीज शामिल हैं. सेबी के पास ड्राफ्ट फाइलिंग में भी तेजी आई, जिसमें 118 कंपनियों ने दस्तावेज जमा किए. मैन्युफैक्चरिंग और इंफ्रास्ट्रक्चर क्षेत्रों का दबदबा रहा.
मजबूत प्रदर्शन और निवेशक रिटर्न
मर्चेंट बैंकरों के डाटा के अनुसार, 2025 की पहली छमाही में 24 मेनबोर्ड आईपीओ (Mainboard IPO) लॉन्च किए गए, जिनमें से 67 फीसदी प्रीमियम पर लिस्ट हुए हैं. इन आईपीओ ने निवेशकों को औसतन 25 फीसदी रिटर्न दिया है. प्रमुख आईपीओ में एचडीबी फाइनेंशियल सर्विसेज (12,500 करोड़ रुपये), हेक्सावेयर टेक्नोलॉजीज (8,750 करोड़ रुपये), श्लॉस बैंगलोर (3,500 करोड़ रुपये), और एथर एनर्जी (2,981 करोड़ रुपये) शामिल हैं. इनमें से अधिकांश आईपीओ में ताजा इक्विटी यानी फ्रेश शेयर और मौजूदा शेयरधारकों द्वारा बिक्री (Offer For Sale) की पेशकश शामिल थी. आईपीओ के जरिए जुटाए धन का इस्तेमाल व्यापार का विस्तार करने, कर्ज चुकाने और वर्किंग कैपिटल की जरूरतों के लिए किया गया.
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ड्राफ्ट फाइलिंग में भी आई तेजी
जेएम फाइनेंशियल इंस्टीट्यूशनल सिक्योरिटीज की मैनेजिंग डायरेक्टर नेहा अग्रवाल ने कहा, “वैश्विक व्यापार तनाव, भू-राजनीतिक अनिश्चितताओं और मैक्रोइकॉनमिक चुनौतियों के बावजूद, कंपनियों ने इस अवधि में 45,000 करोड़ रुपये से अधिक जुटाए.” इसके अलावा, 2025 की पहली छमाही में सेबी के पास ड्राफ्ट आईपीओ फाइलिंग में भी तेज वृद्धि देखी गई है. इस दौरान 118 कंपनियों ने इनिशियल डॉक्यूमेंट जमा किए, जो 2024 की समान अवधि में 52 की तुलना में दोगुने से अधिक है. जेएम फाइनेंशियल ने 10 आईपीओ के साथ 26,838 करोड़ रुपये जुटाकर आईपीओ लीग टेबल में शीर्ष स्थान हासिल किया.
इन क्षेत्रों का रहा दबदबा
ज्यादातर कंपनियां जो आईपीओ के जरिए पूंजी जुटा रही थीं, वे मैन्युफैक्चरिंग और इंफ्रास्ट्रक्चर क्षेत्रों से थीं. जुलाई में कम से कम चार आईपीओ लॉन्च किए गए और पांच अन्य पाइपलाइन में हैं, जो बाजार के लिए साकारात्मक है. 2025 की दूसरी छमाही के लिए निवेशक आशावादी दृष्टिकोण अपना रहे हैं. चॉइस कैपिटल एडवाइजर्स के सीईओ रतिराज तिबरेवाल ने कहा कि महंगाई, ब्याज दरों, भू-राजनीतिक तनावों और करेंसी स्टेबिलिटी जैसे वैश्विक और घरेलू रुकावटों में कमी के कारण आर्थिक स्थिति में सुधार की उम्मीद है. जियोजित फाइनेंशियल सर्विसेज के रिसर्च हेड विनोद नायर ने कहा कि Q1FY26 और Q2FY26 में आय में सुधार और अमेरिका के साथ व्यापार समझौते में प्रगति आईपीओ बाजार की दिशा तय करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी.
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