IPO से 15 दिनों में 600 करोड़ की कमाई, बैंकरों की दिवाली से पहले चांदी; LG और TATA कैपिटल बने मुनाफे का सौदा
अक्टूबर 2025 के पहले पंद्रह दिनों में सात कंपनियों के IPO से इन्वेस्टमेंट बैंकरों ने करीब 600 करोड़ रुपये की फीस कमाई. LG इलेक्ट्रॉनिक्स इंडिया और टाटा कैपिटल के बड़े इश्यू ने सबसे ज्यादा फीस दी. कुल IPO फंडरेजिंग 35,000 करोड़ रुपये से ज्यादा रही. छोटे IPO में फीस का प्रतिशत ज्यादा और बड़े IPO में कम रहा.
Investment Bankers Fees: अक्टूबर में इन्वेस्टमेंट बैंकरों के लिए दिवाली वक्त से पहले ही खुशियों की सौगात लेकर आई है. इस महीने के पहले पंद्रह दिनों में सात कंपनियों के IPO से बैंकरों ने लगभग 600 करोड़ रुपये की मोटी कमाई की है. टाटा कैपिटल और LG इलेक्ट्रॉनिक्स इंडिया जैसे बड़े IPO ने सबसे ज्यादा फीस दी. बाजार में IPO की रफ्तार ने न सिर्फ निवेशकों को बल्कि बुक रनिंग लीड मैनेजर यानी BRLM को भी बड़ा फायदा पहुंचाया है.
LG के IPO से सबसे ज्यादा कमाई
बिजनेस स्टैंडर्ड की रिपोर्ट के मुताबिक, LG इलेक्ट्रॉनिक्स इंडिया के 11,607 करोड़ रुपये के IPO ने इन्वेस्टमेंट बैंकरों को लगभग 226 करोड़ रुपये की फीस दी, जो कुल इश्यू साइज का करीब 1.95 फीसदी है. वहीं टाटा कैपिटल के 15,512 करोड़ रुपये के IPO से 159 करोड़ रुपये की फीस मिली, जो लगभग 1 फीसदी के बराबर है. इन दोनों IPO में कई बड़ी घरेलू और विदेशी बैंकों ने काम किया.
छोटे IPO में भी अच्छी कमाई
अक्टूबर में आए बाकी पांच IPO से बैंकरों ने 1.4 फीसदी से 3.2 फीसदी तक फीस कमाई. रुबिकॉन रिसर्च के 1,378 करोड़ रुपये के इश्यू से सबसे ज्यादा 3.19 फीसदी फीस मिली. इससे साफ है कि छोटे साइज के IPO में फीस का प्रतिशत बड़ा रहता है जबकि बड़े IPO में यह प्रतिशत कम हो जाता है.
कुल फीस 600 करोड़ रुपये
सात IPO से बैंकरों को कुल लगभग 600 करोड़ रुपये यानी करीब 70 मिलियन डॉलर की फीस मिली. यह अक्टूबर को प्राइमरी मार्केट के लिए सबसे व्यस्त महीनों में से एक बना देता है. इस दौरान कुल IPO फंडरेजिंग 35,000 करोड़ रुपये से ज्यादा रही है.
पिछले बड़े IPO में भी मोटी कमाई
अगर पिछले बड़े सौदों की बात करें तो हुंडई मोटर इंडिया का 27,870 करोड़ रुपये का IPO अब तक का सबसे बड़ा रहा है, जिसने 493 करोड़ रुपये की फीस दी. इसके अलावा पेटीएम, वोडाफोन आइडिया और जोमैटो जैसे बड़े इश्यू भी इन्वेस्टमेंट बैंकरों के लिए बड़ी कमाई का जरिया रहे हैं.
फीस रेंज 1 से 3 फीसदी तक
प्राइवेट सेक्टर की बड़ी डील्स में बैंकरों की फीस आमतौर पर इश्यू साइज के 1 से 3 फीसदी तक होती है, जबकि पब्लिक सेक्टर की डील्स में यह रेट कम रहती है. इस साल अब तक 1.1 ट्रिलियन रुपये से ज्यादा की राशि IPO के जरिए जुटाई जा चुकी है, जिससे इन्वेस्टमेंट बैंकिंग सेक्टर को बड़ा बूस्ट मिला है.
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आगे भी बनी रहेगी IPO की रफ्तार
आने वाले महीनों में भी बाजार में कई बड़ी कंपनियों के IPO आने की तैयारी है. इनमें ICICI प्रूडेंशियल एएमसी, लेंस्कार्ट, फोनपे, ग्रो, फिजिक्सवाला, मीशो, पाइन लैब्स और जेपटो जैसी कंपनियां शामिल हैं. इन सौदों के जरिए इन्वेस्टमेंट बैंकरों को 2025 में भी भारी बोनस मिलने की संभावना है.