चांदी से 3 महीने में 1000 करोड़ की कमाई, वेदांता को बंपर फायदा, 5 साल में 177 फीसदी रिटर्न

हिंदुस्तान जिंक लिमिटेड (HZL) ने सितंबर तिमाही में 2649 करोड़ रुपये का मुनाफा दर्ज किया. इसमें चांदी से 1060 करोड़ रुपये आए. चांदी की इनकम तिमाही दर तिमाही 10 फीसदी और साल दर साल 20 फीसदी बढ़ी. कंपनी दुनिया की टॉप पांच सिल्वर प्रोड्यूसर में शामिल है. इसने जिंक और सीसा के साथ मिलने वाली नेचुरल चांदी को रिफाइन किया.

HZL ने सितंबर तिमाही में 2649 करोड़ रुपये का मुनाफा दर्ज किया. Image Credit: CANVA

Silver Profit HZL: हिंदुस्तान जिंक लिमिटेड यानी HZL ने सितंबर तिमाही में जबरदस्त मुनाफा दर्ज किया है. कंपनी की कमाई में चांदी का अहम योगदान रहा है. अरबपति उद्योगपति अनिल अग्रवाल के वेदांता ग्रुप की इस कंपनी ने केवल तीन महीने में चांदी से लगभग 1000 करोड़ रुपये से ज्यादा का मुनाफा कमाया. यह कंपनी की रणनीतिक मजबूती और प्रीमियम मेटल सेगमेंट में बढ़ते फोकस को दिखाता है.

मुनाफे में 19 फीसदी की बढ़ोतरी

HZL ने सितंबर 2025 को खत्म हुई तिमाही में 2649 करोड़ रुपये का कंसॉलिडेटेड मुनाफा दर्ज किया. यह पिछली तिमाही की तुलना में 19 फीसदी अधिक है. कंपनी के कुल मुनाफे में करीब 40 फीसदी योगदान सिर्फ चांदी का रहा, जो लगभग 1060 करोड़ रुपये बैठता है. कंपनी ने कीमती धातुओं के कारोबार में मजबूत पकड़ दिखाई है.

चांदी से मिली रिकॉर्ड कमाई

हिंदुस्तान जिंक ने तिमाही में 1706 करोड़ रुपये की चांदी की इनकम दर्ज की. यह तिमाही दर तिमाही 10 फीसदी और साल दर साल 20 फीसदी की बढ़ोतरी है. वैश्विक बाजार में चांदी की कीमतों में तेजी और कंपनी के मजबूत ऑपरेशनल प्रदर्शन ने इस शानदार ग्रोथ को संभव बनाया.

कैसे है शेयरों का प्रदर्शन

Hindustan Zinc Ltd का शेयर शुक्रवार को 1.27 फीसदी की गिरावट के साथ 500 रुपये पर बंद हुआ. कंपनी का मार्केट कैप 2,11,372 करोड़ रुपये है. इसके शेयर की हाई और लो कीमत क्रमशः 575 और 378 रुपये रही. कंपनी का स्टॉक P/E रेशियो 20.8 है. डिविडेंड यील्ड 5.76 फीसदी है. ROCE 60.7 फीसदी और ROE 72.4 फीसदी है. कंपनी का फेस वैल्यू 2 रुपये है. पिछले 5 साल में इसने 131 फीसदी की रिटर्न दी है.

टॉप सिल्वर प्रोड्यूसर कंपनी

HZL दुनिया की टॉप पांच चांदी प्रोडक्शन कंपनियों में शामिल है. कंपनी सीसा और जिंक के साथ मिलने वाली नेचुरल चांदी को रिफाइन करके बाजार में बेचती है. हाल के वर्षों में इसकी इनकम में चांदी की हिस्सेदारी लगातार बढ़ रही है, जिससे यह मेटल कंपनी के लिए अहम रेवेन्यू सोर्स बन गई है.

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रणनीति का मिला फायदा

वेदांता ग्रुप ने कोर जिंक बिजनेस के साथ कीमती धातुओं पर भी ध्यान बढ़ाया है. यही वजह है कि कंपनी को चांदी के दाम बढ़ने और प्रोडक्शन में मजबूती का सीधा फायदा हुआ. निवेशकों के लिए यह संकेत है कि कंपनी आने वाले समय में भी इस सेगमेंट में अच्छा प्रदर्शन जारी रख सकती है.