IIT-IIM स्टूडेंट्स को पढ़ाने वाली कंपनी का खुला IPO, US तक फैला है कारोबार; दांव लगाने से पहले जानें हकीकत

जारो इंस्टीट्यूट, भारत का प्रमुख ऑनलाइन हायर एजुकेशन और स्किल डेवलपमेंट प्लेटफॉर्म है. इसका आईपीओ 23 से 25 सितंबर 2025 तक सब्सक्रिप्शन के लिए खुला है. कंपनी 450 करोड़ रुपये जुटाने का लक्ष्य रख रही है, जिसमें 170 करोड़ रुपये फ्रेश इश्यू और 280 करोड़ रुपये ऑफर फॉर सेल शामिल हैं.

Jaro Institute IPO Image Credit: Canva/ Money9

Jaro Institute IPO: हायर एजुकेशन और स्किल डेवलपमेंट प्लेटफॉर्म Jaro Institute का IPO सब्सक्रिप्शन के लिए खुल चुका है. शुरुआती दो घंटे में इश्यू में निवेशकों ने कोई खास दिलचस्पी नहीं दिखाई है. इसके जरिए कंपनी बाजार से 450 करोड़ रुपये जुटा रही है. निवेशकों के पास 25 सितंबर तक इस इश्यू में इन्वेस्ट करने का मौका है. इसमें 170 करोड़ रुपये का फ्रेश इश्यू के साथ 280 करोड़ रुपये का OFS शामिल है. यानी इश्यू का पूरा पैसा कंपनी के पास नहीं जाएगी.

Jaro Institute IPO डिटेल्स

इस इश्यू के लिए कंपनी ने 846 रुपये से 890 रुपये का इश्यू प्राइस बैंड तय किया है. रिटेल निवेशक को 16 शेयरों का एक लॉट खरीदना होगा. इसके लिए 14240 रुपये निवेश करने होंगे.

डिटेल्सजानकारी
आईपीओ की तारीख23 सितंबर 2025 से 25 सितंबर 2025
फेस वैल्यू₹10 प्रति शेयर
इश्यू प्राइस बैंड₹846 से ₹890 प्रति शेयर
लॉट साइज16 शेयर
टोटल इश्यू साइज50,56,179 शेयर (₹4500.00 करोड़ तक)
फ्रेश इश्यू19,10,112 शेयर (₹1700.00 करोड़ तक)
OFS31,46,067 शेयर (₹2800.00 करोड़ तक)
कहां होगी लिस्टिंगBSE, NSE

कितना हुआ सब्सक्रिप्शन?

खबर लिखे जाने तक यह इश्यू 0.37 गुना सब्सक्राइब हुआ है. NII ने सबसे अधिक दिलचस्पी दिखाई है. रिटेल कैटेगरी में 0.23 गुना, NII कैटेगरी में 1.17 गुना सब्सक्राइब हुआ और अब तक QIB कैटेगरी में बोली लगी ही नहीं है.

GMP का क्या है हाल?

23 सितंबर की सुबह 8 बजे इस इश्यू का ग्रे मार्केट प्रीमियम यानी GMP में 13.71 फीसदी की तेजी दर्ज की गई है. ग्रे मार्केट में इसके शेयर 122 रुपये के प्रीमियम पर कारोबार कर रहे हैं. इस आधार पर यह बाजार में 1012 रुपये पर लिस्ट हो सकते हैं. हालांकि, यह एक अनुमानित राशि है. इसमें बदलाव संभव हैं.

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जान लें नफा-नुकसान

Screener के अनुसार, पिछले 5 वर्षों में कंपनी ने 55.5 फीसदी की CAGR के साथ अच्छी प्रॉफिट ग्रोथ हासिल की है. पिछले 3 सालों में इक्विटी पर रिटर्न यानी ROE भी 33.9 फीसदी है. हालांकि, कुछ नकारात्मक पहलुओं पर भी ध्यान देने की जरूरत है. डेबिटर डेज (Debtor days) में 31.5 दिनों से बढ़कर 52.4 दिन हो गए हैं. यानी कंपनी को अब अपने ग्राहक से बकाया लेने में 31.5 दिन की जगह 52.4 दिन लगते हैं. वर्किंग कैपिटल डेज भी 155 दिनों से बढ़कर 227 दिन हो गए हैं, जो कंपनी के लिए चिंता का कारण हो सकता है.

क्या करती है कंपनी?

जारो इंस्टीट्यूट भारत का एक प्रमुख ऑनलाइन हायर एजुकेशन और स्किल डेवलपमेंट प्लेटफॉर्म है. 31 मार्च 2024 तक, यह 34 पार्टनर संस्थानों के साथ काम करता था, जिनमें IIT, IIM, स्विस स्कूल ऑफ मैनेजमेंट, रॉटमैन स्कूल ऑफ मैनेजमेंट और टोरंटो यूनिवर्सिटी जैसे नाम शामिल हैं. कंपनी टॉप कॉर्पोरेट्स के साथ भी प्रोफेशनल लर्निंग के लिए पार्टनरशिप करती है. पूरे भारत में इसके 22 ऑफिस-कम-लर्निंग सेंटर हैं और 15 स्टूडियो आईआईएम कैंपस पर बने हैं.

कौन हैं क्लाइंट?

यह 13 भारतीय यूनिवर्सिटीज के साथ डिग्री कोर्स जैसे BBA, MBA, M.com, MA, PGDM, MCA, B.Com और BCA ऑफर करता है, जिनमें से 9 यूनिवर्सिटीज एनआईआरएफ के टॉप 100 में हैं. इसके अलावा, 21 पार्टनर इंस्टीट्यूट्स के जरिए मैनेजमेंट, फिनटेक, डेटा साइंस, बिजनेस एनालिटिक्स, डिजाइन थिंकिंग और डिजिटल मार्केटिंग जैसे क्षेत्रों में ऑनलाइन, हाइब्रिड और इन-पर्सन सर्टिफिकेशन प्रोग्राम उपलब्ध हैं, जिनमें 7 आईआईएम और 6 आईआईटी शामिल हैं.

डिसक्लेमर: इस खबर में GMP से संबंधित जानकारी दी गई है. मनी9लाइव का GMP तय करने से कोई संबंध नहीं है. मनी9लाइव निवेशकों को यह भी सचेत करता है कि केवल जीएमपी के आधार पर निवेश पर फैसला नहीं करें. निवेश से पहले कंपनी के फंडामेंटल जरूर देखें और एक्सपर्ट की सलाह अवश्य लें.