ब्लैक गैलेक्सी ग्रेनाइट की लीडर है ये कंपनी, ला रही ₹451 करोड़ का IPO; SBI Securities ने बताया दांव लगाए या नहीं
Midwest Ltd का IPO 15 अक्टूबर को खुलेगा और 17 अक्टूबर को बंद होगा. यह कंपनी ब्लैक गैलेक्सी और एब्सोल्यूट ब्लैक ग्रेनाइट में भारत की लीडर है. IPO के जरिए कंपनी 451 करोड़ रुपये जुटाएगी. SBI Securities के अनुसार, IPO में मजबूत हाइलाइट्स के साथ-साथ BEML विवाद, रेगुलेटरी और ग्राहक/एक्सपोर्ट रिस्क भी हैं.

Midwest IPO SBI Securities Note: प्राइमरी मार्केट में मौजूदा समय में कई इश्यू खुले हैं वहीं कई खुलने वाले भी हैं. इसी कड़ी में बुधवार, 15 अक्टूबर को मेनबोर्ड सेगमेंट में एक इश्यू की एंट्री होने वाली है जिसका नाम Midwest है. मिडवेस्ट का आईपीओ 13 अक्टूबर को खुलेगा और 17 अक्टूबर को बंद हो जाएगा. यह कंपनी क्वार्ट्ज, मार्बल और ग्रेनाइट की खोज, खनन, प्रोसेसिंग और एक्सपोर्ट में एक्टिव है. Midwest भारत का सबसे बड़ा ब्लैक गैलेक्सी ग्रेनाइट प्रोड्यूसर और एक्सपोर्टर है और इसके पास 20 ऑपरेशनल माइन हैं, जिनमें 16 ग्रेनाइट, 3 क्वार्ट्ज और 1 मार्बल माइन शामिल हैं.
इसी आईपीओ को लेकर एसबीआई सिक्योरिटीज ने आईपीओ नोट जारी किया है. ब्रोकरेज ने मिडवेस्ट को लेकर न्यूट्रल आउटलुक जारी किया है. इससे इतर, हम आपको जीएमपी से लेकर आईपीओ की बेसिक जानकारियां भी देने वाले हैं. कंपनी का खनन क्षेत्र तेलंगाना, आंध्र प्रदेश, कर्नाटक और तमिलनाडु में फैला हुआ है. इसको लेकर एसबीआई सिक्योरिटीज ने कंपनी को लेकर हाइलाइट्स और रिस्क फैक्टर साझा किया है. आइए विस्तार में बताते हैं.
IPO की मुख्य हाइलाइट्स
ब्लैक गैलेक्सी और एब्सोल्यूट ब्लैक ग्रेनाइट में लीडर
Midwest भारत का सबसे बड़ा ब्लैक गैलेक्सी ग्रेनाइट निर्माता है. FY25 में कंपनी का भारतीय निर्यात बाजार में हिस्सा 64 फीसदी था. ब्लैक गैलेक्सी ग्रेनाइट प्रीमियम स्टोन है, जिसे लग्जरी होटलों, रियल एस्टेट प्रोजेक्ट्स, काउंटर टॉप्स, फ्लोरिंग, वॉरटीज और स्वीमिंग पूल जैसी जगहों पर इस्तेमाल किया जाता है. कंपनी तीन ब्लैक गैलेक्सी ग्रेनाइट माइन संचालित करती है और इसके अलावा एब्सोल्यूट ब्लैक ग्रेनाइट में भी भारत में सबसे बड़ा प्रोड्यूसर है.
बैकवर्ड इंटीग्रेशन और डायमंड वायर मैन्युफैक्चरिंग
Midwest का माइन से लेकर डिस्ट्रीब्यूशन तक का नेटवर्क मजबूत है. कंपनी ने डायमंड वायर का प्रोडक्शन शुरू किया, जो नैचुरल पत्थर और निर्माण उद्योग में पत्थरों की सटीक कटिंग के लिए इस्तेमाल होता है. यह प्रोडक्शन कंपनी के प्राकृतिक पत्थर सेगमेंट के लिए भी उपयोगी है और मार्केट की मांग को पूरा करता है.
नई बिजनेस में प्रवेश
कंपनी अपने व्यवसाय का विस्तार करते हुए क्वार्ट्ज, लाजा ग्रे मार्बल, सेलेस्टिया क्वार्टजाइट और हेवी मटेरियल सैंड माइनिंग में कदम रख रही है. नवंबर 2020 में कंपनी ने आंध्र प्रदेश में दो क्वार्ट्ज माइन हासिल कीं, जो अब संचालन के लिए तैयार हैं. कंपनी एक क्वार्ट्ज प्रोसेसिंग प्लांट भी बना रही है, जिसकी क्षमता 6,06,600 MTPA होगी और इसे दो चरणों में संचालित किया जाएगा.
IPO से जुड़े रिस्क फैक्टर्स
BEML Ltd के साथ विवाद और लंबित मुकदमे
Midwest ने 2005 में BEML के साथ BEML Midwest Ltd जॉइंट वेंचर बनाया था. इसके मैनेजमेंट को लेकर विवाद हुए और दोनों पक्षों ने कई कानूनी मुकदमे दर्ज किए. कंपनी के प्रमोटर को 2015 में CBI नोटिस मिला था. इसके चलते अलग-अलग मामलों की जांच की गई और 2022 में NCLT ने BEML के निदेशकों की मिसमैनेजमेंट पाई, लेकिन सभी डायरेक्टर्स को जिम्मेदार ठहराया. फिलहाल BEML Midwest लिक्विडेशन में है, और किसी भी तरह के नए कानूनी फैसले कंपनी के वित्तीय स्थिति, प्रतिष्ठा और बिजनेस पर असर डाल सकते हैं.
रेगुलेटरी रिस्क
नेचुरल स्टोन के एक्सप्लोरेशन और माइनिंग के लिए कई सरकारी अनुमोदन आवश्यक हैं. माइनिंग इंडस्ट्री पर्यावरणीय प्रभाव और सरकारी नीतियों के तहत निगरानी में है.
कस्टमर और एक्सपोर्ट रिस्क
FY25 में कंपनी के 10 बड़े ग्राहक कुल रेवेन्यू का 51 फीसदी और Q1FY26 में 63 फीसदी योगदान दे रहे हैं. अगर इनमें से कोई बड़ा ग्राहक हटता है, तो कंपनी की आमदनी पर असर पड़ सकता है. कुल रेवेन्यू का लगभग 57 फीसदी से 64 फीसदी विदेशों से आता है, जिसमें चीन प्रमुख है. चीन की नीति, व्यापारिक विवाद या प्राकृतिक आपदाएं कंपनी के निर्यात और वितरण पर असर डाल सकती हैं.
GMP का हाल?
आमतौर पर IPO को लेकर निवेशकों की नजर ग्रे मार्केट पर टिकी रहती है. लेकिन मिडवेस्ट का आईपीओ ग्रे मार्केट पर बगैर किसी प्रीमियम का ट्रेड कर रहा है. मौजूदा संकेतों की बात करें तो इश्यू की लिस्टिंग बगैर किसी लिस्टिंग गेन यानी 0 पर हो सकती है. जीएमपी का यह सिलसिला पिछले 4 दिनों से चल रहा है.
IPO की बेसिक डिटेल्स?
मिडवेस्ट का आईपीओ 15 अक्टूबर को खुलेगा और 17 अक्टूबर को बंद हो जाएगा. इश्यू के जरिये कंपनी 451 करोड़ रुपये जुटाना चाहती है. इसमें से 250 करोड़ रुपये फ्रेश और 201 करोड़ रुपये ऑफर फॉर सेल (OFS) के जरिये जुटाए जाएंगे. कंपनी ने आईपीओ के लिए 1014 रुपये से 1065 रुपये का प्राइस बैंड तय किया है. आईपीओ के एक लॉट में 14 शेयर शामिल हैं. इसमें निवेश करने के लिए रिटेल निवेशकों को कम से कम 14,910 रुपये खर्च करने पड़ेंगे.
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डिसक्लेमर: मनी9लाइव का GMP और IPO तय करने से कोई संबंध नहीं है. मनी9लाइव निवेशकों को यह भी सचेत करता है कि केवल जीएमपी के आधार पर निवेश पर फैसला नहीं करें. निवेश से पहले कंपनी के फंडामेंटल जरूर देखें और एक्सपर्ट की सलाह अवश्य लें.
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