NSE के IPO का रास्ता हुआ साफ! सेबी से मामलों के निपटारे के लिए ₹1,300 करोड़ रखे अलग
नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) ने सेबी से जुड़े मामलों के निपटारे के लिए 1,300 करोड़ रुपये अलग रखे हैं, जिससे इसके लंबे समय से लंबित आईपीओ का रास्ता साफ हो सकता है. हालांकि, सितंबर तिमाही में NSE का शुद्ध लाभ 33% गिरकर 2,098 करोड़ रुपये पर आ गया है.
भारत के सबसे बड़े स्टॉक एक्सचेंज यानी नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) के आईपीओ को लेकर एक बड़ा अपडेट सामने आया है. NSE ने अपने लंबे समय से लंबित आईपीओ (IPO) की दिशा में एक अहम कदम उठाते हुए सेबी (भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड) से जुड़े मामलों के निपटारे के लिए 1,300 करोड़ रुपये अलग रखे हैं. यह कदम एक्सचेंज की लिस्टिंग प्रक्रिया को आगे बढ़ाने में बड़ी भूमिका निभा सकता है जो करीब नौ वर्षों से अटकी हुई है.
NSE ने क्या बताया
ET के अनुसार, NSE ने मंगलवार को बताया कि उसने सेबी के साथ लंबित मामलों के निपटारे के लिए कुल 1,387 करोड़ रुपये की दो अलग-अलग सेटलमेंट अर्जी दाखिल की है. इन मामलों का संबंध 2018 के सेबी सेटलमेंट रेगुलेशन के तहत को-लोकेशन और डार्क फाइबर विवादों से है. NSE ने कहा कि निपटारे के लिए उसने चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही (Q2 FY26) में 1,297 करोड़ रुपये का प्रावधान किया है, जिसमें ब्याज भी शामिल है.
साफ होगा IPO का रास्ता
यह फैसला 2019 में लगाए गए उस 1,100 करोड़ रुपये के जुर्माने से जुड़े विवादों के समाधान की दिशा में उठाया गया है, जिसमें NSE पर सभी ट्रेडिंग सदस्यों को समान एक्सेस देने में विफल रहने का आरोप लगा था. विशेषज्ञों का मानना है कि सेबी की मंजूरी मिलते ही यह सेटलमेंट NSE के बहुप्रतीक्षित आईपीओ का रास्ता साफ कर सकता है.
NSE का Q2 रिजल्ट
सितंबर तिमाही में NSE का शुद्ध लाभ (कंसोलिडेटेड प्रॉफिट आफ्टर टैक्स) 33% घटकर 2,098 करोड़ रुपये रहा जबकि पिछले वर्ष की समान अवधि में यह 3,137 करोड़ रुपये था. NSE ने बताया कि यदि सेबी सेटलमेंट चार्ज को हटाया जाए तो समायोजित लाभ 3,396 करोड़ रुपये रहा जो तिमाही आधार पर 16% की बढ़त दिखाता है. वहीं, कंपनी की कुल आय (टोटल इनकम) 17% घटकर 4,160 करोड़ रुपये रही, जो पिछले साल इसी अवधि में 5,023 करोड़ रुपये थी.
कंपनी ने कहा कि इस तिमाही में लेनदेन शुल्क से होने वाली आय में 12% की गिरावट आई है, जो ट्रेडिंग गतिविधियों में कमी को दिखाता है. इक्विटी ऑप्शंस के औसत डेली कारोबार में भी 16% की गिरावट दर्ज की गई है.
कब आ सकता है IPO
NSE के प्रबंध निदेशक और सीईओ आशीषकुमार चौहान ने ET Now को हाल ही में दिए एक साक्षात्कार में कहा था कि एक्सचेंज अपने शेयरों की लिस्टिंग अगले संवत 2082 में कर सकता है, बशर्ते उसे सेबी की मंजूरी मिल जाए. उन्होंने कहा, “हम आशा करते हैं कि नए संवत में हम NSE को लिस्ट कर पाएंगे. सेबी से ‘नो ऑब्जेक्शन सर्टिफिकेट’ (NOC) मिलते ही हम 8 से 10 महीनों के भीतर लिस्टिंग की प्रक्रिया पूरी करने की योजना पर काम करेंगे.”