NSE के IPO का रास्ता साफ, SEBI करेगी ये बड़ा बदलाव! रिलायंस Jio को भी मिलेगा फायदा, जानें क्या है तैयारी
SEBI ने IPO नियमों में ढील देने का प्रस्ताव दिया है. इससे Reliance Jio और NSE जैसे बड़े IPO को राहत मिलेगी. नए नियमों के तहत बड़ी कंपनियों को अब कम हिस्सेदारी बेचनी होगी, जिससे उनका बोझ कम होगा और निवेशकों के लिए अवसर बढ़ेंगे. Jio, NSE, Flipkart और PhonePe जैसी कंपनियां इस बदलाव से फायदा उठा सकती हैं.
Reliance Jio NSE IPO: शेयर बाजार में जल्द ही दो बड़े IPO रिलायंस जियो और नेशनल स्टॉक एक्सचेंज NSE IPO दस्तक दे सकते हैं. इन दोनों का इंतजार निवेशक लंबे समय से कर रहे हैं. लेकिन सेबी के नियम इसमें बाधा बन रहे थे. अब सेबी ने एक बड़ा फैसला लेते हुए नियमों में बदलाव का प्रस्ताव दिया है. जिससे इन दोनों के IPO जल्दी ही आने की उम्मीद है. सेबी के इस फैसले का असर बाजार में बड़े पैमाने पर निवेशकों की दिलचस्पी बढ़ाएगा.
बड़े IPO के लिए SEBI का नया प्रस्ताव
इकोनॉमिक्स टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक SEBI ने नए प्रस्ताव में कहा है कि जिन कंपनियों का मार्केट कैप 50 हजार करोड़ रुपये से ज्यादा होगी उन्हें IPO के समय कम से कम 8 फीसदी इक्विटी बेचनी होगी. अभी यह नियम 10 फीसदी का है. वहीं 1 लाख करोड़ से ज्यादा वैल्यू वाली कंपनियों के लिए यह हिस्सेदारी सिर्फ 2.75 फीसदी और 5 लाख करोड़ से ज्यादा वैल्यू वाली कंपनियों के लिए 2.5 फीसदी तय की गई है.
रिलायंस जियो के लिए बड़ी राहत
रिलायंस का वैल्यूएशन करीब 1.04 लाख करोड़ रुपये है. मौजूदा नियमों के तहत उसे कम से कम 5 फीसदी हिस्सेदारी बेचनी पड़ती जिससे 6 बिलियन डॉलर से ज्यादा का IPO होता. यह भारतीय बाजार के लिए बड़ा दबाव था. SEBI के नए प्रस्ताव के बाद अब जियो सिर्फ 2.5 फीसदी हिस्सेदारी बेचकर करीब 3 अरब डॉलर जुटा सकती है. इससे IPO का आकार छोटा होगा और निवेशकों के लिए ज्यादा आसान बनेगा.
NSE और अन्य कंपनियों को भी फायदा
NSE का वैल्यूएशन 50 अरब डॉलर से ज्यादा आंका जा रहा है. नए नियमों के चलते NSE को भी अपने IPO में फायदा होगा. इसके अलावा Walmart की सब्सिडरी PhonePe और Flipkart जैसी बड़ी कंपनियां भी इस ढील से फायदा उठा सकती हैं. पहले भी SEBI ने LIC को 5 फीसदी की बजाय सिर्फ 3.5 फीसदी शेयर बेचने की अनुमति दी थी.
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क्या होगा बाजार पर असर
इकोनॉमिक्स टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक बड़ी कंपनियों के लिए फ्लोट कम करने से सेकेंडरी मार्केट में लिक्विडिटी बनी रहेगी. अगर बड़ी कंपनियां ज्यादा शेयर बेचतीं तो बाजार से भारी रकम बाहर निकल जाती. अब निवेशकों को रिलायंस की 29 अगस्त की वार्षिक आम बैठक का इंतजार है जहां जियो की लिस्टिंग पर संकेत मिल सकते हैं. SEBI के इन नए नियमों को भारतीय शेयर बाजार में रिकॉर्ड तोड़ IPO के दौर की शुरुआत माना जा रहा है.