डिफेंस इलेक्ट्रॉनिक्स कंपनी Tonbo Imaging India लाने वाली है IPO, फाइल किया DRHP; इतने शेयर बेचेंगे प्रमोटर
बेंगलुरु की डिफेंस इलेक्ट्रॉनिक्स कंपनी टोनबो इमेजिंग इंडिया ने IPO लाने की दिशा में बड़ा कदम उठाया है. कंपनी ने सेबी के पास डीआरएचपी दाखिल किया है. यह IPO पूरी तरह ऑफर फॉर सेल पर आधारित होगा, जिसमें 1.8 करोड़ इक्विटी शेयर बेचे जाएंगे और कोई फ्रेश इश्यू शामिल नहीं है.
Tonbo Imaging India IPO: बेंगलुरु की डिफेंस इलेक्ट्रॉनिक्स कंपनी टोनबो इमेजिंग इंडिया ने कैपिटल मार्केट्स में कदम रखते हुए IPO के लिए ड्राफ्ट रेड हेरिंग प्रॉस्पेक्टस दाखिल कर दिया है. कंपनी ने यह DRHP बाजार नियामक सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया के पास जमा किया है. इस आईपीओ के जरिए कंपनी के मौजूदा शेयरधारक अपनी हिस्सेदारी बेचेंगे, जबकि कंपनी को इस इश्यू से कोई पूंजी नहीं मिलेगी. यह इश्यू पूरी तरह ऑफर फॉर सेल पर आधारित होगा, जो निवेशकों के बीच खासा चर्चा का विषय बना हुआ है.
1.8 करोड़ शेयर का होगा ऑफर फॉर सेल
डीआरएचपी के अनुसार, टोनबो इमेजिंग इंडिया का यह आईपीओ 1.8 करोड़ इक्विटी शेयरों के ऑफर फॉर सेल के रूप में लाया जाएगा. इसमें किसी भी तरह का फ्रेश इश्यू शामिल नहीं है. इसका मतलब यह है कि इश्यू से मिलने वाली पूरी राशि, इश्यू से जुड़े खर्चों को छोड़कर, बेचने वाले शेयरधारकों को प्राप्त होगी. कंपनी ने 22 दिसंबर 2025 को यह ड्राफ्ट दस्तावेज दाखिल किया है. प्रमोटरों के साथ-साथ कई मौजूदा निवेशक भी इस ऑफर में अपनी हिस्सेदारी बेचेंगे.
कौन-कौन हैं बेचने वाले शेयरधारक
इस ऑफर फॉर सेल में कंपनी के प्रमोटर अरविंद कोंडांगी लक्ष्मीकुमार, अंकित कुमार, सेसिलिया डी’सूजा और विनिमाया एडवाइजरी एलएलपी शामिल हैं. इनके अलावा सीईएक्यू टेक्नोलॉजीज, टिमोथी गाय मिचेल, आर्टिमैन पार्टनर्स, अमित दिलीप शाह और रमेश राधाकृष्णन भी अपने शेयर बेचेंगे. कंपनी में प्रमोटरों की हिस्सेदारी 18.57 फीसदी है, जबकि नॉन-प्रमोटर और नॉन-पब्लिक शेयरहोल्डर्स के पास 78.1 फीसदी हिस्सेदारी है. इसके अलावा एम्प्लॉयी ट्रस्ट्स के पास 3.33 फीसदी शेयर हैं.
बिजनेस मॉडल और टेक्नोलॉजी फोकस
टोनबो इमेजिंग इंडिया डिफेंस इलेक्ट्रॉनिक्स सेगमेंट में इलेक्ट्रो-ऑप्टिकल सॉल्यूशंस प्रदान करने वाली एक प्रमुख कंपनी है. इसका रिसर्च एंड डेवलपमेंट सेंटर बेंगलुरु में स्थित है. कंपनी एसेट-लाइट बिजनेस मॉडल पर काम करती है, जिसमें कोर डिजाइन और इंटेलेक्चुअल प्रॉपर्टी कंपनी के पास रहती है, जबकि मैन्युफैक्चरिंग का काम सर्टिफाइड ईएमएस पार्टनर्स को आउटसोर्स किया जाता है. इनमें केन्स टेक्नोलॉजी इंडिया और एवलॉन टेक्नोलॉजी एंड सर्विसेज जैसी कंपनियां शामिल हैं.
डिफेंस टेक्नोलॉजी में मजबूत मौजूदगी
कंपनी थर्मल इमेजिंग कोर्स, वेपन साइट्स, हैंड-हेल्ड थर्मल इमेजिंग बायनोक्युलर्स, टारगेटिंग सिस्टम्स, मिसाइल सीकर्स, फायर कंट्रोल सिस्टम्स और मिसाइल गाइडेंस सिस्टम्स जैसे एडवांस्ड डिफेंस सॉल्यूशंस विकसित करती है. इनका इस्तेमाल रिमोट वेपन स्टेशन, मिसाइल प्रोग्राम्स, सिचुएशनल अवेयरनेस सिस्टम्स, ऑप्टिकल रिकॉनिसेंस पेलोड्स और आर्मर्ड व्हीकल्स के ड्राइवर विजन एन्हांसमेंट सिस्टम्स में किया जाता है. कंपनी के ग्राहक ग्लोबल मिलिटरीज, लॉ एनफोर्समेंट एजेंसियां, होमलैंड सिक्योरिटी ऑर्गनाइजेशंस और अन्य ग्लोबल डिफेंस ओईएम्स हैं.
ऑर्डर बुक और वित्तीय स्थिति
रिपोर्ट के मुताबिक, सितंबर 2025 तक टोनबो इमेजिंग इंडिया का ऑर्डर बुक 266.6 करोड़ रुपये का था. इसके बाद अक्टूबर और नवंबर के दौरान कंपनी को 71.7 करोड़ रुपये के नए ऑर्डर्स मिले. वित्तीय प्रदर्शन की बात करें तो वित्त वर्ष 2025 में कंपनी का प्रॉफिट 72.8 करोड़ रुपये रहा, जो पिछले वित्त वर्ष के 68.5 करोड़ रुपये के मुकाबले 6.2 फीसदी की बढ़ोतरी दर्शाता है. इसी अवधि में रेवेन्यू 9.5 फीसदी बढ़कर 469 करोड़ रुपये पहुंच गया, जो पहले 428.2 करोड़ रुपये था. जून 2025 को समाप्त तिमाही में कंपनी ने 68.6 करोड़ रुपये का रेवेन्यू और 5.4 करोड़ रुपये का प्रॉफिट दर्ज किया.
मर्चेंट बैंकर
इस आईपीओ के लिए जेएम फाइनेंशियल और आईआईएफएल कैपिटल सर्विसेज को मर्चेंट बैंकर नियुक्त किया गया है. बाजार विशेषज्ञों के अनुसार, डिफेंस सेक्टर में बढ़ते सरकारी खर्च और आत्मनिर्भर भारत पहल के चलते टोनबो इमेजिंग इंडिया जैसी डिफेंस टेक्नोलॉजी कंपनियों पर निवेशकों की नजर बनी रह सकती है. हालांकि, चूंकि यह इश्यू पूरी तरह ओएफएस आधारित है, इसलिए निवेशक कंपनी के ग्रोथ आउटलुक और वैल्यूएशन पर खास ध्यान देंगे.
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