ऐसे बन सकता है SIP से 100 करोड़ रुपये, जानिए क्या है एक्सपर्ट की राय
हर साल कुछ नया करने की हम जिद करते हैं और जूनून अपने अंदर हम पैदा करना चाहते हैं, और जब बात पैसों की हो तो आपकी ये जिद और ज्यादा मायने रखती है. लेकिन हम में से ज्यादातर लोग जब पैसों की बात आती है तो बहुत मॉडेस्ट हो जाते हैं. वेल्थ क्रिएशन की जब बात आती है तो बहुत बड़ी रकम के बारे में नहीं सोचते हैं.

नया साल हमेशा से कुछ नया करने और बड़े सपने देखने का समय होता है. लेकिन जब बात पैसा जुटाने की आती है, तो ज्यादातर लोग छोटे लक्ष्यों तक ही सिमट जाते हैं. इसी सोच को बदलने के लिए, एटिका वेल्थ के फाउंडर गजेंद्र कोठारी ने मनी नाइन पर अपने अनुभव साझा किए और बताया कि कैसे एक आम व्यक्ति भी 100 करोड़ रुपये का लक्ष्य हासिल कर सकता है. गजेंद्र कोठारी, जो खुद एक मिडिल क्लास बैकग्राउंड से आते हैं, इन्होंने अपनी SIP (सिस्टेमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान) यात्रा 10,000 रुपये प्रति महीने से शुरू की थी.
14 साल की मेहनत के बाद उनका पर्सनल पोर्टफोलियो 50 करोड़ रुपये तक पहुंच चुका है. पर्सनल पोर्टफोलियो के अलावा ये 9000 क्लाइंट्स के पैसों को भी मैनेज करते हैं और यहां पर भी 2500 करोड़ का पोर्टफोलियो ये इनके पास है जो ये मैनेज कर रहे हैं. गजेंद्र ने बताया कि वह हर साल अपनी SIP राशि में 10 फीसदी का इजाफा करते रहे, जिससे कंपाउंडिंग का जादू उनके पक्ष में काम करता गया.
100 करोड़ रुपये का सपना कैसे पूरा हो सकता है
गजेंद्र के अनुसार, अगर कोई 10,000 रुपये की SIP करता है और हर साल उसमें 10 फीसदी की बढ़ोतरी करता है, तो 30 साल में यह रकम 10 करोड़ रुपये तक पहुंच सकती है. अगर समय सीमा बढ़ाकर 40 साल कर दी जाए, तो 10,000 रुपये की SIP से 30 करोड़ रुपये का पोर्टफोलियो बनाना संभव है. हालांकि, 100 करोड़ रुपये का लक्ष्य पाने के लिए 1 लाख रुपये प्रति महीने की SIP 30 साल तक करनी होगी.
बड़ी सोच के लिए मानसिकता बदलनी जरूरी
गजेंद्र ने बताया कि अक्सर लोग 1-5 करोड़ रुपये तक के छोटे लक्ष्यों में ही रुक जाते हैं. इसका कारण है उनकी मानसिकता. उन्होंने कहा, “अगर आप बड़ा सपना देखना चाहते हैं, तो प्रैक्टिकल सोच से ऊपर उठना होगा. मैंने 100 करोड़ रुपये का लक्ष्य इसलिए तय किया क्योंकि यह मुझे चुनौती देता है और प्रेरणा देता है.”
रॉल्स रॉयस: प्रेरणा का प्रतीक
गजेंद्र की प्रेरणा का एक अहम हिस्सा उनकी ड्रीम कार रॉल्स रॉयस है. उन्होंने बताया कि उनकी यह गाड़ी सिर्फ उनके लिए नहीं, बल्कि दूसरों को प्रेरित करने के लिए होगी. उन्होंने कहा, “यह गाड़ी हर उस व्यक्ति के लिए होगी जो बड़े सपने देखता है. इसे चलाने का अनुभव यह साबित करेगा कि सपने सच हो सकते हैं.”
कंपाउंडिंग और अनुशासन है सफलता की कुंजी
गजेंद्र ने अपने अनुभव से बताया कि उन्होंने कभी डायवर्सिफाइड एसेट्स में निवेश नहीं किया. उन्होंने कहा, “मैंने केवल इक्विटी म्यूचुअल फंड में निवेश किया और अनुशासन बनाए रखा. घर या गाड़ी जैसी चीजों में निवेश नहीं किया, ताकि मेरी कंपाउंडिंग प्रभावित न हो.”
यह भी पढ़ें: रुपया गिरा नहीं है डॉलर बढ़ा है, जानिए रघुराम राजन ने ऐसा क्यों कहा
आम निवेशकों के लिए सलाह
गजेंद्र का संदेश है कि बड़ी सोच रखना और अनुशासन से निवेश करना सफलता की कुंजी है. SIP से शुरुआत करें, हर साल उसमें इजाफा करें, और अपने लक्ष्यों से कभी समझौता न करें. उनका मानना है कि अगर कंपाउंडिंग को समय दिया जाए, तो 100 करोड़ रुपये का सपना भी पूरा हो सकता है.
डिसक्लेमर– मनी9लाइव किसी भी शेयर या म्यूचुअल फंड में निवेश की सलाह नहीं देता है. यहां सिर्फ एक्सपर्ट की राय दी गई है. निवेश से पहले जरूरी है कि आप किसी वित्तीय सलाहकार की सलाह जरूर लें.
Latest Stories

NFO Alert: Zerodha लाया Silver ETF, चमचमाते रिटर्न के साथ मिलेगी म्यूचुअल फंड की सेफ्टी

HDFC Flexi Cap Vs Franklin Flexi Cap: 30 साल में दोनों फंड्स ने दिखाया रिटर्न का जलवा, जानें- कौन साबित हुआ दमदार

PMS Vs Mutual Funds: सोशल मीडिया पर रिटर्न को लेकर जंग, जानें असल में कहां हो रही है ज्यादा कमाई
