महिलाओं पर SEBI मेहरबान! पहली बार म्यूचुअल फंड में निवेश करने पर इंसेंटिव देने की तैयारी; जानें क्या है प्लान
सेबी ने महिलाओं की म्यूचुअल फंड में भागीदारी बढ़ाने के लिए बड़ा कदम उठाया है. पहली बार निवेश करने वाली महिला निवेशकों के लिए सेबी विशेष प्रोत्साहन देने की योजना बना रहा है. यह पहल बी30 शहरों में निवेश को बढ़ावा देगी. सेबी म्यूचुअल फंड योजनाओं के वर्गीकरण की समीक्षा कर रहा है ताकि निवेशकों को पारदर्शी और लचीला अनुभव मिले. साथ ही, ईज ऑफ डूइंग बिजनेस के तहत कई कंप्लायंस सरलीकरण उपाय भी लागू किए जा रहे हैं.
Sebi plans: भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) ने म्यूचुअल फंड में महिलाओं की भागीदारी बढ़ाने के लिए एक बड़ी पहल की जानकारी दी है. सेबी म्यूचुअल फंड में जो महिला पहली बार निवेश करेंगी, उनके लिए खास ऑफर देने की तैयारी कर रहा है. सेबी के अध्यक्ष तुहिन कांत पांडेय ने शुक्रवार को कहा कि बाजार नियामक म्यूचुअल फंड में पहली बार निवेश करने वाली महिला निवेशकों के लिए अतिरिक्त प्रोत्साहन (इंसेंटिव) शुरू करने की योजना बना रहा है.
महिला भागीदारी बढ़ाने का लक्ष्य
सेबी के अध्यक्ष तुहिन कांत पांडेय ने एसोसिएशन ऑफ म्यूचुअल फंड्स इन इंडिया (AMFI) द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में यह जानकारी दी. उन्होंने जोर देकर कहा कि जब तक महिलाओं की समान भागीदारी नहीं होगी, तब तक फाइनेंशियल इनक्लूजन अधूरा रहेगा. इसी लक्ष्य को ध्यान में रखते हुए उन्होंने कहा कि हम पहली बार निवेश करने वाली महिला निवेशकों से होने वाले निवेश के लिए एक अतिरिक्त डिस्ट्रीब्यूशन प्रोत्साहन शुरू करने का विचार कर रहे हैं.
B30 शहरों पर फोकस
सेबी प्रमुख ने बताया कि यह कदम सेबी की उस हालिया प्रस्तावित योजना का विस्तार है, जिसमें B30 शहरों (टियर-2 और टियर-3 शहरों) में पहली बार व्यक्तिगत निवेशकों से निवेश के लिए डिस्ट्रीब्यूटर्स (वितरण एजेंटों) को प्रोत्साहित करने की बात कही गई थी. इस नई योजना का उद्देश्य न केवल नए प्रतिभागियों को जोड़ना है, बल्कि म्यूचुअल फंड की पहुंच उन क्षेत्रों तक बढ़ाना है जो अब तक इससे वंचित रहे हैं, जिससे गहन फाइनेंशियल इनक्लूजन में योगदान मिलेगा.
म्यूचुअल फंड वर्गीकरण पर समीक्षा
पांडेय ने इस मौके पर यह भी घोषणा की कि प्रोडक्ट इनोवेशन में अधिक लचीलापन प्रदान करने, क्लैरिटी में सुधार करने और योजनाओं के पोर्टफोलियो में ओवरलैप के मुद्दे को दूर करने के लिए सेबी म्यूचुअल फंड योजनाओं के वर्गीकरण की समीक्षा कर रहा है. उन्होंने कहा कि परामर्श प्रक्रिया से प्राप्त फीडबैक के आधार पर अगले कदम उठाए जाएंगे. पांडेय ने कहा कि इन उपायों से इंडस्ट्री को और अधिक पारदर्शी और निवेशक-अनुकूल बनने में मदद मिलने की उम्मीद है.
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ईज ऑफ डूइंग बिजनेस को बढ़ावा
हाल में, सेबी ने ईज ऑफ डूइंग बिजनेस और कंप्लायंस सरलीकरण उपायों के तहत म्यूचुअल फंड्स द्वारा जमा किए जाने वाले रिपोर्ट्स और फाइलिंग की समीक्षा की थी. इस समीक्षा के आधार पर, नियामक ने एसेट मैनेजमेंट कंपनियों (AMCs) द्वारा जमा किए जाने वाले 52 से अधिक रिपोर्ट्स, नोटिस और ऐडेंडम की आवश्यकता को समाप्त करने का फैसला किया है. पांडेय ने बताया कि आने वाले महीनों में नियामक म्यूचुअल फंड रेगुलेशन के व्यापक सरलीकरण की दिशा में भी काम करेगा. इसका उद्देश्य निवेशक हितों की सुरक्षा करते हुए उद्योग के लिए कंप्लायंस को आसान बनाना है.