पेंशनर्स के लिए 7वें वेतन आयोग में ऐसा क्या था, जो 8वें से है गायब, जान लें पूरी हकीकत दूर होगा कंफ्यूजन
केंद्र सरकार द्वारा जारी 8वें वेतन आयोग (CPC) के नोटिफिकेशन में मौजूदा पेंशनरों की पेंशन समीक्षा का जिक्र नहीं है. इससे कर्मचारी संगठनों ने आरोप लगाया है कि पेंशनरों को दायरे से बाहर रखा गया है. उन्होंने वित्त मंत्रालय से स्पष्टीकरण मांगा है. यह स्थिति 7वें वेतन आयोग के रिजॉल्यूशन से अलग है, जिसमें पेंशन समीक्षा स्पष्ट तौर पर शामिल थी.
8th Pay Commission: केंद्र सरकार ने 3 नवंबर 2025 को 8वें केंद्रीय वेतन आयोग (CPC) की नोटिफिकेशन जारी की. इसमें मौजूदा पेंशनरों और फैमिली पेंशनरों की पेंशन की समीक्षा का जिक्र नहीं किया गया है. इससे कर्मचारी संगठन ने आरोप लगाया कि 69 लाख पेंशनरों को 8वें सीपीसी के दायरे से बाहर रखा गया है. फेडरेशन ने वित्त मंत्रालय को चिट्ठी लिखकर इसे लेकर स्पष्टीकरण जारी करने को कहा है. पेंशनर्स के मन के इस संदेह को दूर करने के लिए यह जानना जरूरी है कि 7वें CPC से कैसे अलग है 8वें CPC रिजॉल्यूशन.
8वें सीपीसी रिजॉल्यूशन क्या कहता है?
8वें वेतन आयोग की नोटिफिकेशन में केंद्रीय सरकार के पेंशनरों और फैमिली पेंशनरों को दी जा रही मौजूदा पेंशन की समीक्षा का कोई जिक्र नहीं है. हालांकि इसमें National Pension System (एनपीएस) के तहत पेंशन से जुड़े मुद्दों की समीक्षा का आदेश दिया गया है. इसमें UPS भी शामिल है.
यह भी पढ़ें: 8th Pay Commission: पेंशनर्स के DA और पे कमीशन पर रोक नहीं, PSU कर्मचारियों के लिए बदले नियम
आयोग को एनपीएस (यूनिफाइड पेंशन स्कीम सहित) में आने वाले कर्मचारियों की नौकरी के दौरान मृत्यु होने या रिटायर होने पर मिलने वाली ग्रेच्युटी (Death-cum-Retirement Gratuity) की समीक्षा कर उसके लिए सिफारिश करने को कहा गया है. एनपीएस (यूनिफाइड पेंशन स्कीम सहित) में न आने वाले कर्मचारियों की मृत्यु सह सेवानिवृत्ति ग्रेच्युटी और पेंशन की समीक्षा कर सिफारिशें करने को कहा गया है.
7वें CPC से कैसे अलग है 8वें CPC रिजॉल्यूशन
7वें वेतन आयोग की नोटिफिकेशन वित्त मंत्रालय ने 28 फरवरी 2014 को जारी किया था. 8वें सीपीसी के उलट 7वें सीपीसी में सीधे तौर पर पेंशन और अन्य सेवानिवृत्ति लाभों के स्ट्रक्चर का जिक्र किया गया था. 7वें सीपीसी में 7वें वेतन आयोग लागू होने से पहले रिटायर हुए कर्मचारियों की पेंशन की समीक्षा का भी आदेश था. इसमें यह ध्यान रखने को कहा गया था कि 1 जनवरी 2004 के बाद नौकरी जॉइन करने वाले कर्मचारी नई पेंशन योजना (NPS) के दायरे में आते हैं.
8वें CPC में क्या शामिल करने की मांग हो रही है?
7वें सीपीसी रिजॉल्यूशन में कहा गया था कि पेंशन और अन्य सेवानिवृत्ति लाभों के स्ट्रक्चर को नियंत्रित करने वाले नियमों की जांच करें. इसमें इन सिफारिशों की प्रभावी तारीख से पहले रिटायर हुए कर्मचारियों की पेंशन में बदलाव भी शामिल है. ध्यान रखें कि 01.01.2004 को या उसके बाद नियुक्त सभी केंद्रीय सरकार कर्मचारियों के सेवानिवृत्ति लाभ नई पेंशन योजना (एनपीएस) के तहत आते हैं. कर्मचारी संगठन 8वें CPC में भी यही शामिल करने की मांग कर रहे हैं.
AIDEF की क्या है मांग?
AIDEF (All India Defence Employees Federation) की मांग है कि सरकार 7वें केंद्रीय वेतन आयोग (7th CPC) की शर्तों को 8वें केंद्रीय वेतन आयोग (8th CPC) में भी शामिल करे. उनका कहना है कि ToR में संशोधन किया जाए, ताकि उन कर्मचारियों की पेंशन भी दोबारा तय करने का प्रावधान हो सके, जो 8वें वेतन आयोग की लागू होने की तारीख यानी 01.01.2026 से पहले रिटायर हो चुके हैं. साथ ही इसमें हर पांच साल में 5 फीसदी पेंशन वृद्धि जैसे सुझाव शामिल हैं.
Latest Stories
PPF, ELSS, NPS, ULIP… किसमें है सबसे ज्यादा मुनाफा, ₹12500 के निवेश पर मिल सकता है 63 लाख, टैक्स फ्री में बेहतर कौन
30 नवंबर से SBI बंद कर देगा यह सुविधा, बिना बेनिफिशियरी रजिस्ट्रेशन के नहीं भेज पाएंगे पैसे, जानें क्या बचेंगे ऑप्शन
आपके ट्रैवल खर्च का बड़ा हिस्सा सरकार करती है माफ, एक्सपर्ट से जानें LTA टैक्स से कैसे हो सकता है आपको बड़ा फायदा
