Budget 2025: देश भर में 7.54 करोड़ ITR फाइलिंग, फिर भी 50 फीसदी देते हैं Zero Tax
टैक्सपेयर्स की संख्या बढ़ाने की चुनौती सभी वित्त मंत्रियों के सामने हमेशा से रही है. पिछले 10 वर्षों में टैक्सपेयर्स की संख्या तो दोगुनी हुई है, लेकिन जीरो इनकम टैक्स रिटर्न दाखिल करने वालों की संख्या भी बढ़ी है. वर्तमान में केवल 2 फीसदी लोग इनकम टैक्स भरते हैं. वहीं, यदि कॉर्पोरेट टैक्स की बात करें तो 10.7 लाख कॉर्पोरेट ITR फाइलर्स में से 57 फीसदी कंपनियां जीरो इनकम की रिपोर्ट करती हैं.

Income Tax: भारत में लगभग सभी वित्त मंत्रियों को टैक्स पेयर्स की संख्या बढ़ाने के लिए कड़ी मेहनत करनी पड़ी है. भारत की कुल आबादी का सिर्फ 2 फीसदी लोग ही टैक्स देते हैं, वहीं कई कंपनियां भी हैं जो इनकम टैक्स देने से बचती हैं. इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) भरने वाली लगभग आधी कंपनियां कुछ भी टैक्स नहीं देतीं. यह एक अहम सवाल है, जिसका कोई स्पष्ट जवाब नहीं है. यह भी सच है कि ITR दाखिल करने वालों की संख्या दोगुनी से अधिक हो गई है.
सर्टिफायड फाइनेंशियल प्लानर अमिताभ तिवारी ने बताया कि 2013-14 में यह संख्या 3.35 करोड़ थी, जो 2023-24 में बढ़कर 7.54 करोड़ हो गई है. हालांकि, इनमें से कई जीरो इनकम टैक्स रिटर्न हैं, जो केवल कंप्लायंस पर्पज के लिए दायर किए गए हैं. जीरो इनकम टैक्स रिटर्न दाखिल करने वाले व्यक्तियों की संख्या भी बढ़ी है, जो 2013-14 में 1.69 करोड़ थी और 2023-24 में 2.81 करोड़ हो गई.
1 फीसदी लोगों की टैक्स कलेक्शन में 50 फीसदी हिस्सेदारी
2013-14 से टैक्स छूट की सीमा लगातार बढ़ाई गई है. 2 लाख रुपये से यह 2023-24 तक प्रभावी रूप से 7 लाख रुपये हो गई है. 2013-14 में दाखिल किए गए सभी रिटर्न्स में से आधे से अधिक टैक्स-मुक्त थे, जो 2023-24 तक बढ़कर 63 फीसदी हो गए हैं.
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टैक्स भरने वाले व्यक्तियों में:
- 47 फीसदी लोग 5 लाख रुपये तक की आय दर्शाते हैं.
- 37 फीसदी लोग 5-10 लाख रुपये के बीच कमाते हैं.
- 13 फीसदी लोग 10-25 लाख रुपये के बीच कमाते हैं.
- केवल 1 फीसदी लोग 50 लाख रुपये से अधिक की आय दर्शाते हैं.
- भारत में ITR दाखिल करने वाले शीर्ष 1 फीसदी लोग कुल व्यक्तिगत इनकम टैक्स कलेक्शन का 50 फीसदी भुगतान करते हैं, जबकि शीर्ष 9 फीसदी लोग कुल टैक्स का 87 फीसदी भुगतान करते हैं.
90 फीसदी कंपनियां सिर्फ 50 लाख की इनकम रिपोर्ट करती हैं
कंपनियों की स्थिति और भी खराब है. कुल 10.7 लाख कॉर्पोरेट ITR फाइलर्स में:
- 57 फीसदी कंपनिया शून्य आय रिपोर्ट करती हैं.
- 33 फीसदी कंपनियां 0-50 लाख रुपये की आय दर्शाती हैं.
- कुल मिलाकर, 90 फीसदी कंपनियां केवल 50 लाख रुपये तक की आय रिपोर्ट करती हैं. कॉर्पोरेट टैक्स इनकम पर नहीं, बल्कि प्रॉफिट पर लगाया जाता है. आधे (48%) कॉर्पोरेट फाइलर्स जीरो इनकम टैक्स का भुगतान करते हैं, जबकि अन्य 36% केवल 0-5 लाख रुपये के बीच इनकम टैक्स भरते हैं.
अगर वैल्यू के आधार पर देखा जाए तो 84% कॉर्पोरेट फाइलर्स ने 2023-24 में 7.16 लाख करोड़ रुपये के कुल कॉर्पोरेट टैक्स कलेक्शन में लगभग कोई योगदान नहीं दिया. वहीं, शीर्ष 1% कॉर्पोरेट ITR फाइलर्स कुल कॉर्पोरेट टैक्स का 85% भुगतान करते हैं.
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