
1 अगस्त से बदल गए बैंकिंग के नियम, जानें Banking Laws Act, 2025 से आम आदमी को क्या फायदा होगा
1 अगस्त 2025 से देश के बैंकिंग सिस्टम में बड़ा बदलाव लागू हो गया है. Banking Laws (Amendment) Act, 2025 के ज़रिए सरकार ने बैंकिंग सेक्टर से जुड़े पांच अहम कानूनों में संशोधन कर दिया है. इसका मकसद है- बैंकों की निगरानी और नियमों को सख्त बनाकर आम जनता के पैसों को ज्यादा सुरक्षित बनाना. इस कानून के तहत सबसे बड़ा बदलाव CRR (कैश रिजर्व रेशियो) और SLR (स्टैच्यूटरी लिक्विडिटी रेशियो) जैसे प्रावधानों में किया गया है. पहले जहां बैंकों को CRR की रिपोर्ट हर 7 दिन में RBI को देनी होती थी, अब ये अवधि घटाकर 5 दिन कर दी गई है. इससे आरबीआई को बैंकों की स्थिति का जल्दी और बेहतर आकलन मिल पाएगा. वहीं, SLR की रिपोर्टिंग अब हर पखवाड़े के आखिरी दिन अनिवार्य कर दी गई है. अगर कोई बैंक रिपोर्टिंग में देरी करता है तो अगली अवधि से उस पर सीधी पेनाल्टी लागू होगी. इस बदलाव का असर सिर्फ बैंकों तक सीमित नहीं है. आम खाताधारकों को इससे यह भरोसा मिलेगा कि उनका पैसा पहले से ज्यादा सुरक्षित है और सरकार बैंकों पर अब ज्यादा नज़र रख रही है. इस एक्ट से बैंकिंग सेक्टर की पारदर्शिता, जवाबदेही और फाइनेंशियल सिक्योरिटी को मजबूत किया गया है. अब देखना होगा कि ये कड़े नियम किस तरह बैंकिंग सिस्टम को सुधारने में मदद करते हैं.
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