ITR फाइल करते वक्त नहीं छुपाएं क्रिप्टो इन्वेस्टमेंट, वरना होगा बड़ा नुकसान, जानें कितना देना होगा टैक्स

आयकर रिटर्न (ITR) फाइल करते समय अब क्रिप्टो इन्वेस्टमेंट्स को छुपाना भारी पड़ सकता है. सरकार ने क्रिप्टो को टैक्स के दायरे में लाकर इसे वर्चुअल डिजिटल एसेट घोषित कर दिया है, जिस पर 30 फीसदी टैक्स और 1 फीसदी TDS लागू है. अगर सही जानकारी नहीं दी गई, तो पेनल्टी और कानूनी कार्रवाई का सामना करना पड़ सकता है.

आयकर रिटर्न (ITR) फाइल करते समय अब क्रिप्टो इन्वेस्टमेंट्स को छुपाना भारी पड़ सकता है. Image Credit: FREE PIK

Declare crypto in ITR: इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) फाइल करना एक सालाना जिम्मेदारी है. लेकिन यह सिर्फ सैलरी तक सीमित नहीं होता है. ITR फाइल करने की तारीख नजदीक आ रही है. इसे फाइल करते वक्त प्रॉपर्टी, इन्वेस्टमेंट, क्रिप्टो होल्डिंग्स सबकी पूरी जानकारी देनी होती है. अगर आप ऐसा नहीं करते हैं तो यह आपको महंगा पड़ सकता है. सरकार 2022 में क्रिप्टो को भी टैक्स के दायरे में ला चुकी है और अगर कोई ITR फाइल करता है क्रिप्टों की जानकारी नही देता है तो जुर्माने का सामना करना पड़ सकता है. हालांकि क्रिप्टो को ITR में दिखाने को लेकर कन्फ्यूजन रहता है. तो आइए इससे जुड़े नियमों के बारे में जानते हैं.

डिक्लेयर करना क्यों जरूरी है?

सरकार ने 2022 में नियम बनाए थे, जिसके अनुसार इससे होने वाली इनकम पर 30 फीसदी का फ्लैट टैक्स लगता है.1 जुलाई 2022 से हर साल 50,000 रुपये (कुछ मामलों में 10,000) से ज्यादा के क्रिप्टो ट्रांजैक्शन पर 1 फीसदी TDS भी लगता है. अगर आप क्रिप्टो निवेश की जानकारी नहीं देते हैं, तो आपको पेनाल्टी, ब्याज और कानूनी कार्रवाई का सामना करना पड़ सकता है.

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ITR में क्रिप्टो कैसे डिक्लेयर करें?