क्या होम लोन पर मिलने वाले फेस्टिव ऑफर्स वाकई फायदेमंद हैं?
दिवाली के मौके पर कई बैंक होम लोन पर आकर्षक ऑफर्स दे रहे हैं. कम ब्याज दर, EMI कैशबैक और फ्री प्रोसेसिंग जैसी सुविधाएं बहुत लुभावनी दिखती हैं. लेकिन क्या ये ऑफर्स वाकई फायदेमंद हैं? जानें विशेषज्ञों की राय और सावधानियों के बारे में.

अतुल मोंगा (CEO, बेसिक होम लोन)- दिवाली का त्योहार हमारे देश में धूम-धाम से मनाया जाता है, माना जाता है कि इस अवसर पर कोई बड़ी खरीदारी करना खुशहाली और समृद्धि का प्रतीक है.इस बीच घर की खरीद की बात करें तो बहुत से बैंक दीवाली के मौके पर होम लोन पर ‘लिमिटेड पीरियड’ ऑफर्स पेश करते हैं, वे अपने उपभोक्ताओं को जीरो प्रोसेसिंग फीस, कम ब्याज दरों, EMI पर कैशबैक और इंश्योरेन्स सहित कई फायदे देने का दावा करते हैं.
अब सवाल यह है कि क्या ये फेस्टिव ऑफर्स वाकई फायदेमंद होते हैं?
इसका जवाब सभी उपभोक्ताओं के लिए एक नहीं हो सकता.यह इस बात पर निर्भर करता है कि लोन लेने वाला उपभोक्ता ऑफर को किस नजरिए से देखता है.यहां लुभावने ऑफर के आकर्षण के बजाए उन्हें अपने फाइनेंशियल टारगेट और अफॉर्डेबिलिटी पर भी ध्यान देना चाहिए.
इसीलिए त्योहारों के इस सीजन हम लोम लोन लेने वाले उपभोक्ताओं के लिए कुछ सुझाव लेकर आए हैं-
ऊपरी आकर्षण से हटकर, वास्तविक दरों की गणना करें.
ज्यादातर बैंक त्योहारों के सीजन में उपभोक्ताओं को लुभाने के लिए इंटरेस्ट रेट में मामूली कटौती करते हैं, जो 15 से 30 बीपीएस के बीच होती है. हालांकि देखने में ऐसा लग सकता है कि यह बड़ी बचत है, लेकिन वास्तव में यह एक स्टैन्डर्ड होम लोन पर मामूली बचत ही होती है.
इसलिए बैंक द्वारा दी गई इंटरेस्ट रेट पर फोकस करने के बजाए इफेक्टिव कॉस्ट ऑफ बॉरोइंग पर ध्यान दें. इसमें एडमिनिस्ट्रेटिव फीस, प्रोसेसिंग शुल्क, इंश्योरेन्स का खर्च और प्री-पेमेंट की शर्तों पर ध्यान देना चाहिए. कई बार लोन की डील पहली नजर में सस्ती दिखाई देती है, लेकिन वास्तव में जब सभी छिपे शुल्क इसमें शामिल हो जाते हैं, तो यह महंगी पड़ती है.
लोन की अवधि और फ्लेक्सिबिलिटी पर ध्यान दें
कुछ फेस्टिव ऑफर्स के तहत EMI को अफॉर्डेबल बनाने के लिए लोन की अवधि बढ़ा दी जाती है. लेकिन ऐसा होने पर आपको ज्यादा पैसा चुकाना पड़ता है.इसके बजाए ऐसे ऑफर चुनें जहां पेमेंट में फ्लेक्सिबिलिटी या स्टैप-अप EMI के विकल्प हों, और आप अपनी इनकम बढ़ने पर EMI में जरूरी बदलाव ला सकें.
आजकल बहुत से बैंक AI के जरिए उपभोक्ता की इंकम बढ़ने का अनुमान लगा लेते हैं और इसके आधार पर रीपेंमेंट के पर्सनलाइज विकल्प देते हैं.इस तरह उपभोक्ता अपने आप पर ज्यादा आर्थिक दबाव डाले बिना ही लोन में आवश्यकतानुसार बदलाव ला सकते हैं.
ध्यान दें कि आपको दिए जा रहे ऑफर कंडीशनल तो नहीं
त्योहारों में अक्सर बैंक होम लोन पर क्रेडिट कार्ड रिवॉर्ड, फ्री इंश्योरेन्स, जीरो प्रोसेसिंग फीस जैसे लुभावने ऑफर लेकर आते हैं, लेकिन अगर ध्यान दें तो इन ऑफर्स के साथ कुछ शर्तें भी होती हैं. ऐसे में आपको कई पहलुओं पर ध्यान देना चाहिए, उदाहरण के लिए अगर आप लोन को समय से पहले खत्म करते हैं या ट्रांसफर करते हैं, तो भी क्या ये ऑफर वैलिड रहेंगे. कुछ बैंक बाद में इंटरेस्ट रेट बढ़ाकर या फोरक्लोजर की भारी पैनल्टी लगाकर छूट में दिए गए सारे फायदे वसूल लेते हैं. इसलिए बारीक अक्षरों में दी गई शर्तों को ध्यान से पढ़ लें. एक अच्छे ऑफर में पारदर्शिता को प्राथमिकता दी जानी चाहिए, ऐसा न सिर्फ शुरूआत में बल्कि लोन की पूरी अवधि के दौरान होना चाहिए.
फेस्टिव ऑफर्स लुभावने हो सकते हैं, लेकिन अपनी ओर से पूरी तैयारी भी जरूरी है.
दीवाली के दौरान घर खरीदना या प्रॉपर्टी में निवेश करना आकर्षक लग सकता है, खासतौर पर तब, जबकि बैंक प्रतिस्पर्धी फेस्टिव डील्स दे रहे हों. लेकिन अगर आपके डॉक्यूमेन्ट्स पूरे नहीं हैं, क्रेडिट स्कोर कम हैं, तो इन डील्स के पीछे भागने से कोई फायदा नहीं होने वाला.
इसलिए आंखें मूंद कर इन फेस्टिव ऑफर्स के पीछे न भागें, पहले अपनी तैयारी पूरी करें. अपने क्रेडिट प्रोफाइल को मजबूत बनाएं, डाउनपेमेंट के लिए जरूरी रकम इकट्ठा कर लें, सभी जरूरी दस्तावेज और अप्रूवल इकट्ठा कर लें. शॉर्ट-टर्म फेस्टिव ऑफर्स के झांसे में आने के बजाए इन सभी पहलुओं पर ध्यान देना ज्यादा जरूरी होता है.
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फैसला आपका है!
ऐसा नहीं है कि फेस्टिव ऑफर हमेशा गुमराह ही करते हैं; जानकार उपभोक्ताओं के लिए यह अच्छे अवसरों का लाभ उठाने का सुनहरा मौका है, अगर नियमों और शर्तों का ध्यान से मूल्यांकन किया जाए. इसलिए लोन के पेपर्स पर साईन करने से पहले याद रखें- होम लोन लेने में जल्दबाजी नहीं करनी चाहिए बल्कि समझदारी से काम लेना चाहिए.
डिस्क्लेमर: इस खबर के लेखक बेसिक होम लोन के सीईओ एवं सह-संस्थापक अतुल मोंगा है. यह एक इंवेस्टमेंट एक्सपर्ट हैं. यहां व्यक्त विचार उनके निजी हैं.
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