50 लाख से अधिक कमाई, फिर भी बचत और निवेश जीरो; भारत के अमीरों का चौंकाने वाला सर्वे
मार्सेलस और डन एंड ब्रैडस्ट्रीट के हालिया सर्वे में भारत के उन लोगों की फाइनेंशियल कंडीशन का स्टडी किया गया, जो टैक्स चुकाने के बाद 50 लाख रुपये से अधिक कमाते हैं. सर्वे में पाया गया कि कई हाई इनकम वाले लोग वित्तीय मामलों में डगमगा रहे हैं और वे पैसों की बचत बिल्कुल भी नहीं कर पा रहे हैं.

Rich People are struggling to save Money: मौजूदा समय में पैसों की बचत लोगों की प्राथमिकता बन गई है. लोग अलग-अलग तरीकों से पैसों की बचत करते हैं, चाहे वह सोने में निवेश हो, रियल एस्टेट में या फिर शेयर बाजार में. लोग अपनी कमाई का कुछ हिस्सा जरूर निवेश करते हैं. लेकिन क्या आप जानते हैं कि 50 लाख रुपये से अधिक कमाने वाले लोग भी बचत करने में कठिनाइयों का सामना कर रहे हैं?
दरअसल, मार्सेलस और डन एंड ब्रैडस्ट्रीट के हालिया सर्वे में भारत के उन लोगों की फाइनेंशियल कंडीशन का स्टडी किया गया, जो टैक्स चुकाने के बाद 50 लाख रुपये से अधिक कमाते हैं. सर्वे में पाया गया कि कई हाई इनकम वाले लोग वित्तीय मामलों में डगमगा रहे हैं और वे पैसों की बचत बिल्कुल भी नहीं कर पा रहे हैं. आइए, इस पूरे मामले को विस्तार से समझते हैं कि आखिर ऐसा क्यों हो रहा है.
क्या है समस्या?
सर्वे में 465 लोगों को शामिल किया गया. इसमें पता चला कि 43 फीसदी लोग अपनी कमाई का 20 फीसदी से भी कम बचाते हैं. 30-45 साल वालों में ये और भी कम है. वहीं 20 फीसदी लोगों को निवेश के बारे में ठीक से पता ही नहीं है. 14 फीसदी के पास इमरजेंसी फंड तक नहीं है. यानी मुसीबत में उनके पास कोई सहारा नहीं है. लोगों की कमाई तो ज्यादा है लेकिन उनकी नेटवर्थ काफी कम है. आइए जानते है ऐसा क्यों है? 75 फीसदी लोग बच्चों की पढ़ाई या शादी के लिए पैसे जोड़ना चाहते हैं. वहीं 30 फीसदी जल्दी रिटायर होना चाहते हैं. लेकिन 30 फीसदी लोगों में फाइनेंशियल डिसिप्लिन की कमी है. कई लोग शेयर बाजार में निवेश से डरते हैं.

इतने लोग इनसे लेते हैं सलाह
- 87 फीसदी लोग निवेश के फैसलों के लिए बाहरी सलाह पर भरोसा करते हैं.
- 7 फीसदी स्टॉक ब्रोकर से सलाह लेते है.
- 2 फीसदी लोग सोशल इन्फ्लुएंसर से सलाह लेते है.
- 32 फीसदी लोग वेल्थ एडवाइजर या सीए से सलाह लेते है.
- परिवार या दोस्तों से सलाह लेने वालों की संख्या 26 फीसदी है.
- बैंक के रिलेशनशिप मैनेजर (RM) से सलाह लेने वाले 20% लोग है.
- खुद से फैसला करने वाले केवल 13 फीसदी लोग है.
- रिटायर्ड लोगों में से 36 फीसदी बैंक मैनेजरों से सलाह लेते हैं.
भविष्य के लिए क्यों है ये जरूरी?
कमाई से ज्यादा बचत और निवेश मायने रखता है. अगर आप 5 फीसदी ही बचाते हैं तो 20% रिटर्न भी कम है. लेकिन 30-50 फीसदी बचाने वाला 10 फीसदी रिटर्न से भी आगे निकल जाएगा. बचत आपकी ताकत है और ये आपके हाथ में है. चाहे 5 लाख कमाएं या 50 लाख, नियम वही है. कमाई नहीं बल्कि बचत और निवेश से फाइनेंशियल सिक्योरिटी मिलती है.
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