WhatsApp पर बिक रहे जाली नोट, कहां सो रही सरकार! पूरी इकोनॉमी पर खतरा बने जाली नोट!

देश में नकली नोटों का प्रचलन अर्थव्यवस्था के लिए गंभीर चुनौती बन चुका है. सरकार कई बार अभियान चला चुकी है ताकि जालसाजों पर कड़ी नजर रखी जा सके. साल 2016 में हुई नोटबंदी के बाद ऐसा माना गया था कि नकली नोटों का कारोबार बंद हो जाएगा. हालांकि, यह उम्मीद पूरी नहीं हुई और नकली नोटों का व्यापार अब भी सक्रिय है. मिंट की रिपोर्ट के अनुसार, नकली नोटों का धंधा बिना रुके फल-फूल रहा है. अब जालसाज सोशल मीडिया के माध्यम से नकली नोटों की खेप देशभर में पहुंचाते हैं. पहले नकली नोट नेपाल या पाकिस्तान से भारत की सीमा में प्रवेश करते थे, लेकिन अब सोशल मीडिया ने इसे एक नया रास्ता दिया है.

अपराधी लोगों को लालच देकर नकली नोट खरीदने के लिए उकसाते हैं, जैसे कि 25 हजार के नकली नोट के लिए केवल 15 हजार रुपये खर्च करने होंगे. इस तरह के अपराध का देश की आर्थिक प्रणाली पर भी नकारात्मक प्रभाव पड़ता है. सरकार और बैंक इस खतरे को कम करने के लिए लगातार प्रयासरत हैं ताकि नकली नोटों का प्रचलन रोका जा सके.