किराये से कमाते हैं साल में 20 लाख रुपये तो कितना देना होगा टैक्स, जानें जीरो देनदारी का फॉर्मूला

Rental Income Tax Free: सरकार ने इस बार के बजट में 12 लाख रुपये तक की कमाई को टैक्स फ्री कर दिया है. लेकिन कोई एक साल में अपनी प्रॉपर्टी किराये पर देकर 20 लाख रुपये की कमाई करता है, तो क्या उसकी इनकम टैक्स फ्री हो सकती है. इसका पूरा कैलकुलेशन आसान भाषा में समझ लेते हैं.

रेंट से होने वाली कमाई को बना सकते हैं टैक्स फ्री. Image Credit: Getty image

Rental Income Tax Free: सरकार ने 12 लाख रुपये तक की सालाना कमाई को टैक्स फ्री कर दिया है. अगर आप प्रोफेशनल हैं यानी नैकरीपेशा हैं, तो 75 हजार रुपये के स्टैंडर्ड डिडक्शन के साथ 12.75 लाख रुपये तक की आपकी कमाई टैक्स फ्री हो जाएगी. लेकिन कोई साल में किराये से 20 लाख रुपये की सालाना कमाई करता है, तो क्या वो जीरो टैक्स के दायरे में आ सकता है या फिर उसे 20 लाख रुपये की कमाई पर इनकम टैक्स चुकाना पड़ेगा. चलिए थोड़ा इसका हिसाब-किताब समझ लेते हैं.

12 लाख रुपये तक की कमाई पर जीरो टैक्स

किराये से होने वाली कमाई पर एक तय लिमिट तक टैक्स नहीं देना पड़ता है. टैक्स कानून में उपलब्ध कुछ डिडक्शन और छूट के जरिए किराये से होने वाली कमाई को टैक्स फ्री किया जा सकता है. सबसे पहले आपको बेसिक टैक्स लिमिट को समझना होगा.

बजट में हुए नए ऐलान के तहत प्रति वर्ष 12,00,000 रुपये तक की किराये की कमाई को छूट और डिडक्शन के साथ टैक्स फ्री किया जा सकता है. अगर आपकी कुल आय, किराये की इनकम सहित 12,00,000 रुपये से कम रहती है, तो आपको कोई टैक्स नहीं देना होगा.

किराये से होने वाली कमाई को कम करने के लिए आप दो डिडक्शन का इस्तेमाल कर सकते हैं.

30 फीसदी का डिडक्शन लाभ

सरकार किराये से होने वाली इनकम पर 30 फीसदी का फ्लैट डिडक्शन प्रदान करती है. इसका मतलब यह है कि प्रॉपर्टी से किराये के रूप में होने वाली कमाई पर आटोमैटिक रूप से 30 फीसदी डिडक्शन की अनुमति है. यह मेंटेनेंस, रिपेयरिंग और प्रॉपर्टी को किराये पर देने के साथ आने वाले अन्य खर्च के लिए है.

  • अगर आप किराये से साल में 10,00,000 रुपये कमाते हैं, तो आप 3,00,000 रुपये (10,00,000 रुपये का 30%) की कटौती कर सकते हैं.
  • इससे आपकी टैक्सेबल इनकम 7,00,000 रुपये हो जाती है.

होम लोन इंटरेस्ट डिडक्शन

अगर आपने किराये पर दी गई प्रॉपर्टी खरीदने के लिए लोन लिया है, तो आप उस होम लोन पर चुकाए गए ब्याज को अपनी किराये की कमाई से घटा सकते हैं. किराए पर दी गई प्रॉप्रटी के लिए आप मैक्सिमम 2,00,000 रुपये प्रति वर्ष का डिडक्शन लाभ ले सकते हैं. यह नई टैक्स रिजीम में उपलब्ध है.

अगर आपने किराये पर दी गई प्रॉपर्टी के लिए अपने होम लोन पर एक साल में 3,00,000 रुपये ब्याज के रूप में चुकाए हैं, तो आप 2,00,000 रुपये तक के डिडक्शन के लिए क्लेम कर सकते हैं. इससे आपकी टैक्सेबल इनकम कम हो जाएगी.

कैसे कम हो जाएगी टैक्सेबल इनकम?

मान लीजिए कि आप एक साल में अपनी प्रॉपर्टी को किराये पर देकर 20,00,000 रुपये कमाते हैं. सबसे पहले 20,00,000 रुपये पर 30 फीसदी का स्टैंडर्ड डिडक्शन अप्लाई करें.
20,00,000 रुपये – 6,00,000 रुपये (20,00,000 रुपये का 30%) = 14,00,000 रुपये.

इसके बाद, अगर आपने होम लोन के ब्याज के रूप में 2,00,000 रुपये का भुगतान किया है, तो आप उसे भी घटा सकते हैं.
14,00,000 रुपये – 2,00,000 रुपये = 12,00,000 रुपये.

इस तरह आपकी टैक्सेबल इनकम घटकर 12,00,000 रुपये हो जाएगी. चूंकि आप 12,00,000 रुपये की सीमा के भीतर हैं, इसलिए आपको इस किराये से होने वाली कमाई पर इनकम टैक्स देने की जरूरत नहीं होगी.

इनकम 12,00,000 रुपये से अधिक है तो क्या होगा?

अगर आपकी किराये की कमाई सभी डिडक्शन के बाद भी 12,00,000 रुपये से ज्यादा है, तो अतिरिक्त राशि पर इनकम टैक्स स्लैब के अनुसार टैक्स लगेगा. उदाहरण के लिए, अगर आप 15,00,000 रुपये कमाते हैं और डिडक्शन के बाद आपकी टैक्सेबल इनकम 13,00,000 रुपये है, तो आपको 13,00,000 रुपये पर टैक्स देना होगा.