ITR-2 में बड़ा बदलाव, टैक्सपेयर्स को मिली ऑनलाइन प्री-फिल्ड सुविधा; जानें किन लोगों को होगा सबसे ज्यादा फायदा

इनकम टैक्स डिपॉर्टमेंट ने अब ITR-2 को ऑनलाइन प्रीफिल्ड डाटा के साथ फाइल करने की सुविधा शुरू कर दी है. इससे सैलरी, किराया और पूंजी लाभ वाले टैक्सपेयर्स को बड़ी राहत मिली है. पहले इस प्रक्रिया में JSON फाइल बनानी पड़ती थी, जो समय लेने वाली थी. अब सीधे ई-फाइलिंग पोर्टल पर विवरण भरकर रिटर्न फाइल किया जा सकता है.

अब ITR-2 को ऑनलाइन प्रीफिल्ड डाटा के साथ फाइल करने की सुविधा शुरू कर दी गई है. Image Credit: CANVA

ITR-2 pre-filled data: इनकम टैक्स डिपॉर्टमेंट ने उन टैक्सपेयर्स के लिए बड़ी राहत दी है जो फॉर्म ITR-2 के जरिए अपना रिटर्न दाखिल करते हैं. अब ITR-2 को ऑनलाइन मोड में भरना संभव है और वह भी प्री-फिल्ड डाटा के साथ. इसका मतलब है कि अब एक्सेल या JSON फाइल बनाने की झंझट नहीं करनी पड़ेगी.इस फैसले से उन टैक्सपेयर्स को सबसे ज्यादा राहत मिलेगी जिनकी आय सैलरी के अलावा शेयर या प्रॉपर्टी की बिक्री से होती है. पहले उन्हें या तो इंतजार करनी पड़ती थी या फिर टैक्स कंसल्टेंट की मदद लेनी पड़ती थी.

क्या है नया बदलाव

अब तक केवल ITR-1 और ITR-4 को ही ऑनलाइन भरा जा सकता था. ITR-2 और ITR-3 के लिए केवल एक्सेल यूटिलिटी उपलब्ध थी. अब ITR-2 को ऑनलाइन पोर्टल पर प्री-फिल्ड डाटा के साथ भरा जा सकता है. पहले इसके लिए फॉर्म भरकर JSON फाइल बनानी पड़ती थी जिसे अपलोड करना होता था.

किन्हें भरना चाहिए ITR-2

ITR-2 उन व्यक्तियों और HUF के लिए है जिनकी इनकम सैलरी , पेंशन, एक से अधिक प्रॉपर्टी, शेयर या प्रॉपटी से कैपिटल प्रॉफिट, विदेशी प्रॉफिट या इनकम से होती है. लेकिन यदि आय इनकम बिजनेस या पेशे से है, तो ITR-3 लागू होगा. ITR-3 अब तक ऑनलाइन प्री-फिल्ड मोड में उपलब्ध नहीं है. इसे अभी भी एक्सेल यूटिलिटी से भरना होगा और JSON फाइल बनाकर पोर्टल पर अपलोड करना पड़ेगा. इसमें फ्रीलांसर, ट्रेडर या विदेशी संपत्ति वाले लोग शामिल होते हैं.

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देरी क्यों हुई

आमतौर पर ITR यूटिलिटी अप्रैल या मई तक जारी कर दी जाती है. लेकिन इस बार 100 दिन से ज्यादा की देरी हुई. पहले ITR-1 और ITR-4 आए, फिर ITR-2 और 3 की यूटिलिटी आई. इसी कारण सरकार ने ITR फाइलिंग की अंतिम तिथि 31 जुलाई से बढ़ाकर 15 सितंबर 2025 कर दी.