Form 16 और 26AS दोनों नहीं हो रहे मैच, तो करना होगा ये काम वरना आ जाएगा नोटिस

फॉर्म 16 और फॉर्म 26AS दोनों ही इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) फाइल करने में महत्वपूर्ण दस्तावेज हैं. फॉर्म 16 नियोक्ता द्वारा जारी किया जाता है, जिसमें आपकी सैलरी पर कटे हुए TDS की जानकारी होती है, जबकि फॉर्म 26AS एक सरकारी दस्तावेज है जो आपके PAN से जुड़ी सारी टैक्स डिटेल्स दिखाता है.

फॉर्म 16 और फॉर्म 26AS में अंतर Image Credit: Money9live/Canva

ITR Form 16 and 26AS: अगर आप सैलरी पर काम करते हैं, तो फॉर्म 16 आपके लिए इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) फाइल करने में बहुत अहम दस्तावेज है. हर साल मई के अंत तक यानी 31 मई तक कंपनियों को अपना e-TDS रिटर्न फाइल करना होता है. इसके 15 दिनों के अंदर यानी 15 जून तक कर्मचारियों को फॉर्म 16 देना अनिवार्य होता है. तो ज्यादातर लोगों को यह फॉर्म अब तक मिल चुका होगा.

फॉर्म 16 एक तरह का सर्टिफिकेट होता है, जो नियोक्ता यानी एम्प्लॉयर देता है. इसमें बताया जाता है कि आपकी सैलरी पर कितना TDS (Tax Deducted at Source) काटा गया. लेकिन इसी तरह एक और दस्तावेज होता है फॉर्म 26AS, जिसमें भी TDS की जानकारी मिलती है. चलिए जानते हैं दोनों में क्या अंतर है?

Form 16 और Form 26AS

फॉर्म 16 खासतौर पर नौकरीपेशा लोगों के लिए होता है. यह सिर्फ आपकी सैलरी पर कटे हुए TDS की जानकारी देता है और एम्प्लॉयर इसे जारी करता है. वहीं, फॉर्म 26AS एक सरकारी दस्तावेज होता है, जो आपके PAN से जुड़ी सारी टैक्स डिटेल्स दिखाता है जैसे सैलरी पर TDS, बैंक ब्याज पर TDS और अगर आपने खुद से कोई एडवांस टैक्स या सेल्फ-असेसमेंट टैक्स दिया हो तो वो भी.

दोनों फॉर्म्स में क्या-क्या चेक करना चाहिए?

फॉर्म 16 में आपको एम्प्लॉयर से मिली सैलरी के सभी हिस्से और उस पर काटा गया टैक्स दिखता है. अगर आप पुराने टैक्स सिस्टम में हैं और आपको HRA, LTA या कोई टैक्स-फ्री भत्ता मिला है, तो ये सब इसमें नजर आना चाहिए. अगर आपने अपनी कंपनी को रेंट एग्रीमेंट या रेंट की रसीदें नहीं दी हैं, तो कंपनी ज्यादा TDS काट सकती है.

फॉर्म 26AS में यह देखिए कि सैलरी पर कटे TDS के अलावा बैंक ब्याज पर TDS, एडवांस टैक्स और सेल्फ-असेसमेंट टैक्स सही तरीके से दर्ज हैं या नहीं.

फॉर्म 16 में आपका नाम, PAN, एम्प्लॉयर की डिटेल, सैलरी ब्रेकअप, डिडक्शन, कुल टैक्स और टैक्सेबल इनकम साफ दिखना चाहिए. अगर आप एक साल में दो या उससे ज्यादा कंपनियों में काम कर चुके हैं, तो सभी का फॉर्म 16 मिलाकर देखिए ताकि ITR भरते वक्त कोई इनकम मिस न हो जाए.

अगर दोनों में फर्क हो जाए तो क्या करें?

अगर फॉर्म 16 और 26AS में जानकारी मेल नहीं खाती, तो सबसे पहले अपने एम्प्लॉयर से संपर्क करें. हो सकता है कि उन्होंने PAN नंबर गलत डाला हो, जिसकी वजह से TDS 26AS में ना दिखे. या फिर TDS काटा तो गया हो, लेकिन सरकार को जमा ही ना कराया गया हो या सैलरी की गलत रिपोर्टिंग हो गई हो. ऐसे में एम्प्लॉयर को अपनी TDS रिटर्न दोबारा फाइल करना पड़ेगा.

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दोनों को मिलाना क्यों जरूरी है?

जब आप ITR फाइल करते हैं, तो ये जरूरी है कि आपकी इनकम और TDS की जानकारी सही और मेल खाती हो. अगर फर्क रहा, तो इनकम टैक्स डिपार्टमेंट की तरफ से “डिफेक्टिव रिटर्न” यानी गड़बड़ी वाला रिटर्न का नोटिस आ सकता है.

इसलिए फॉर्म 16 और फॉर्म 26AS को अच्छे से मिलाना आपकी टैक्स फाइलिंग की सटीकता और शांति दोनों के लिए जरूरी है.