NPS और पेंशन योजनाओं के ग्राहकों के लिए बदले नियम, 1 अक्टूबर से लागू होंगी नई चार्ज व्यवस्था
पेंशन फंड रेगुलेटरी एंड डेवलपमेंट अथॉरिटी (PFRDA) ने लाखों ग्राहकों के लिए नया चार्ज स्ट्रक्चर तय किया है. ये बदलाव 1 अक्टूबर 2025 से लागू होंगे. सरकारी, प्राइवेट और अटल पेंशन योजना के खाताधारकों पर इसका असर दिखेगा. जानिए इस बार नियमों में क्या बदलाव रहेंगे.

पेंशन फंड रेगुलेटरी एंड डेवलपमेंट अथॉरिटी (PFRDA) ने नेशनल पेंशन सिस्टम (NPS) और इससे जुड़ी अन्य योजनाओं के ग्राहकों के लिए सर्विस चार्ज में बदलाव किया है. इन नई दरों को 1 अक्टूबर 2025 से लागू किया जाएगा. इसका असर सरकारी क्षेत्र, प्राइवेट सेक्टर और छोटी पेंशन योजनाओं जैसे NPS-लाइट, NPS-वात्सल्या और अटल पेंशन योजना (APY) के करोड़ों खाताधारकों पर पड़ेगा. बदलते चार्ज का सीधा असर ग्राहकों के खाते खोलने और बनाए रखने की लागत पर दिखाई देगा.
सरकारी कर्मचारियों के लिए NPS और UPS में शुल्क
सरकारी क्षेत्र के ग्राहकों को राहत देते हुए PFRDA ने ट्रांजैक्शन चार्ज पूरी तरह खत्म कर दिया है. वहीं, खाता खोलने और सालाना मेंटेनेंस के लिए नाममात्र शुल्क तय किया गया है.

PFRDA ने स्पष्ट किया है कि जिन खातों में बैलेंस शून्य होगा, उन पर सालाना मेंटेनेंस चार्ज भी शून्य रहेगा. साथ ही, e-PRAN किट को खाता खोलने के समय डिफॉल्ट विकल्प माना जाएगा.
NPS-लाइट और अटल पेंशन योजना के लिए शुल्क
कम आय वर्ग और असंगठित क्षेत्र के लिए बनाई गई NPS-लाइट और अटल पेंशन योजना के ग्राहकों पर भी बहुत मामूली शुल्क लगाया गया है. यहां ट्रांजैक्शन चार्ज नहीं लिया जाएगा.

प्राइवेट सेक्टर और NPS-वात्सल्या ग्राहकों के लिए नई व्यवस्था
प्राइवेट सेक्टर और NPS-वात्सल्या खातों के लिए शुल्क ढांचा थोड़ा अलग है. यहां भी खाता खोलने के लिए e-PRAN किट का चार्ज 18 रुपये और फिजिकल कार्ड का 40 रुपये रखा गया है. ट्रांजैक्शन चार्ज शून्य है, लेकिन अकाउंट मेंटेनेंस चार्ज (AMC) ग्राहक के खाते में मौजूद रकम यानी ‘कॉर्पस स्लैब’ पर निर्भर करेगा.

इस व्यवस्था का मतलब है कि जितना बड़ा कॉर्पस होगा, उतना अधिक AMC देना होगा. हालांकि, PFRDA ने कहा है कि किसी भी स्थिति में चार्ज तय की गई ऊपरी सीमा से अधिक नहीं होगा.
कम चार्ज लेने का विकल्प भी
PFRDA ने यह भी स्पष्ट किया है कि चार्ज केवल ‘ऊपरी सीमा’ (Upper Cap) के तौर पर तय किए गए हैं. केंद्रीय रिकॉर्ड कीपिंग एजेंसियां (CRAs) चाहें तो ग्राहकों, नियोक्ताओं या प्वॉइंट ऑफ प्रजेंस (PoPs) के साथ समझौते के आधार पर इन चार्ज को और घटा सकती हैं. लेकिन यह कटौती उससे नीचे नहीं हो सकती जो तुरंत पिछली स्लैब के लिए निर्धारित है.
UPS में सिर्फ जमा चरण पर लागू
यूनिफाइड पेंशन स्कीम (UPS) के सरकारी ग्राहकों पर ये चार्ज केवल निवेश जमा यानी ‘Accumulation Phase’ में ही लागू होंगे. जब खाता भुगतान या ‘Decumulation Phase’ में पहुंचेगा, तब लागू होने वाले शुल्क PFRDA अलग से अधिसूचित करेगा.
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नए नियम के अनुसार, CRAs को यह शुल्क संरचना अपनी आधिकारिक वेबसाइट और मोबाइल ऐप पर स्पष्ट रूप से दिखानी होगी. साथ ही, अगर भविष्य में कोई नई सेवा शुरू की जाती है, तो उसके लिए केवल वास्तविक लागत वसूली जा सकेगी, किसी अतिरिक्त मुनाफे की अनुमति नहीं होगी.
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