इस धनतेरस शुरू करें निवेश की नई परंपरा, टैक्स-फ्री रिटर्न और सुरक्षा के साथ यूलिप बने निवेशकों की नई पसंद
इस बार बाजार में एक नया नाम तेजी से फेमस हो रहा है यूलिप (ULIP) यानी यूनिट लिंक्ड इंश्योरेंस प्लान. यह निवेश और बीमा दोनों का मिश्रण है, जो आपके वित्तीय लक्ष्यों और परिवार की सुरक्षा दोनों की जिम्मेदारी एक साथ निभाता है. क्योंकि आज का निवेशक केवल रिटर्न ही नहीं, बल्कि सुरक्षा, टैक्स सेविंग और लॉन्ग टर्म ग्रोथ भी चाहता है.

धनतेरस हमेशा से धन, समृद्धि और शुभ निवेश की शुरुआत का प्रतीक रहा है. हर साल इस दिन लोग सोना-चांदी या प्रॉपर्टी जैसी पारंपरिक चीजों में निवेश करते हैं, लेकिन अब समय के साथ निवेश की परिभाषा बदल रही है. इस बार बाजार में एक नया नाम तेजी से फेमस हो रहा है यूलिप (ULIP) यानी यूनिट लिंक्ड इंश्योरेंस प्लान. यह निवेश और बीमा दोनों का मिश्रण है, जो आपके वित्तीय लक्ष्यों और परिवार की सुरक्षा दोनों की जिम्मेदारी एक साथ निभाता है.
क्यों यूलिप है एक स्मार्ट इन्वेस्टमेंट ऑप्शन?
आज का निवेशक केवल रिटर्न ही नहीं, बल्कि सुरक्षा, टैक्स सेविंग और लॉन्ग टर्म ग्रोथ भी चाहता है. यूलिप इन सभी पहलुओं को एक ही उत्पाद में जोड़ता है. पहले यूलिप को महंगा और जटिल माना जाता था, लेकिन अब यह न्यू एज डिजिटल प्रोडक्ट्स बन चुके हैं. बीमा नियामक संस्था IRDAI द्वारा किए गए सुधारों ने इनकी पारदर्शिता और किफायत को बढ़ाया है, जिससे निवेशकों को अपने पैसे का अधिकतम फायदा मिलता है.
टैक्स-फ्री रिटर्न का दोहरा फायदा
यूलिप निवेशकों को टैक्स बचाने के साथ-साथ टैक्स-फ्री रिटर्न भी प्रदान करता है. भारतीय आयकर अधिनियम की धारा 10(10D) के अनुसार, यदि वार्षिक प्रीमियम ₹2.5 लाख या उससे कम है, तो मैच्योरिटी राशि पूरी तरह टैक्स-फ्री होती है. इस पर कोई LTCG टैक्स नहीं लगता. इसके अलावा, निवेशक धारा 80C के तहत ₹1.5 लाख तक की टैक्स छूट भी ले सकते हैं.
इस तरह, यूलिप निवेशकों को टैक्स सेविंग और टैक्स-फ्री इनकम दोनों लाभ एक साथ देता है. नॉमिनी को मिलने वाला डेथ बेनिफिट भी टैक्स-फ्री होता है, जिससे परिवार की आर्थिक सुरक्षा और मजबूत होती है.
GST 2.0 ने बढ़ाई यूलिप की ताकत
सितंबर 2025 में हुए GST 2.0 सुधारों ने जीवन बीमा उत्पादों पर जीएसटी को समाप्त कर दिया. यह बदलाव यूलिप निवेशकों के लिए बड़ा तोहफा साबित हुआ है क्योंकि अब उन पर कोई भी सीधा या अप्रत्यक्ष टैक्स लागू नहीं होता. यानी यूलिप अब एकमात्र ऐसा मार्केट-लिंक्ड निवेश उत्पाद है जो पूरी तरह टैक्स-फ्री है. इससे यह रिटायरमेंट, बच्चों की पढ़ाई, घर खरीदने या भविष्य की किसी भी बड़ी जरूरत के लिए उपयुक्त विकल्प बन गया है.
पारदर्शिता और कम लागत ने बढ़ाया भरोसा
पहले यूलिप को महंगा इसलिए माना जाता था क्योंकि उस पर अलग-अलग प्रकार के चार्जेस लगते थे, जैसे फंड मैनेजमेंट चार्ज या पॉलिसी एडमिनिस्ट्रेशन चार्ज. लेकिन अब IRDAI ने इन पर सख्त सीमा तय कर दी है. कुल चार्जेस पहले दस वर्षों के लिए 2.25% प्रति वर्ष से अधिक नहीं हो सकते और फंड मैनेजमेंट फी (FMC) को 1.35% प्रति वर्ष तक सीमित किया गया है.
ऑनलाइन यूलिप में एजेंट कमीशन भी लगभग समाप्त कर दिया गया है, जिससे निवेशक के पैसे का अधिक हिस्सा सीधे मार्केट फंड्स में निवेश होता है. यह निवेशकों को कंपाउंडिंग ग्रोथ का पूरा फायदा देता है.
वेवर ऑफ प्रीमियम बेनिफिट का महत्व
यूलिप की सबसे खास बात यह है कि यह सिर्फ निवेश नहीं बल्कि सुरक्षा भी प्रदान करता है. यदि किसी निवेशक की दुर्भाग्यवश मृत्यु हो जाती है, तो बीमा कंपनी उसकी पॉलिसी को सक्रिय रखती है और वेवर ऑफ प्रीमियम फीचर के तहत आगे के सभी प्रीमियम खुद भरती है. इससे यह सुनिश्चित होता है कि परिवार के लक्ष्य जैसे बच्चे की शिक्षा या घर का सपना बिना रुके पूरे होते रहें. यह सुविधा म्यूचुअल फंड जैसे उत्पादों में उपलब्ध नहीं होती, जिससे यूलिप को एक अतिरिक्त बढ़त मिलती है.
फंड स्विचिंग की आजादी
यूलिप की लचीलापन भी इसकी एक बड़ी ताकत है. निवेशक अपने निवेश को मार्केट की स्थिति के अनुसार इक्विटी और डेट फंड्स के बीच आसानी से स्विच कर सकता है. खास बात यह है कि यह स्विचिंग पूरी तरह टैक्स-फ्री होती है. इससे निवेशक मार्केट के उतार-चढ़ाव से अपने पोर्टफोलियो को बचा सकता है और बेहतर रिटर्न की संभावना बनाए रख सकता है.
लंबी अवधि में अनुशासित निवेश का लाभ
यूलिप को लंबे समय के निवेश के लिए डिज़ाइन किया गया है. इसकी न्यूनतम अवधि 5 वर्ष होती है, जो निवेशकों को अनुशासित और नियमित निवेश की आदत डालती है. लॉन्ग टर्म में, यह अनुशासन कंपाउंडिंग इफेक्ट को बढ़ाता है और निवेशक को मजबूत पूंजी निर्माण का लाभ देता है. उदाहरण के लिए, अगर 30 वर्षीय निवेशक ने 20 साल के लिए ₹10,000 प्रति माह डायरेक्ट म्यूचुअल फंड में निवेश किया (15% अनुमानित रिटर्न और 0.55% FMC के साथ), तो 20 साल बाद उसे लगभग ₹84,24,854 रुपये प्राप्त होंगे, जिसमें LTCG टैक्स लागू होगा। दूसरी ओर, यदि उसने एक्सिस मैक्स ऑनलाइन ULIP योजना में वही निवेश किया (15% अनुमानित रिटर्न और 1.25% FMC के साथ), तो 20 साल बाद उसे ₹86,49,475 रुपये मिलेंगे और यह पूरी तरह टैक्स-फ्री होंगे। इस उदाहरण से साफ है कि टैक्स-फ्री लाभ के कारण यूलिप का अंतिम रिटर्न अधिक आकर्षक साबित होता है. ऑनलाइन यूलिप अब निवेशकों के लिए एक बेहतरीन विकल्प बन चुके हैं. ये बीमा की सुरक्षा और निवेश के लाभ दोनों का कॉम्बिनेशन हैं. टैक्स फ्री मैच्योरिटी, जीएसटी राहत और कम लागत की वजह से यूलिप अब एक सम्पूर्ण निवेश समाधान बन गए हैं.
लेखक पॉलिसीबाजार डॉट कॉम के इन्वेस्टमेंट हेड पवित लौल हैं..
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