सोने की ज्वेलरी या डिजिटल गोल्ड, किस पर लगता है ज्यादा टैक्स, धनतेरस पर क्या लेना रहेगा फायदे का सौदा

धनतेरस पर सोना खरीदना शुभ माना जाता है. दिल्ली में सोना पहली बार ₹1.3 लाख प्रति 10 ग्राम के दाम को पार कर गया है. इसे खरीदने से पहले यह जानना जरूरी है कि ज्वेलरी और डिजिटल गोल्ड पर कितना GST, मेकिंग चार्ज और कैपिटल गेन टैक्स लगता है.

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भारत में धनतेरस और दिवाली पर सोना खरीदने की परम्परा काफी पुरानी है. इस दिन सोना खरीदने को शुभ माना जाता है. जैसे-जैसे यह दिन नजदीक आ रहा है, देशभर में लोग पारंपरिक रूप से समृद्धि और सौभाग्य के प्रतीक सोने में निवेश करने की तैयारी में जुट गये हैं. दिल्ली में सोना पहली बार 1.3 लाख रुपये प्रति 10 ग्राम के पार चला गया है. हालांकि, सोना खरीदने से पहले यह जानना जरूरी है कि किस प्रकार के सोने पर कितना टैक्स लगता है. सोने की ज्वेलरी या डिजिटल गोल्ड किस पर ज्यादा टैक्स लगता है और इस धनतेरस क्या लेना आपके लिए फायदे का सौदा साबित होगा.

किस पर कितना GST

निवेश का प्रकारखरीद पर GST
फिजिकल गोल्ड (ज्वेलरी, सिक्के, बार)गोल्ड के मूल्य पर 3% GST। ज्वेलरी के मेकिंग चार्ज पर 5% GST अतिरिक्त
सॉवरेन गोल्ड बांडकोई GST नहीं
गोल्ड ETFट्रांजैक्शन पर कोई GST नहीं। ब्रोकरेज व ट्रांजैक्शन चार्ज पर 18% GST
गोल्ड म्यूचुअल फंडनिवेश के समय कोई GST नहीं
डिजिटल गोल्डगोल्ड के मूल्य पर 3% GST

किस पर कितना इनकम टैक्स

फिजिकल गोल्ड

फिजिकल गोल्ड यानी सोने के आभूषण, सिक्के और गोल्ड बार खरीदते समय 3% जीएसटी देना होता है जबकि ज्वेलरी पर 5-20 फीसदी मेकिंग चार्ज लगता है और मेकिंग चार्ज पर अतिरिक्त 5% जीएसटी भी लागू होता है. अगर यह सोना 36 महीने से पहले बेचते हैं, तो उस पर होने वाले मुनाफे को आपकी कुल इनकम में जोड़कर आपके आयकर स्लैब के अनुसार टैक्स लगाया जाता है. वहीं, इसे 36 महीने से ज्यादा समय तक होल्ड करने पर इंडेक्सेशन लाभ के साथ 20% लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन टैक्स लगता है.

डिजिटल गोल्ड

डिजिटल गोल्ड की बात करें तो इसे पेटीएम और फोनपे जैसे प्लेटफॉर्म के जरिए ऑनलाइन खरीदा जाता है और इस पर 3% जीएसटी लागू होता है. इसे अगर 36 महीने से पहले बेचते हैं तो शॉर्ट टर्म कैपिटल गेन टैक्स आपकी इनकम में जोड़कर लगाया जाता है. इसे 36 महीने के बाद बेचने पर 20% लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन टैक्स लगता है. खास बात यह है कि डिजिटल गोल्ड ₹1 से भी खरीदा जा सकता है. डिजिटल गोल्ड को फिजिकल गोल्ड में कन्वर्ट किया जा सकता है.

सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड्स

सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड्स (SGBs) खरीदने पर किसी प्रकार का जीएसटी नहीं लगता है. अगर बॉन्ड्स को मैच्योरिटी (8 वर्षों) पर रिडीम किया जाता है तो उस पर मिलने वाला कैपिटल गेन पूरी तरह टैक्स मुक्त होता है. लेकिन इसे 36 महीने से पहले बेचने पर मुनाफे पर इनकम टैक्स स्लैब के अनुसार टैक्स लगेगा. 36 महीने के बाद इसे बेचने पर इंडेक्सेशन के साथ 20% टैक्स देना होगा. इसके अलावा, इन बॉन्ड्स पर 2.5% सालाना ब्याज भी मिलता है जो हर 6 महीने में दिया जाता है और वह ब्याज आयकर स्लैब के अनुसार टैक्सेबल होता है.

गोल्ड ईटीएफ

गोल्ड ईटीएफ में निवेश करते समय लेन-देन पर सीधे जीएसटी नहीं लगता है लेकिन ब्रोकरेज और ट्रांजैक्शन फीस पर 18% जीएसटी लगता है. एक अप्रैल 2023 से लागू नए नियमों के अनुसार, ईटीएफ से होने वाले लाभ पर आपकी आयकर स्लैब के अनुसार टैक्स लगेगा.

गोल्ड म्यूचुअल फंड

गोल्ड म्यूचुअल फंड में भी निवेश पर भी कोई जीएसटी नहीं लगता है. इससे होने वाले मुनाफे पर इनकम टैक्स स्लैब दरों के अनुसार टैक्स लगता है.