क्रेडिट स्कोर 750 होने के बाद भी क्यों रिजेक्ट हो सकता है लोन? जानें असली वजहें और RBI के नियम

अक्सर लोग सोचते हैं कि 750 या उससे ज्यादा क्रेडिट स्कोर होने पर लोन आसानी से मिल जाएगा, लेकिन कई बार बैंक आवेदन को फिर भी अस्वीकार कर देते हैं. इसकी वजह आपकी नौकरी की स्थिरता, मौजूदा कर्ज, बार-बार किए गए आवेदन और बैंक के आंतरिक रिकॉर्ड जैसे फैक्टर होते हैं. नए नियमों ने पहली बार लोन लेने वालों को राहत भी दी है.

क्रेडिट स्कोर Image Credit: Money9live/Canva

Credit Score Loan Rejected: कई लोग यह मानकर चलते हैं कि अगर उनका क्रेडिट स्कोर 750 या इससे अधिक है, तो उन्हें लोन आसानी से मिल जाएगा. लेकिन वास्तविकता इससे कहीं अलग होती है. कई बार लोगों का स्कोर अच्छा होने के बावजूद उनका लोन या क्रेडिट कार्ड एप्लीकेशन रिजेक्ट हो जाता है. ऐसा इसलिए होता है क्योंकि बैंक सिर्फ आपके स्कोर को नहीं देखते, बल्कि आपकी पूरी वित्तीय स्थिति, नौकरी की स्थिरता और देनदारियों का स्तर भी जांचते हैं.

क्रेडिट स्कोर

क्रेडिट स्कोर आपकी वित्तीय आदतों और पहले लिए गए कर्ज चुकाने के तरीके का एक संकेत है. हालांकि, अब सरकार और RBI ने साफ कर दिया है कि केवल क्रेडिट स्कोर के आधार पर पहली बार लोन लेने वालों को मना करना ठीक नहीं है. बैंक को ग्राहक की पूरी आर्थिक क्षमता, आय की नियमितता और वर्तमान वित्तीय जिम्मेदारियों का मूल्यांकन करके ही निर्णय लेने की सलाह दी गई है.

कैसे होता है लोन अप्रूव?

लोन अप्रूवल का सबसे बड़ा आधार आपकी आय और नौकरी की स्थिरता होती है. अगर आप बार-बार नौकरी बदलते हैं या लंबे समय तक बेरोजगार रहे हैं, तो बैंक आपको जोखिम भरा ग्राहक मान सकते हैं. वहीं लगातार एक ही क्षेत्र में काम करना और किसी भरोसेमंद कंपनी के साथ जुड़े रहना आपके पक्ष में जाता है. इसी तरह आपके ऊपर मौजूद कर्ज भी बैंक के लिए महत्वपूर्ण होता है. अगर आपकी आय का 40–50 फीसदी से ज्यादा हिस्सा पहले से ही EMI भरने में जाता है, तो बैंक नया लोन देने से हिचकते हैं.

कई लोन या क्रेडिट कार्ड एप्लीकेशन भी हैं वजह

एक और बड़ी वजह यह होती है कि लोग एक साथ कई लोन या क्रेडिट कार्ड के लिए आवेदन कर देते हैं. इससे आपकी क्रेडिट रिपोर्ट में कई हार्ड इनक्वायरियां दर्ज हो जाती हैं. बैंक इसे आर्थिक दबाव का संकेत मानते हैं और ऐसे मामलों में आवेदन अस्वीकार करने की संभावना बढ़ जाती है. इसके अलावा, जिस बैंक से आप आवेदन कर रहे हैं, उसके साथ आपका पूर्व रिकॉर्ड भी अहम होता है. अगर आपने उसी बैंक में पहले कोई EMI मिस की हो या किसी लोन को सेटल किया हो, तो यह आपके खिलाफ जा सकता है.

पहली बार लोन लेने वालों के लिए क्या बदला?

नए नियमों के तहत पहली बार लोन लेने वालों के लिए क्रेडिट स्कोर की न्यूनतम शर्त को हटा दिया गया है. इसका मतलब है कि बैंक अब सिर्फ स्कोर के आधार पर किसी को रिजेक्ट नहीं कर सकते. उन्हें ग्राहक की आर्थिक मजबूती, कर्ज चुकाने की क्षमता और नौकरी की सुरक्षा जैसे पहलुओं को मिलाकर मूल्यांकन करना होगा.

फिर क्या करें?

अगर आप अपने लोन अप्रूवल की संभावनाएं बढ़ाना चाहते हैं, तो नौकरी में स्थिरता बनाए रखें, अपनी देनदारियां कम रखें और अनावश्यक लोन आवेदन से बचें. साथ ही, EMI और बिल समय पर भरते रहें, क्योंकि आपका भविष्य का स्कोर और बैंक का भरोसा इसी पर टिकता है. कुल मिलाकर, क्रेडिट स्कोर लोन का पहला कदम है, लेकिन अंतिम निर्णय आपकी पूरी वित्तीय प्रोफाइल पर निर्भर करता है.

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