Budget 2025: रियल एस्टेट सेक्टर को क्या मिलेगा सरकार से बूस्टर डोज?

रियल एस्टेट क्षेत्र को उम्मीद है कि इस बजट में टैक्स में राहत, होम लोन सब्सिडी और इंफ्रास्ट्रक्चर निवेश जैसे ठोस कदम उठाए जाएंगे. अगर सरकार इन सुझावों को बजट में शामिल करती है, तो इससे न केवल आवासीय और व्यावसायिक रियल एस्टेट को बढ़ावा मिलेगा, बल्कि देश की आर्थिक वृद्धि को भी गति मिलेगी.

रियल एस्टेट Image Credit: FreePIk

1 फरवरी 2025 को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण संसद में वर्ष 2025-26 का आम बजट पेश करेंगी. यह मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल का पहला पूर्ण बजट होगा, जिससे विभिन्न सेक्टरों को बड़ी उम्मीदें हैं. खासतौर पर रियल एस्टेट और इंफ्रास्ट्रक्चर सेक्टर को इस बजट में राहत की उम्मीद है. ऐसा इसलिए क्योंकि यह सेक्टर देश की आर्थिक वृद्धि में अहम भूमिका निभाता है और सैकड़ों सहायक इंडस्ट्रीज को प्रभावित करता है. बिजनेस एक्सपर्ट्स का मानना है कि बजट में टैक्स में राहत, होम लोन पर टैक्स छूट बढ़ाने और इंडस्ट्री को बढ़ावा देने के लिए नए कदम उठाए जा सकते हैं.

टैक्स में राहत और होमबायर्स के लिए सहूलियत की उम्मीद

निंबस ग्रुप के CEO साहिल अग्रवाल का मानना है कि सरकार को होमबायर्स पर लगने वाले टैक्स और शुल्क को रेशनलाइज करना चाहिए, क्योंकि कई राज्यों में यह प्रॉपर्टी मूल्य के 12 फीसदी से अधिक होता है. उन्होंने कहा, “पिछले बजट में वित्त मंत्री ने राज्य सरकारों से इसे कम करने की अपील की थी लेकिन इस पर कुछ खास फैसला नहीं लिया गया. हमें उम्मीद है कि इस बजट में इसे नियंत्रित करने के लिए ठोस कदम उठाए जाएंगे.”

इसके अलावा, उन्होंने सरकार से लॉन्ग टर्म कैपिटल गेंस (LTCG) टैक्स में राहत देने की सिफारीश की है. वहीं, GST सुधार पर जोर देते हुए उन्होंने कहा कि इससे रियल एस्टेट निवेश को आकर्षक बनाया जा सकता है. सेक्शन 24(b) के तहत होम लोन ब्याज पर टैक्स छूट की सीमा को 2 लाख रुपये से बढ़ाकर 5 लाख रुपये करने की भी मांग की गई है जिससे खासतौर पर मेट्रो शहरों में घर खरीदने वालों को राहत मिलेगी.

रियल एस्टेट को मिले इंडस्ट्री का दर्जा

सिग्नेचर ग्लोबल (इंडिया) लिमिटेड के संस्थापक एवं चेयरमैन, मिस्टर प्रदीप अग्रवाल ने बजट को लेकर अपनी राय व्यक्त करते हुए कहा, “रियल एस्टेट सेक्टर को उद्योग का दर्जा देना बहुत जरूरी है. इससे डेवलपर्स को कम ब्याज दर पर पैसे मिलेंगे और मकानों की कीमतों को कम करने में मदद मिलेगी.” उन्होंने यह भी सुझाव दिया कि GST इनपुट टैक्स क्रेडिट में सुधार करने से डेवलपर्स पर टैक्स का बोझ घटेगा, जिससे प्रॉपर्टी की कीमतें स्थिर रह सकती हैं.

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इंफ्रास्ट्रक्चर विकास को मिले बढ़ावा

रियल एस्टेट विशेषज्ञों का मानना है कि सरकार को मेट्रो, मल्टीमॉडल कॉरिडोर और लास्ट-माइल कनेक्टिविटी परियोजनाओं में निवेश बढ़ाना चाहिए. इससे न केवल शहरी मोबिलिटी में सुधार होगा बल्कि मेट्रो शहरों और उनके आसपास के इलाकों में कमर्शियल रियल एस्टेट सेक्टर को भी बढ़ावा मिलेगा.

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