बिहार में जमीन खरीदने से पहले चेक कर लें ये 6 चीजें, नहीं तो हो जाएगा फ्रॉड, सरकार का अलर्ट
बिहार के राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग ने राज्य में जमीन खरीदने वालों के लिए जरूरी गाइडलाइन जारी की है. विभाग ने लोगों को आगाह किया है कि किसी भी तरह की भूमि खरीदने से पहले ऑनलाइन लैंड रिकॉर्ड की जांच जरूर करें. इसके अलावा, विभाग ने अपनी आधिकारिक वेबसाइट पर जमीन से जुड़ी सभी जानकारी हासिल करने के तरीकों के बारे में भी बताया है.

Bihar Bhumi: बिहार में आजकल जमीन की मांग काफी बढ़ रही है. लोग बड़ी तेजी से जमीन की खरीद-बिक्री कर रहे हैं. ऐसे में राज्य में कई मामले सामने आ रहे हैं, जो धोखाधड़ी से संबंधित हैं. इसे लेकर राज्य के राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग ने एक जरूरी एडवाइजरी जारी की है. सरकार ने लोगों से अपील की है कि वे जल्दबाजी में कोई भी जमीन न खरीदें और पहले सभी कानूनी औपचारिकताओं की जांच कर लें. इसको लेकर विभाग ने जन-जागरूकता अभियान भी शुरू किया है.
विभाग ने लोगों को आगाह किया है कि किसी भी प्रकार की भूमि खरीदने से पहले ऑनलाइन भूमि रिकॉर्ड की जांच जरूर करें. अगर आप इस सलाह का पालन नहीं करते हैं, तो जमीन खरीदने पर आपको भारी नुकसान उठाना पड़ सकता है. इसके अलावा, यह भी संभव है कि आप अनजाने में विवादित जमीन खरीद लें.
विभाग ने क्या सलाह दी?
विभाग ने कहा है कि अगर जमीन खरीदने जा रहे हैं, तो कुछ जरूरी बातों की जांच जरूर करें,
- जिस जमीन को आप खरीदना चाहते हैं, क्या उसका जमाबंदी रिकॉर्ड मौजूद है?
- क्या ऑनलाइन उपलब्ध जमाबंदी में उस प्लॉट का नंबर और पूरा रकबा सही तरीके से दर्ज है?
- क्या जमीन बेचने वाले के पास ऑनलाइन भूमि रिकॉर्ड उपलब्ध है?
क्यों जरूरी है यह जांच?
राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग का मकसद यह सुनिश्चित करना है कि ऑनलाइन भूमि रिकॉर्ड की जांच करने से जमीन के असली मालिक की पहचान हो सके. इससे फ्यूचर में होने वाले विवादों से बचा जा सकता है. अगर जमीन बेचने वाले के पास खुद के नाम पर लैंड रिकॉर्ड नहीं है, तो यह देखना जरूरी है कि क्या उसके पास सभी हिस्सेदारों की लिखित सहमति है या नहीं. अगर यह जांच नहीं की जाती है, तो जमीन खरीदने के बाद कानूनी दिक्कतें आ सकती हैं.
कहां चेक करें भूमि रिकॉर्ड?
भूमि रिकॉर्ड देखने के लिए आपको राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग की आधिकारिक वेबसाइट पर जाना होगा. वहां आप जरूरी दस्तावेज भरकर लैंड रिकॉर्ड की जानकारी ले सकते हैं.
जांच के दौरान इन बातों पर ध्यान दें,
- क्या प्लॉट (खसरा/प्लॉट नंबर) और कुल क्षेत्रफल सही तरीके से दर्ज है?
- क्या विक्रेता का नाम अकेले और सही स्वामित्व में दर्ज है?
- यदि विक्रेता अकेला स्वामी नहीं है, तो क्या दूसरे हिस्सेदारों की लिखित सहमति ली गई है?
इसे भी पढ़ें- गुरुग्राम में DLF का बड़ा निवेश! 6000 करोड़ की लागत से प्रीमियम ऑफिस और मॉल बनाएगा DCCDL
Latest Stories

इन 9 शहरों में कम हो गई घरों की मांग, जानें क्या है वजह

220 KM लंबे नेशनल हाईवे से कमा लिए 12000 करोड़, दिल्ली-जयपुर बना सरकार के लिए कुबेर का खजाना

NHAI की बड़ी कार्रवाई, 14 टोल कलेक्ट करने वाली एजेंसियों को किया बैन, जानें- पूरा मामला
