जेवर एयरपोर्ट के पास जमीन दिलाने के नाम पर इस तरह से हो रही धोखाधड़ी, बरतें ये सावधानियां वरना डूब जायेगा आपका पैसा
जेवर एयरपोर्ट के पास जमीन दिलाने का झांसा देकर आजकल फ्रॉड किया जा रहा है. अगर कोई एजेंट आपको भी ऐसी ही कोई स्कीम समझा रहा है तो निवेश करने पहले आपको इस खबर को जरुर पढ़ना चाहिए. यह खबर आपकी कमाई के पैसों को डूबने से बचा सकती है.

दिल्ली से सटे यूपी के गौेतमबुद्ध नगर जिले में बन रहे देश के सबसे बड़े एयरपोर्ट के आसपास जमीन दिलाने के नाम पर इन दिनों धोखाधड़ी का धंधा खूब फल-फूल रहा है. जालसाज सस्ती कीमतों व लुभावनी स्कीमस का झांसा देकर लोेगों को अपना शिकार बना रहे हैं. अगर आप यमुना एक्सप्रेसवे से गुजर रहे हैं तो सड़क के किनारे रियल एस्टेट प्रोजेक्ट की तख्तियां लेकर दर्जनों लड़के खड़े दिखाई देंगे. जेवर एयरपोर्ट के आसपास आजकल रियल एस्टेट प्रोजेक्ट की बाढ़ सी आ गई है और दर्जनों कंपनियां व छोटे बिल्डर एयरपोर्ट के आसपास अपने प्रोजेक्ट शुरू कर चुके हैं.
ऐसे फंसाये जाते हैं लोग
नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट के नाम पर आजकल जेवर और उसके आसपास के गांवों में कई अवैध कॉलोनियां काटी जा रही हैं. टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक दिल्ली से इन फर्जी प्लॉट्स की दूरी 100 किलोमीटर तो नोएडा से 80 किलोमीटर के आसपास है. जालसाज बाकायदा इसका प्रचार भी कर रहे हैं. इसके लिए फेसबुक, इंस्टाग्राम व यूट्यूब पर ऐड चलाए जा रहें हैं. दिल्ली एनसीआर में प्रॉपर्टी के रेट आसमान छू रहे हैं इसलिए लोग कम कीमत में प्लाट खरीदें का विज्ञापन देखकर उस पर दिए गये नंबरों पर कॉल कर देते हैं और फिर यही से शुरू होता है धोखाधड़ी का सिलसिला. दरअसल यह एरिया यमुना प्राधिकरण, यानी यमुना एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण (YEIDA का अधिसूचित हिस्सा है. नियम कहते हैं किअधिसूचित एरिया में अथॉरिटी की अनुमति के बगैर कोई निर्माण नहीं हो सकता है. अथॉरिटी अपने एरिया मे डेवेलपर्स को जमीन आवंटित करती है या खुद निर्माण कराती है. इसके बाजूवद यहां बिना प्राधिकरण कि अनुमति के अवैध कॉलोनियां बनाई जा रही हैं. कॉलोनाइजर जेवर एयरपोर्ट और फिल्म सिटी के नाम पर यहां बुकिंग करते हैं.
खरीदारों को फर्जी डॉक्यूमेंट दिखाकर दिलाते हैं भरोसा
प्लॉट खरीदने के लिए कॉल करने वालों को जालसाज खुद कार से लेकर लोकेशन पर जाते हैं. यहां पहुंचने वाले ग्राहकों को पूरे प्लान के साथ बनी टाउनशिप का लेआउट दिखाया जाता है. इसके साथ ही वे फर्जी नक्शे सहित अथॉरिटी से जारी अन्य नकली डॉक्यूमेंट दिखाकर भरोसा दिलाते हैं. इसे देखर ग्राहक को यकीन हो जाता है कि यह एक प्राइवेट जमीन है जिस पर निजी बिल्डर टाउनशिप विकसित कर रहा है. फिर ग्राहक से टोकन मनी जमा करने के लिए कहते हैं और उन्हें यह भी यकीन दिलाते हैं कि यहां अभी निवेश करना फायदे का सौदा होगा क्योंकि एयरपोर्ट महज 30 मिनट की दूरी पर है. और एयरपोर्ट के शुरू होते ही इनकी कीमतें बढ़ जाएंगी.
बरतें ये सावधानियां वरना पैसा डूब जाएगा
अगर आप जेवर एयरपोर्ट के आसपास जमीन लेने की सोच रहें तो आपको इन बातों का ध्यान रखना जरुरी है. वरना आपका पैसा डूब सकता है.
जांच और सत्यापन: जेवर में जमीन खरीदने की योजना बना रहे हैं, तो जमीन के दस्तावेजों की पूरी जांच कर लें. क्योकिं हो सकता है जिस जमीन को आप खरीदने वाले हैं उसे बेचने वाला उस पर मालिकाना हक न रखता हो. अगर आप इस जमीन को खरीद लेते हैं तो आपका पैसा तो डूबेगा ही. थाना-कोर्ट जाना पड़ेगा वो अलग.
सही मालिक की पहचान करना: किसी भी जमीन को खरीदने से पहले उस जमीन के मालिक की पहचान सत्यापित करें. उसके सारे पेपर देखें, अगर आपको दस्तावेज में कोई भी हेरफेर दिखे तो निवेश न करें.
वकील से लें सलाह: अगर आपको जमीन लेने से पहले उसके मालिकाना हक या अन्य किसी चीज को लेकर संदेह है, तो जमीन खरीदने से पहले किसी वकील या अधिकारी से सलाह लें. वकील आपको उस जमीन से जुड़े सारे लीगल तथ्य समझा देगा, साथ ही वह यह भी पता कर लेगा कि उस पर कोई मुकदमा तो नही चल रहा है.
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