17 मल्टीबैगर्स ने चांदी की चमक को किया फीका, दिया 13052% तक का रिटर्न; RRP सेमीकंडक्टर सबसे आगे!
पिछले एक साल में चांदी ने 75 फीसदी से ज्यादा रिटर्न दिया है. यह प्रदर्शन शेयर बाजार की तरह दिखता है, क्योंकि चांदी ने सभी मेजर इंडेक्स को पीछे छोड़ दिया. 25 ऐसे शेयर हैं, जिनकी मार्केट वैल्यू 5000 करोड़ रुपये या उससे ज्यादा है और इन्होंने चांदी को भी मात दे दी. आइए इन शेयरों के बारे में विस्तार से जानते है.

Shares vs gold and Silver: पिछले एक साल में चांदी ने 75 फीसदी से ज्यादा रिटर्न दिया है, जो अब तक का सबसे तेज रिटर्न है. यह प्रदर्शन शेयर बाजार की तरह दिखता है, क्योंकि चांदी ने सभी मेजर इंडेक्स को पीछे छोड़ दिया. 25 ऐसे शेयर हैं, जिनकी मार्केट वैल्यू 5000 करोड़ रुपये या उससे ज्यादा है और इन्होंने चांदी को भी मात दे दी. इनमें से सबसे आगे है RRP सेमीकंडक्टर, जिसने लगभग 13052 फीसदी रिटर्न दिया. यानी, अगर आपने इसमें 10000 रुपये लगाए होते, तो आज आपके पास 13.15 लाख रुपये होते. आइए इनके बारे में विस्तार से जानते है.
इन 25 शेयरों में से 17 मल्टीबैगर बन गए, यानी इन्होंने कई गुना रिटर्न दिया. ये शेयर इस प्रकार है-
Elitecon International (एलीटकॉन् इंटरनेशनल) CIAN Agro Industries (सियान एग्रो इंडस्ट्रीज) Blue Pearl Agriventures (ब्लू पर्ल एग्रीवेंचर्स) Indo Thai Securities (इंडो थाई सिक्योरिटीज) Cupid (क्यूपिड) Apollo Micro Systems (अपोलो माइक्रो सिस्टम्स) Axiscades Technologies (एक्सिसकैड्स टेक्नोलॉजीज) Gabriel India (गेब्रियल इंडिया) CarTrade Tech (कारट्रेड टेक) Shaily Engineering Plastics (शैली इंजीनियरिंग प्लास्टिक्स) Force Motors (फोर्स मोटर्स) ASM Technologies (एएसएम टेक्नोलॉजीज) Ashapura Minechem (आशापुरा माइनकेम) Lumax Auto Technologies (लुमैक्स ऑटो टेक्नोलॉजीज) Le Travenues Technology (Ixigo) (ले ट्रैवेन्यूज टेक्नोलॉजी (इक्सीगो)) Banco Products (बैंको प्रोडक्ट्स) |
इनके रिटर्न 4237 फीसदी से 104 फीसदी तक रहे. बाकी शेयर जैसे Paradeep Phosphates, Syrma SGS Technology, Acutaas Chemicals, Avalon Technologies, JSW Holdings, Gallantt Ispat, Laurus Labs, Fortis Healthcare, KRN Heat Exchanger और One 97 Communications (Paytm) ने भी चांदी को 95 फीसदी तक रिटर्न के साथ पीछे छोड़ा. सोना और चांदी ने इस साल सभी अनुमानों को गलत साबित किया और शेयर बाजार व बिटकॉइन से बेहतर प्रदर्शन किया. आने वाले समय में भी इनके अच्छे प्रदर्शन की उम्मीद है.
सोने और चांदी की कीमतें बढ़ने के कई कारण
पिछले दीवाली से अब तक सोने और चांदी की कीमतें बढ़ने के कई कारण हैं. रूस-यूक्रेन और इजराइल-हमास युद्ध, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प की व्यापार नीतियों से अनिश्चितता और अमेरिकी फेडरल रिजर्व द्वारा ब्याज दरों में कटौती की उम्मीद इनमें शामिल हैं. सितंबर में फेडरल रिजर्व ने नौ महीने बाद पहली बार ब्याज दरें घटाईं और आगे भी ऐसा करने के संकेत दिए.अगले साल (संवत 2082) में भी सोना और चांदी की मांग बनी रहेगी.
कई शेयरों ने पीछे छोड़ दिया
वैश्विक केंद्रीय बैंक सोना खरीदते रहेंगे. कमजोर अमेरिकी डॉलर और भारतीय रुपये की कीमत में कमी से सोने-चांदी के रिटर्न और आकर्षक होंगे. अगले दीवाली तक चांदी की कीमत अंतरराष्ट्रीय बाजार में 60-70 डॉलर प्रति औंस और भारत में MCX पर 1,80,000 से 2,00,000 रुपये तक पहुंच सकती है. चांदी की मांग इलेक्ट्रॉनिक्स, इलेक्ट्रिक वाहन, और सोलर पैनल जैसे उद्योगों में बढ़ रही है, जबकि इसकी आपूर्ति सीमित है. चांदी ने शानदार प्रदर्शन किया, लेकिन कई शेयरों ने इसे पीछे छोड़ दिया. निवेशकों को सोने-चांदी और शेयरों में संतुलन बनाना चाहिए ताकि जोखिम कम हो और रिटर्न बेहतर मिले.
डेटा सोर्स: BSE, ET, silverprice.org
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