‘Make In India’ से कंपनी को मिल रहा धमाकेदार फायदा, DRDO-DPSUs दे रहे बड़ा ऑर्डर; 2 दिन में 14% भागा शेयर
शेयर बाजार में अचानक एक डिफेंस कंपनी के शेयर ने शानदार रफ्तार पकड़ ली है. निवेशकों का भरोसा लगातार इस स्टॉक पर बढ़ रहा है और इसमें दमदार तेजी देखने को मिली है. कंपनी की हालिया उपलब्धियों ने बाजार में इसकी पकड़ और भी मजबूत कर दी है.
देश में रक्षा उत्पादन को बढ़ावा देने की कोशिशों के बीच अपोलो माइक्रो सिस्टम्स का नाम तेजी से उभर रहा है. कंपनी के शेयर बीएसई पर लगातार चढ़ान दिखा रहे हैं. सिर्फ दो दिनों में शेयरों में 13.8 फीसदी की तेजी आई और सोमवार को यह 52 हफ्ते के नए उच्च स्तर 275.95 रुपये पर पहुंच गया. इस उछाल की बड़ी वजह कंपनी को रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) से मिली अहम मंजूरी और समझौते हैं.
DRDO से मिली अहम मंजूरी
कंपनी ने जानकारी दी है कि उसे मल्टी-इन्फ्लुएंस ग्राउंड माइन (MIGM)–विघ्ना के लिए प्रोडक्शन एजेंसी के रूप में मंजूरी मिल गई है. यह मंजूरी DRDO के DcPP प्रोग्राम के तहत मिली है. इसके साथ ही कंपनी ने DRDO के साथ एक और समझौता किया है जिसके तहत उसे NASM-SR मिसाइल के लिए ओमनी-डायरेक्शनल मल्टी-EFP वॉरहेड की तकनीक (ToT) ट्रांसफर की जाएगी.
इन घोषणाओं के बाद से निवेशकों का रुझान कंपनी के शेयर की ओर और बढ़ गया है. बीते दो कारोबारी सत्रों में भारी खरीदारी देखने को मिली, जिससे शेयर नई ऊंचाई पर पहुंच गया. डिफेंस सेक्टर में हाल के दिनों में निवेशकों की दिलचस्पी बढ़ी है और अपोलो माइक्रो सिस्टम्स इसमें एक प्रमुख खिलाड़ी बनकर उभर रहा है.
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हाल की उपलब्धियां और भविष्य की संभावनाएं
यह पहली बार नहीं है जब कंपनी चर्चा में आई हो. अगस्त की शुरुआत में ही उसने जानकारी दी थी कि वह DRDO और डिफेंस पब्लिक सेक्टर अंडरटेकिंग्स (PSUs) से 25.12 करोड़ रुपये के ऑर्डर में सबसे कम बोली लगाने वाली कंपनी घोषित हुई है. लगातार मिल रही इन उपलब्धियों से साफ है कि अपोलो माइक्रो सिस्टम्स डिफेंस मैन्युफैक्चरिंग इकोसिस्टम में अपनी पकड़ मजबूत कर रही है. सरकार द्वारा ‘मेक इन इंडिया’ और आयात पर निर्भरता घटाने की नीति से कंपनी जैसे घरेलू प्लेयर्स को बड़ा फायदा मिल रहा है.
कंपनी के उत्पादों का इस्तेमाल कई अहम उद्योगों में किया जाता है, जिनमें एयरोस्पेस सिस्टम्स, ग्राउंड डिफेंस, स्पेस, एवियोनिक्स सिस्टम्स, होमलैंड सिक्योरिटी और ट्रांसपोर्टेशन शामिल हैं. इसके प्रमुख क्लाइंट्स में DRDO, भारतीय सेना, भारतीय नौसेना, डिफेंस पब्लिक सेक्टर अंडरटेकिंग्स (DPSUs), ब्रह्मोस, अडाणी, L&T जैसे बड़े नाम शामिल हैं.
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