हार्ट अटैक और स्ट्रोक से बचने के लिए एस्पिरिन से बेहतर है ये दवा, 29000 मरीजों पर हुई स्टडी
लंबे समय से हार्ट अटैक और स्ट्रोक की रोकथाम के लिए एस्पिरिन को सबसे असरदार माना जाता था, लेकिन अब एक नई खोज हो गई है. नई स्टडी में पाया गया है कि क्लोपिडोग्रेल दवा हार्ट अटैक और स्ट्रोक से बचाने में एस्पिरिन से ज्यादा असरदार है. इसके लिए 29,000 मरीजों पर बड़ी स्टडी की गई, जिसमें पाया गया कि इस दवा के एस्पिरिन के मुकाबले साइड इफेक्ट कम हैं.

Clopidogrel: दुनिया भर में हार्ट की बीमारी से जूझ रहे करोड़ों मरीजों के लिए राहत की खबर है. लंबे टाइम से हार्ट अटैक और स्ट्रोक से बचने के लिए एस्पिरिन को सबसे असरदार दवा माना जाता था. लेकिन अब डॉक्टरों ने एक ऐसी दवा खोज ली है, जो हार्ट अटैक और स्ट्रोक को रोकने में एस्पिरिन से भी ज्यादा कारगर है. हाल ही में हुई एक बड़ी स्टडी ने यह साबित किया है कि क्लोपिडोग्रेल (Clopidogrel) नाम की दवा, हार्ट अटैक और स्ट्रोक से बचाने में एस्पिरिन से ज्यादा असरदार है. Lancet मेडिकल जर्नल में प्रकाशित इस स्टडी के मुताबिक, क्लोपिडोग्रेल (Clopidogrel) नाम की दवा एस्पिरिन से ज्यादा प्रभावी है. खास बात यह भी है कि एस्पिरिन के मुकाबले इसका साइड इफेक्ट भी कम है.
दशकों से लाखों लोगों को हार्ट से संबंधित बीमारी के लिए डॉक्टर एस्पिरिन लेने की सलाह देते हैं. कम डोज वाली एस्पिरिन हमारे शरीर में खून को पतला करती है, साथ ही प्लेटलेट्स को चिपकने से रोकती है, जिसकी वजह से नसों में ब्लॉकेज का खतरा कम हो जाता है. लेकिन इस नई दवा की खोज मेडिकल गाइडलाइन्स को बदल सकती है. इस दवा का शरीर पर साइड इफेक्ट भी बहुत कम है. ऐसे में यह रिसर्च फ्यूचर में दिल की बीमारियों के इलाज के तरीके को बदल सकती है.
कैसे हुआ रिसर्च?
अमेरिका, ब्रिटेन, ऑस्ट्रेलिया, स्विट्जरलैंड और जापान के डॉक्टरों की टीम ने 29,000 मरीजों पर किए गए 7 क्लिनिकल ट्रायल्स का डेटा खंगाला. इन सभी मरीजों को कोरोनरी आर्टरी डिजीज (CAD) थी, जो हार्ट डिजीज का सबसे आम रूप है. स्टडी में पाया गया कि क्लोपिडोग्रेल लेने वाले मरीजों में दिल के दौरे, स्ट्रोक या मौत का खतरा 14 फीसदी कम था. साथ ही एस्पिरिन की तुलना में खून बहने (Bleeding) का खतरा भी ज्यादा नहीं था. ऐसे में ये नतीजे उन मरीजों में भी सही साबित हुए जिन्हें जेनेटिक या मेडिकल कारणों से क्लोपिडोग्रेल पर कम प्रतिक्रिया होने की आशंका थी. उनमें भी यह दवा फायदेमंद रही.
क्या है कोरोनरी आर्टरी डिजीज (CAD)?
कोरोनरी आर्टरी डिजीज हार्ट रोग का एक प्रकार है. इसके तहत दिल की धमनियों में फैट जमा हो जाता है, जिससे धमनियां संकरी हो जाती हैं. इस वजह से मरीज को सीने में दर्द होती है, जिसे एंजाइना (Angina) कहा जाता है. अगर ब्लॉकेज ज्यादा हो जाए, तो हार्ट अटैक का खतरा बढ़ जाता है. रिपोर्ट के मुताबिक, दुनियाभर में 30 करोड़ से ज्यादा लोग CAD से पीड़ित हैं. केवल ब्रिटेन में ही 23 लाख मरीज इस बीमारी से जूझ रहे हैं.
क्यों मेडिकल की दुनिया में चुनौती है यह स्टडी?
अब तक डॉक्टर लंबे समय से CAD मरीजों को एस्पिरिन की डेली डोज लेने की सलाह देते थे ताकि हार्ट अटैक और स्ट्रोक का खतरा कम हो. लेकिन इस नई रिसर्च ने एस्पिरिन को चुनौती दी है. रिसर्च टीम के मुताबिक, क्लोपिडोग्रेल एस्पिरिन से ज्यादा असरदार है और यह हर तरह के मरीजों पर काम करती है. यह दवा अब जेनेरिक फॉर्म में उपलब्ध है. वहीं ब्रिटिश हार्ट फाउंडेशन के चीफ साइंटिफिक और मेडिकल ऑफिसर प्रोफेसर ब्रायन विलियम्स ने इस रिसर्च को लेकर कहा है कि एस्पिरिन लंबे समय से हार्ट अटैक और स्ट्रोक की रोकथाम में दी जाती है. यह रिसर्च बताती है कि क्लोपिडोग्रेल ज्यादा असरदार है और यह खून बहने का ज्यादा खतरा भी नहीं बढ़ाती.
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