57000 करोड़ का मिलेगा ऑर्डर, कर्जमुक्त है ये मल्टीबैगर कंपनी, इन 3 डिफेंस स्टॉक की मजबूत है फ्यूचर प्लानिंग
भारत का रक्षा क्षेत्र तेजी से बदल रहा है. ‘आत्मनिर्भर भारत’ और ‘मेक इन इंडिया’ जैसे अभियानों ने इस सेक्टर को नई दिशा दी है. सरकारी नीतियों का सहारा और वैश्विक मांग ने निवेशकों के लिए नए अवसर खोले हैं. देखें पूरी खबर.

भारत का रक्षा क्षेत्र इस समय बड़े बदलावों से गुजर रहा है. ‘मेक इन इंडिया’ और ‘आत्मनिर्भर भारत’ जैसी पहलों ने देश को न सिर्फ अपनी रक्षा जरूरतों में आत्मनिर्भर बनाने की राह दिखाई है, बल्कि दुनिया के सामने भारत को एक अहम डिफेंस प्रोडक्ट एक्सपोर्टर के तौर पर स्थापित करने का रास्ता भी खोला है.
सरकारी नीतियों के समर्थन, बढ़ते ऑर्डर बुक और निर्यात के नए अवसरों ने इस सेक्टर को निवेशकों के लिए बेहद आकर्षक बना दिया है. आने वाले वर्षों में रक्षा कंपनियों के शेयर बाजार में मजबूत प्रदर्शन कर सकते हैं. इस रिपोर्ट में हम तीन ऐसी प्रमुख कंपनियों की चर्चा कर रहे हैं, जो अगले तीन सालों के लिए दुरुस्त नजर आ रही हैं.
BEL
भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड (BEL) एक ‘नवरत्न’ PSU है, जो रक्षा इलेक्ट्रॉनिक्स इक्विपमेंट की अग्रणी निर्माता कंपनी है. कंपनी के पोर्टफोलियो में C4I (कमांड, कंट्रोल, कम्युनिकेशन, कंप्यूटर और इंटेलिजेंस) सिस्टम, राडार, इलेक्ट्रॉनिक वॉरफेयर सिस्टम, नेवल सिस्टम और हथियार सिस्टम शामिल हैं.
विकास योजनाएं और संभावनाएं
BEL ने FY26 तक 15–20 फीसदी की रेवेन्यू ग्रोथ टारगेट तय किया है. कंपनी को करीब 27,000 करोड़ रुपये के नए ऑर्डर मिलने की उम्मीद है. इसके अलावा, QRSAM मिसाइल सिस्टम से लगभग 30,000 करोड़ रुपये के अतिरिक्त ऑर्डर की संभावना है. इससे कंपनी को लंबे समय तक मजबूत राजस्व दिख रहा है.
BEL का ध्यान केवल रक्षा क्षेत्र तक सीमित नहीं है. कंपनी गैर-डिफेंस कारोबार को 5.7% से बढ़ाकर 20% तक ले जाने की योजना बना रही है. इसके तहत स्पेस इलेक्ट्रॉनिक्स, एंटी-ड्रोन सिस्टम, रेलवे सॉल्यूशंस और मेडिकल इलेक्ट्रॉनिक्स पर काम हो रहा है.

निर्यात पर फोकस
कंपनी का टारगेट है कि पांच वर्षों में कुल कारोबार का 10 फीसदी हिस्सा निर्यात से आए. FY26 तक BEL 120 मिलियन डॉलर के निर्यात का अनुमान लगा रही है. साथ ही, BEL ने 1600 करोड़ रुपये अनुसंधान एवं विकास (R&D) में निवेश की योजना बनाई है, ताकि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, क्वांटम कम्युनिकेशन और 5G/6G आधारित सैन्य तकनीक में महारत हासिल की जा सके.
कंपनी कर्ज-मुक्त है और पूंजीगत खर्चों को अपने संसाधनों से ही पूरा करती है. इसकी मजबूत वित्तीय स्थिति निवेशकों के लिए भरोसे का संकेत है. कंपनी के शेयरों ने बीते पांच साल में 913 फीसदी का मुनाफा दिया है.

Data Patterns (India) Ltd
डेटा पैटर्न्स भारत की प्रमुख रक्षा और एयरोस्पेस इलेक्ट्रॉनिक्स सॉल्यूशन प्रोवाइडर कंपनी है. यह राडार, इलेक्ट्रॉनिक वॉरफेयर सिस्टम, एवियोनिक्स, कम्युनिकेशन सिस्टम और स्पेस इलेक्ट्रॉनिक्स जैसी जटिल प्रणालियां तैयार करती है.
इसकी प्रमुख ग्राहक सूची में DRDO, ISRO और PSU जैसे BEL और HAL शामिल हैं. कंपनी तेजस लड़ाकू विमान, ब्रह्मोस मिसाइल और कई सैटेलाइट प्रोग्राम्स से जुड़ी हुई है.
विकास योजनाएं
कंपनी ने FY26 के लिए 20–25 फीसदी रेवेन्यू ग्रोथ टारगेट रखा है. हाल ही में जुटाई गई पूंजी का इस्तेमाल एयरबॉर्न रडार और इलेक्ट्रॉनिक वॉरफेयर सूट जैसे हाई-टेक उत्पादों के विकास में किया जा रहा है. कंपनी ने ERP सिस्टम और क्लाउड प्लेटफॉर्म पर निवेश कर ऑपरेशन कैपेसिटी बढ़ाने की योजना बनाई है. कंपनी के शेयरों ने बीते पांच साल में 202 फीसदी का मुनाफा दिया है.

वित्तीय प्रदर्शन
डेटा पैटर्न्स ने अब तक लगभग 33% की राजस्व और 41% की मुनाफे की चक्रवृद्धि वार्षिक वृद्धि दर (CAGR) हासिल की है. कंपनी का अंतरराष्ट्रीय कारोबार भी बढ़ा है, विशेषकर NATO देशों को राडार सप्लाई के जरिए. हालांकि, प्रोजेक्ट मिक्स और कच्चे माल की लागत में उतार-चढ़ाव से मार्जिन पर दबाव बना रहता है.

Garden Reach Shipbuilders & Engineers Ltd (GRSE)
गार्डन रीच शिपबिल्डर्स एंड इंजीनियर्स (GRSE) कोलकाता स्थित एक मिनी-रत्न PSU है, जो नौसेना और इंडियन कोस्ट गार्ड के लिए वॉरशिप और गश्ती जहाज बनाती है.
कंपनी फ्रिगेट्स, पेट्रोल वेसल्स, लैंडिंग क्राफ्ट, मरीन इंजन और डेक मशीनरी का निर्माण करती है. फिलहाल GRSE प्रोजेक्ट 17A के तहत स्टेल्थ फ्रिगेट्स और एंटी-सबमरीन वॉरफेयर शैलो वाटर क्राफ्ट बना रही है.
ऑर्डर बुक और विस्तार योजनाएं
कंपनी के पास लगभग 22,680 करोड़ रुपये का मजबूत ऑर्डर बुक है और आने वाले समय में 1.5 लाख करोड़ रुपये से अधिक की परियोजनाओं पर बोली लगाने की योजना है. 2025 तक कंपनी एक साथ 28 जहाज बनाने की क्षमता हासिल कर लेगी, जिसे दो साल में 30 तक बढ़ाया जाएगा.
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GRSE ग्रीन एनर्जी आधारित जहाजों और ऑटोनॉमस प्लेटफॉर्म्स पर काम कर रही है. हाल ही में कंपनी ने हाइड्रोजन पावर्ड शिप और ऑटोनॉमस अंडरवॉटर व्हीकल ‘नीराक्षी’ पेश किया. अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी कंपनी फ्रेंच नेवल ग्रुप जैसी कंपनियों के साथ रणनीतिक साझेदारी कर रही है. कंपनी के शेयरों ने पांच साल में निवेशकों को 1000 फीसदी का मुनाफा दिया है.

वित्तीय प्रदर्शन
FY25 में GRSE ने अपने इतिहास का सबसे बेहतरीन प्रदर्शन किया है. प्रोजेक्ट 17A की मेच्योर एक्सक्यूशन में पहुंचने से रेवेन्यू में बड़ी बढ़ोतरी हुई. कंपनी का टारगेट है कि आगे भी 9–10 फीसदी का शुद्ध लाभ मार्जिन बनाए रखा जाए.

डिस्क्लेमर: Money9live किसी स्टॉक, म्यूचुअल फंड, आईपीओ में निवेश की सलाह नहीं देता है. यहां पर केवल स्टॉक्स की जानकारी दी गई है. निवेश से पहले अपने वित्तीय सलाहकार की राय जरूर लें.
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