क्रूड ऑयल की बढ़ती कीमतों ने कई शेयरों को झकझोरा, टायर-तेल से लेकर पेंट कंपनियों स्टॉक बिखरे

Crude Sensitive Stocks: कच्चे माल के लिए क्रूड ऑयल पर निर्भर कंपनियों के शेयरों में भारी गिरावट देखने को मिल रही है. अमेरिकी प्रतिबंधों के विस्तार के बाद भारत और चीन रूस से तेल का आयात नहीं कर सकेंगे. इस वजह से इंपोर्ट महंगा हो जाएगा.

क्रूड ऑयल की कीमतों के चलते ये स्टॉक. Image Credit: Getty image

Crude Sensitive Stocks: बढ़ती क्रूड की ऑयल की कीमतों ने इससे जुड़ी कंपनियों के शेयरों को तगड़ा झटका दिया है. ऑयल मार्केटिंग कंपनियों से लेकर पेंट और टायर मैन्युफैक्चरर कंपनियां प्रमुख इनपुट मैटेरियल के लिए कच्चे तेल पर निर्भर हैं. ऐसी कंपनियों के शेयरों में सोमवार, 13 जनवरी को भारी गिरावट देखने को मिल रही है. आज शुरुआती कारोबार में ब्रेंट क्रूड की कीमतें 81 डॉलर प्रति बैरल से ऊपर चली गईं, जो तीन महीने के हाई लेवल है. क्रूड की कीमतों में तेजी इस वजह से आई है, क्योंकि रूसी तेल उत्पादकों और 183 जहाजों पर अमेरिकी प्रतिबंधों का विस्तार किया जाएगा. इससे प्रमुख इंपोर्टर चीन और भारत को रूस से कच्चे तेल की सप्लाई बाधित होगी.

भारत नहीं खरीद पाएगा रूस से तेल

अमेरिकी प्रतिबंधों के विस्तार के बाद भारत और चीन रूस से तेल का आयात नहीं कर सकेंगे. ऐसे में दोनों देशों को मिडिल ईस्ट, अफ्रीका और अमेरिका से अधिक तेल खरीदने के लिए बाध्य होना पड़ेगा, जिससे तेल की कीमतों में तेजी का जोखिम पैदा हो जाएगा. इन घटनाक्रमों ने कच्चे तेल के प्रति संवेदनशील कंपनियों के सेंटीमेंट को प्रभावित किया है. कच्चे तेल की कीमतों में उछाल से कंपनियों की इनपुट लागत बढ़ जाती है, जिससे मार्जिन पर दबाव का सामना करना पड़ता है.

तेल कंपनियों के शेयर टूटे

इस डेवलपमेंट का असर- हिंदुस्तान पेट्रोलियम कॉर्प, इंडियन ऑयल पेट्रोलियम कॉर्प और भारत पेट्रोलियम कॉर्प के शेयरों में दिखा. इन कंपनियों के शेयर 1-6 फीसदी तक टूट गए. जबकि एयरलाइंस इंटरग्लोब एविएशन और स्पाइसजेट में 4 फीसदी तक की गिरावट आई. इस बीच, पेंट और टायर कंपनियों के शेयर भी टूट गए. कच्चे तेल की कीमतों का डेकोरेटिव पेंट के कारोबार पर काफी असर पड़ता है. पेंट निर्माताओं के लिए कच्चे माल की लागत इनपुट लागत का 55-60 फीसदी होती है, जो सीधे ग्रॉस मार्जिन को प्रभावित करती है.

एशियन पेंट्स और बर्जर पेंट्स के शेयर में गिरावट

इसी तरह ब्रेंट क्रूड, टायर बनाने में इस्तेमाल होने वाले सिंथेटिक रबर और पेट्रोकेमिकल्स के उत्पादन के लिए भी महत्वपूर्ण है. कच्चे तेल की कीमतों में उछाल से कच्चे माल की लागत बढ़ जाती है और उत्पादन खर्च बढ़ जाता है. इस वजह से टायर कंपनियों के मुनाफे में कमी आती है. क्रूड की बढ़ती कीमतों ने एशियन पेंट्स, बर्जर पेंट्स, शालीमार पेंट्स, अक्जो नोबेल, सिएट, अपोलो टायर्स और बालकृष्ण इंडस्ट्रीज के शेयरों में 3 प्रतिशत तक की गिरावट आई.