मझगांव डॉक शिपबिल्डर्स के शेयर में आएगी 34 फीसदी की तेजी, जोरदार है ऑर्डर बुक; ब्रोकरेज ने दिया तगड़ा टारगेट

Mazagon Dock Shipbuilders share Target price: मझगांव डॉक के शेयरों ने इस साल अब तक 34 फीसदी का बढ़िया रिटर्न दिया है, जबकि पिछले एक साल में यह शेयर 44 फीसदी बढ़ा है. इस डिफेंस स्टॉक पर ग्लोब कैपिटल ब्रोकरेज फर्म बुलिश है, उसने इस पर जोरदार टारगेट दिया है.

मझगांव डॉक शिपबिल्डर्स के शेयर का आउटलुक. Image Credit: money9live

Mazagon Dock Shipbuilders share Target price: लगातार आठवें कारोबारी सेशन में बढ़त बनाए रखते हुए मल्टीबैगर डिफेंस शेयर मझगांव डॉक शिपबिल्डर्स ने गुरुवार 18 सितंबर को एनएसई पर सुबह के कारोबार में आधा फीसदी से अधिक की बढ़त हासिल की. ​​मझगांव डॉक शिपबिल्डर्स का शेयर अपने पिछले बंद भाव 2,997 रुपये के मुकाबले 3,008.50 रुपये पर खुला और 0.70 फीसदी बढ़कर 3,017.90 रुपये के इंट्राडे हाई लेवल पर पहुंच गया. मझगांव डॉक के शेयरों ने इस साल अब तक 34 फीसदी का बढ़िया रिटर्न दिया है, जबकि पिछले एक साल में यह शेयर 44 फीसदी बढ़ा है. इस डिफेंस स्टॉक पर ग्लोब कैपिटल ब्रोकरेज फर्म बुलिश है, उसने इस पर जोरदार टारगेट दिया है.

मजबूत ऑर्डर बुक

भारत सरकार के स्वामित्व वाली नवरत्न कंपनी (81% हिस्सेदारी) मझगांव डॉक शिपबिल्डर्स लिमिटेड एक लीडिंग नौसेना डिफेंस कंपनी है जो फ्रिगेट, विध्वंसक और पनडुब्बियों जैसी महत्वपूर्ण समुद्री डिफेंस एसेट्स बनाती है. अब तक, इसने देश को 805 शिप डिलिवर किए हैं, जिनमें 30 युद्धपोत, 8 पनडुब्बियां और कई कमर्शियल एवं ऑफशोर प्लेटफॉर्म शामिल हैं. वित्त वर्ष 2025 के अंत तक इसके पास 32,260 करोड़ रुपये मूल्य की मजबूत ऑर्डर बुक है.

भारतीय डिफेंस सेक्टर

ग्लोब कैपिटल के अनुसार, ‘आत्मनिर्भर भारत’ पहल और निरंतर बजटीय सहायता के कारण भारत का डिफेंस सेक्टर एक शक्तिशाली उछाल का अनुभव कर रहा है. वित्त वर्ष 2025 के दौरान, वार्षिक डिफेंस उत्पादन लगभग 1.51 लाख करोड़ रुपये के नए हाई लेवल पर पहुंच गया, जो साल-दर-साल 18 फीसदी की वृद्धि को दर्शाता है. निर्यात भी रिकॉर्ड 23,622 करोड़ रुपये तक पहुंच गया, जिसमें डिफेंस पब्लिक सेक्टर के उपक्रमों (DPSU) और निजी कंपनियों दोनों का महत्वपूर्ण योगदान रहा.

वित्त वर्ष 2026 के केंद्रीय बजट में, सरकार ने रक्षा के लिए 6.81 लाख करोड़ रुपये आवंटित किए हैं. इसमें कैपिटल एक्सपेंडिचर और आधुनिकीकरण के लिए समर्पित 1.80 लाख करोड़ रुपये शामिल हैं. महत्वपूर्ण बात यह है कि इस पूंजीगत बजट का 75 फीसदी घरेलू खरीद के लिए रिजर्व है, जिससे स्थानीय मैन्युफैक्चरर को एक बड़ा बढ़ावा मिलता है. इसमें निजी उद्योग के लिए एक हिस्सा भी शामिल है.

प्रमुख प्रोजेक्ट्स

फ्रिगेट प्रोजेक्ट (P17A)

पनडुब्बी प्रोजेक्ट (स्कॉर्पीन कैटेगरी – P75)

कोस्टगार्ड (CG) प्रोजेक्ट

वैल्यूएशन और आउटुलक

मझगांव डॉक शिपबिल्डर्स ने वित्त वर्ष 26 की पहली तिमाही में कमजोर आंकड़े दर्ज किए. नेट रेवेन्यू वित्त वर्ष 26 की पहली तिमाही में बढ़कर 2,626 करोड़ रुपये हो गया, जो वित्त वर्ष 25 की पहली तिमाही में 2,357 करोड़ रुपये था (वर्ष-दर-वर्ष: +11.39%), लेकिन वित्त वर्ष 25 की चौथी तिमाही के 3,174 करोड़ रुपये (तिमाही-दर-तिमाही: -17.29%) से कम रहा. ग्रॉस मार्जिन वर्ष-दर-वर्ष 43.40% (+397 बेसिस प्वाइंट) से बढ़कर 47.37% और तिमाही-दर-तिमाही 34.10% (+1,327 बेसिस प्वाइंट) से बढ़कर 47.37% हो गया.

हाई मैन्युफैक्चरिंग खर्च के कारण EBITDA 302 करोड़ रुपये रहा, जबकि पिछले वर्ष यह 642 करोड़ रुपये था (-53.03%), लेकिन तिमाही दर तिमाही 90 करोड़ रुपये (+235.17%) से बेहतर रहा, और EBITDA मार्जिन घटकर 11.49% (वर्ष दर वर्ष 27.25%; तिमाही दर तिमाही 2.84%) रह गया.

टैक्स के बाद मुनाफा (PAT) 452 करोड़ रुपये रहा, जबकि पिछले वर्ष यह 696 करोड़ रुपये था (-35.05%). तिमाही दर तिमाही 325 करोड़ रुपये (+39.00%) रहा, और PAT मार्जिन 15.51% (वर्ष दर वर्ष 26.49%; तिमाही दर तिमाही 9.34%) रहा.

टारगेट प्राइस

ब्रोकरेज फर्म ने कहा कि हमें उम्मीद है कि कंपनी का रेवेन्यू इनकम, मजबूत ऑर्डर बुक (वित्त वर्ष 2025 के रेवेन्यू का 2.5 गुना) और उसकी एक्जीक्यूशन क्षमताओं के आधार पर, वित्त वर्ष 2028 तक लगभग 15 फीसदी बढ़ेगी और वित्त वर्ष 2026 और वित्त वर्ष 2027 में क्रमशः 88 रुपये और 96 रुपये का प्रति शेयर आय (EPS) होगा. इसलिए, हम वित्त वर्ष 2027 के लिए 3,920 रुपये (+34.07%) के टारगेट प्राइस के लिए 40 के PE के आधार पर ‘ओवरवेट’ रेटिंग बनाए रखते हैं.

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