H-1B वीजा मामले से IT सेक्टर में भूचाल, एक दिन में 1 लाख करोड़ का मार्केट कैप साफ; TCS, Infosys लहूलुहान
अमेरिका में H-1B वीजा की नई दरों के ऐलान के बाद भारतीय आईटी सेक्टर में भारी गिरावट देखने को मिली. सिर्फ एक दिन में टॉप 15 आईटी कंपनियों से करीब 1 लाख करोड़ रुपये का मार्केट कैप साफ हो गया. इसमें टीसीएस, इन्फोसिस, विप्रो सहित कई कंपनियां शामिल हैं. देखें पूरी लिस्ट.
H-1B Visa and Crash in IT Sector: अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने H-1B वीजा को लेकर नई दरों का ऐलान किया था. ट्रंप प्रशासन की ओर से किए गए ऐलान के बाद से अमेरिकी वीजा धारकों के बीच टेंशन बढ़ गई. नए ऐलान का असर सबसे ज्यादा आज यानी सोमवार, 22 सितंबर को भारतीय शेयर बाजार में देखने को मिला. भारतीय आईटी कंपनियों में भूचाल आ गया है. निवेशकों में के बीच यह बात चली गई है कि नई दरों की वजह से भारतीय आईटी सर्विस कंपनियों का खर्चा और बढ़ जाएगा और मुनाफे पर सीधा असर पड़ेगा.
IT इंडेक्स भी लुढ़का
इसका असर निफ्टी आईटी इंडेक्स पर देखने को मिला. 1,078 पाइंट टूटकर यह इंडेक्स 35,500 पर पहुंच चुका है. यहीं कारण रहा जिसकी वजह से आईटी सेक्टर के शेयरों में बड़ी बिकवाली देखने को मिली. सिर्फ एक दिन में टॉप आईटी कंपनियों के मार्केट कैप से करीब 1 लाख करोड़ रुपये का सफाया हो गया. आइए विस्तार से सभी के बारे में जानते हैं.
आईटी स्टॉक्स का हाल बेहाल
ट्रंप के इस नए एच-1बी वीजा ऐलान के बाद भारतीय आईटी कंपनियों के शेयर धड़ाम हो गए. दिनभर की बिकवाली में सबसे ज्यादा नुकसान टीसीएस (TCS) को हुआ. इसके बाद इंफोसिस, एचसीएल, विप्रो जैसी दिग्गज कंपनियां भी बुरी तरह लुढ़क गई. एक दिन में टॉप 15 आईटी कंपनियों का मार्केट कैप लॉस इस तरह रहा-
क्रमांक | कंपनी का नाम | मार्केट कैप लॉस (₹ करोड़) |
---|---|---|
1 | TCS | 35,500 |
2 | Infosys | 18,500 |
3 | HCL Tech | 7,600 |
4 | LTIMindtree | 7,600 |
5 | Wipro | 6,300 |
6 | Tech Mahindra | 5,300 |
7 | Persistent Systems | 3,650 |
8 | Mphasis | 2,700 |
9 | Coforge | 2,650 |
10 | L&T Technology Services (LTTS) | 1,350 |
11 | Eclerx | 1,135 |
12 | Zensar Tech | 1,070 |
13 | Tata Technologies | 900 |
14 | Tata Elxsi | 710 |
15 | KPIT Tech | 650 |
बाद में आया स्पष्टीकरण
हालांकि ऐलान के कुछ ही समय के बाद अमेरिकी प्रशासन की ओर से स्पष्टीकरण भी आया. साफ किया गया कि नए दर केवल नए आवेदक यानी नए एप्लीकेंट्स पर ही लागू होंगे. यानी पहले से मौजूद वीजा धारकों को अतिरिक्त शुल्क देने की जरुरत नहीं है.
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