Tejas और Make-in-India से HAL को मिलेगी नई ऊंचाई, ब्रोकरेज बुलिश, 32% भाग सकता है शेयर
HAL के शेयर में बुधवार को 2 फीसदी से ज्यादा तेजी आई. तिमाही आधार पर HAL के नतीजे उम्मीद के मुताबिक नहीं आए. लेकिन, अब भी ब्रोकरेज इसे लेकर बुलिश हैं. खासतौर पर HAL को मिले Tejas जेट के बड़े ऑर्डर की वजह से कंपनी के तेजी से ग्रोथ करने की उम्मीद है.
HAL Share Target Price 2025: मेक इन इंडिया पहल के तहत भारतीय रक्षा बलों के लिए Tejas फाइटर जेट बनाना HAL के लिए गेम चेंजर साबित हो सकता है. लॉन्ग टर्म में इसकी वजह से कंपनी दुनिया की टॉप डिफेंस कंपनियों में शामिल हो सकती है. वहीं, इसके शेयर पर इसके असर को देखें, तो तमाम ब्रोकरेज ने HAL पर अपना बुलिश रुख जारी रखा है. मसलन, मोतीलाल ओसवाल ने HAL Share Price Target देते हुए बताया है कि यह स्टॉक आने वाले दिनों में 32 फीसदी तक बढ़ सकता है.
कितना है टारगेट?
मोतीलाल ओसवाल ने तेजस और Make-in-India प्रोजेक्ट्स को कंपनी की ग्रोथ के लिए अहम मानते हुए 5,800 रुपये का टारगेट दिया है. ब्रोकरेज का मानना है कि आने वाले दिनों में GE इंजन सप्लाई, L&T पार्टनरशिप और SSLV प्रोजेक्ट से कंपनी की ग्रोथ पोटेंशियल और बढ़ जाएगी.
नतीजों के बाद शेयर में तेजी
हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) के शेयर में Q1 नतीजों के बाद तेजी देखने को मिल रही है. बुधवार को HAL Share Price 2.56 फीसदी तेजी के साथ 4,526.30 रुपये पर बंद हुआ. हालांकि, पिछले एक महीने में रिटर्न नेगेटिव रहा है. लेकिन, 6 महीने और 5 साल के टाइम फ्रेम पर स्टॉक ने मजबूत रिटर्न दिया है. 6 महीने में जहां इस स्टॉक ने करीब 24 फीसदी रिटर्न दिया है. वहीं, 5 साल में करीब 600 फीसदी का रिटर्न दिया है.
तेजस से मिलेगी मजबूती
ब्रोकरेज का मानना है कि HAL के लिए सबसे बड़े ग्रोथ ड्राइवर तेजस एयरक्राफ्ट डिलीवरी और 97 तेजस-Mk1A ऑर्डर हैं. इसके अलावा GE की ओर से इंजन सप्लाई तेज होने से अक्टूबर से प्रोडक्शन बढ़ सकता है. क्योंकि, इसके बाद HAL को हर महीने 2 इंजन मिलने लगेंगे. इस तरह FY26 में 12 और FY27 से हर साल 16 एयरक्राफ्ट डिलीवर करने का अनुमान है.
L&T की विंग असेंबली भी तैयार
HAL की ग्रोथ L&T की विंग असेंबली की भी अहम भूमिका होगी. इससे HAL को पहली खेप मिलने वाली है. यह देश में फाइटर जेट बनाने में निजी क्षेत्र की बढ़ती भागीदारी और मेक इन इंडिया की कामयाबी को दिखाता है. इसके अलावा रडार और इलेक्ट्रॉनिक वारफेयर सिस्टम के लिए HAL ने इजराइल की ELTA Systems से करार किया है, जिससे प्रोडक्शन में तेजी आएगी.
स्पेस सेक्टर में बड़ा दांव
HAL ने ISRO के साथ 500 करोड़ रुपये का एक टेक्नोलॉजी ट्रांसफर (ToT) सौदा किया है. इसके तहत कंपनी SSLV (Small Satellite Launch Vehicle) बनाएगी, बेचेगी और ऑपरेट करेगी. ISRO अगले दो साल तक इसके लिए HAL को तकनीकी मदद देगा. इसके अलावा HAL ने NASA-ISRO के NISAR सैटेलाइट लॉन्च में भी अहम भूमिका निभाई. ब्रोकरेज का मानना है कि SSLV प्रोडक्शन से HAL को ग्लोबल छोटे सैटेलाइट लॉन्च मार्केट में नई संभावनाएं मिलेंगी, जिससे आय का दायरा डिफेंस से आगे एयरोस्पेस तक बढ़ेगा.
लंबी अवधि की संभावनाएं
मोतीलाल ओसवाल के मुताबिक, यह कदम भारत की स्पेस इकोनॉमी को 2040 तक 40 अरब डॉलर तक ले जाने के लक्ष्य के मुताबिक है. इसके अलावा कंपनी की मजबूत ऑर्डर बुक, बढ़ती डिलीवरी स्पीड और नए सेक्टर्स में एंट्री निवेशकों के लिए एक आकर्षक दांव है.
डिस्क्लेमर: मनी9लाइव किसी स्टॉक, म्यूचुअल फंड, आईपीओ में निवेश की सलाह नहीं देता है. यहां पर केवल स्टॉक्स की जानकारी दी गई है. निवेश से पहले अपने वित्तीय सलाहकार की राय जरूर लें.