पश्चिम एशिया से लेकर अफ्रीका तक फैला है कारोबार, 5 साल में 1357 % तक रिटर्न; फोकस में रखें ये 3 पावर स्टॉक्स

भारत में स्विचगियर इंडस्ट्री तेजी से उभर रही है. HPL Electric, Shivalic Power और Veto Switchgears जैसी स्मॉलकैप कंपनियां EV चार्जिंग, इंडस्ट्रियल ऑटोमेशन और स्मार्ट ग्रिड के बढ़ते प्रोजेक्ट्स से फायदा उठा रही हैं. इन कंपनियों की ऑर्डर बुक मजबूत है और पिछले कुछ सालों में निवेशकों को शानदार रिटर्न मिला है. .

स्मॉलकैप कंपनियां EV चार्जिंग, इंडस्ट्रियल ऑटोमेशन और स्मार्ट ग्रिड के बढ़ते प्रोजेक्ट्स से फायदा उठा रही हैं. Image Credit: Canva

Smallcap: भारत की बिजली व्यवस्था में स्विचगियर इंडस्ट्री की भूमिका बहुत अहम है. यह वही तकनीक है जो तय करती है कि कोई फैक्ट्री चलेगी या बंद पड़ेगी. अब जब भारत में EV चार्जिंग, इंडस्ट्रियल ऑटोमेशन और स्मार्ट ग्रिड पर तेजी से काम हो रहा है, स्विचगियर की मांग दोगुनी होने वाली है. यही वजह है कि निवेशकों के लिए कुछ स्विचगियर स्मॉलकैप कंपनियां बड़ा मौका बनकर उभर रही हैं, जो आने वाले सालों में दमदार रिटर्न दे सकती हैं.

HPL Electric and Power

HPL Electric and Power कंपनी मीटरिंग सिस्टम, स्विचगियर, लाइटिंग और केबल्स बनाती है. इसके पास हरियाणा और हिमाचल प्रदेश में सात मैन्युफैक्चरिंग यूनिट हैं. FY25 में कंपनी की इनकम 16 फीसदी बढ़ी और EBITDA मार्जिन 15 फीसदी पर पहुंच गया. हालांकि FY26 की पहली तिमाही में 2.5 फीसदी की गिरावट रही, लेकिन 30 अरब रुपये की मजबूत ऑर्डर बुक भविष्य की स्थिरता दिखाती है. कंपनी FY26 में 1 अरब रुपये के ऑटोमेशन और स्मार्ट मीटरिंग निवेश की योजना बना रही है.

इसका शेयर 7 नवंबर को 1.05 फीसदी की तेजी के साथ ₹421 पर बंद हुआ. कंपनी का मार्केट कैप ₹2,708 करोड़ है. इसका 52-सप्ताह का हाई ₹640 और लो ₹339 रहा है. स्टॉक का P/E रेशियो 28.4 है. इसका ROCE 14.5% और ROE 10.8% है. इसे पिछले 5 साल में 1357 फीसदी तक रिटर्न दिया है.

Shivalic Power Control

Shivalic Power Control कम वोल्टेज और मीडियम वोल्टेज स्विचगियर पैनल बनाती है, जो इंडस्ट्रियल और इन्फ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स में इस्तेमाल होते हैं. कंपनी Siemens और Schneider Electric जैसी ग्लोबल कंपनियों के साथ काम करती है. FY25 में रेवेन्यू 30 फीसदी बढ़ा, जबकि मार्जिन 14 फीसदी के आसपास स्थिर रहा. कंपनी अपने प्रोडक्ट्स को 13 देशों में एक्सपोर्ट करती है और नए मार्केट्स जैसे मिडल ईस्ट में भी विस्तार की योजना बना रही है.

इसका शेयर 7 नवंबर को 0.67 फीसदी की गिरावट के साथ ₹95 पर बंद हुआ. कंपनी का मार्केट कैप ₹234 करोड़ है. इसका 52-सप्ताह का हाई ₹289 और लो ₹93 रहा है. स्टॉक का P/E रेशियो 18.84 है. इसका ROE 11.00 है.

Veto Switchgears and Cables

Veto Switchgears and Cables स्विचगियर, केबल्स, फैन और लाइटिंग प्रोडक्ट्स बनाती है. इसका नेटवर्क पूरे भारत में फैला है और यह मिडिल ईस्ट और अफ्रीका में भी एक्सपोर्ट करती है. FY25 में कंपनी की इनकम 12 फीसदी बढ़कर 3.52 अरब रुपये रही, जबकि EBITDA मार्जिन 10.1 फीसदी रहा. कंपनी का 40 से 45 फीसदी रेवेन्यू स्विचगियर से आता है. यह कंपनी कर्ज मुक्त है और लगातार स्थिर कैश फ्लो बना रही है. इसके शेयर की वैल्यूएशन पांच साल के औसत के बराबर है.

इसका शेयर 7 नवंबर को 0.63 फीसदी की गिरावट के साथ ₹115 पर बंद हुआ. कंपनी का मार्केट कैप ₹221 करोड़ है. इसका 52-सप्ताह का हाई ₹149 और लो ₹92.60 रहा है. स्टॉक का P/E रेशियो 10.84 है. इसका ROE 8.31 है. 5 साल में इसने 174 फीसदी की रिटर्न दिया है.

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बढ़ता बाजार और निवेश का मौका

भारत में लो वोल्टेज और मीडियम वोल्टेज स्विचगियर की मांग तेजी से बढ़ रही है. स्मार्ट सिटीज, डिजिटल इन्फ्रास्ट्रक्चर और इंडस्ट्रियल प्रोजेक्ट्स में निवेश बढ़ने से इन कंपनियों की ऑर्डर बुक मजबूत बनी हुई है. HPL, Shivalic और Veto जैसी कंपनियां छोटे स्तर पर काम करने के बावजूद तकनीकी सुधार और बेहतर एक्सपोर्ट नेटवर्क से निवेशकों के लिए अच्छे रिटर्न की संभावना रखती हैं.

डिस्क्लेमर: Money9live किसी स्टॉक, म्यूचुअल फंड, आईपीओ में निवेश की सलाह नहीं देता है. यहां पर केवल स्टॉक्स की जानकारी दी गई है. निवेश से पहले अपने वित्तीय सलाहकार की राय जरूर लें.

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