2050 तक भारत में 34.7 करोड़ बुजुर्ग, रियल एस्टेट की ये दो कंपनियां उठाएंगी सिल्वर इकोनॉमी का सीधा फायदा
भारत का सीनियर केयर बाजार अब सिर्फ सामाजिक बदलाव की कहानी नहीं है, बल्कि निवेश का बड़ा अवसर बन रहा है. मैक्स इंडिया और आशियाना हाउसिंग इस क्षेत्र में अग्रणी हैं. मैक्स इंडिया असिस्टेड लिविंग पर काम कर रही है, जबकि आशियाना सीनियर हाउसिंग बनाती है. दोनों कंपनियों ने मजबूत आधार बना लिया है, लेकिन मुनाफा और रिटर्न अभी कम हैं.
India’s silver tsunami: भारत में बुजुर्गों की आबादी तेजी से बढ़ रही है. PwC-ASLI की सीनियर केयर रिपोर्ट 2024 के अनुसार साल 2050 तक भारत में 60 साल से अधिक उम्र के 347 मिलियन (34.7 करोड़) लोग होंगे, जो कुल आबादी का 21 फीसदी से ज्यादा होगा. हर दिन करीब 19,500 लोग 60 साल के हो रहे हैं. यह बदलाव भारत के आर्थिक और सामाजिक ढांचे को नया रूप दे रहा है. साल 2000 में औसत आयु 62.5 साल थी, जो 2021 में बढ़कर 70.8 साल हो गई. परिवार छोटे हो रहे हैं, और युवा बड़े शहरों में जा रहे हैं, जिससे बुजुर्ग अकेले रह रहे हैं. इस वजह से रिटायरमेंट होम, असिस्टेड लिविंग, होम केयर और टेक्नोलॉजी आधारित बुजुर्ग देखभाल सेवाओं की मांग बढ़ रही है.
FE के मुताबिक भारत का बुजुर्ग देखभाल बाजार पहले 10-15 बिलियन डॉलर का था, जो अगले 10 साल में 30-50 बिलियन डॉलर तक पहुंच सकता है. इसे “सिल्वर इकोनॉमी” कहा जा रहा है, जो निवेशकों के लिए नए अवसर ला रही है. इस लेख में दो कंपनियों, मैक्स इंडिया और आशियाना हाउसिंग की चर्चा है. यह इस बाजार में शुरुआती निवेश कर रही हैं. ये कंपनियां बुजुर्गों के लिए अलग-अलग सेवाएं दे रही हैं. मैक्स इंडिया असिस्टेड लिविंग और integrated देखभाल पर ध्यान दे रही है, जबकि आशियाना हाउसिंग बुजुर्गों के लिए खास आवास बनाती है.
मैक्स इंडिया (Max India)
मैक्स इंडिया, मैक्स ग्रुप की सीनियर केयर कंपनी अंतरा की होल्डिंग कंपनी है. यह बुजुर्गों के लिए कई तरह की सेवाएं देती है. अगस्त 2020 में मैक्स वेंचर्स एंड इंडस्ट्रीज से अलग होने के बाद यह शेयर बाजार में लिस्ट हुई. यह भारत में सीनियर केयर में निवेश का एक प्रमुख ऑप्शन है. अंतरा के जरिए मैक्स इंडिया सीनियर लिविंग, असिस्टेड और ट्रांजिशन केयर, और AGEasy ब्रांड के तहत बुजुर्गों के लिए खास प्रोडक्ट्स ऑफर करती है. FY26 में कंपनी ने सभी क्षेत्रों में अच्छी प्रगति की. गुरुग्राम में सीनियर लिविंग अपार्टमेंट 11 महीने में बिक गए, और नेशनल कैपिटल रीजन (NCR) व चंडीगढ़ में नए प्रोजेक्ट शुरू हो रहे हैं. ये प्रोजेक्ट जल्द ही मंजूरी और बिक्री के बाद कंपनी की कमाई बढ़ा सकते हैं.
320 करोड़ रुपये का कैश रिजर्व है और कर्ज बहुत कम
असिस्टेड केयर में कंपनी के पास 340 बेड हैं, और 150 और बेड तैयार हो रहे हैं. इस सेगमेंट की आय पिछले साल के मुकाबले 2.2 गुना बढ़कर 22 करोड़ रुपये हो गई. अप्रैल में 14 फीसदी बेड भरे थे, जो जून में बढ़कर 23 फीसदी हो गए. हालांकि, कंपनी की वित्तीय स्थिति अभी कमजोर है. पिछले तीन साल से ऑपरेटिंग मार्जिन -62 फीसदी (FY25) है, और रिटर्न ऑन कैपिटल एम्प्लॉयड (ROCE) -23.6 फीसदी है. FY25 में कंपनी को 139 करोड़ रुपये का घाटा हुआ, और बिक्री 156 करोड़ रुपये रही. AGEasy प्रोडक्ट्स का बिजनेस FY27-28 तक आत्मनिर्भर होने की उम्मीद है. कंपनी के पास 320 करोड़ रुपये का कैश रिजर्व है और कर्ज बहुत कम है.
FY26 में कंपनी 90 करोड़ रुपये खर्च करेगी. इसके लिए वह अपने कैश रिजर्व, गैर-जरूरी संपत्ति बेचने और राइट्स इश्यू से पैसे जुटाएगी. अगले 12-18 महीने कंपनी के लिए बहुत महत्वपूर्ण हैं, क्योंकि उसे अपने सीनियर केयर बिजनेस को नकदी प्रवाह और मुनाफे में बदलना है. मैक्स इंडिया का मार्केट कैप 1097 करोड़ रुपये है. अगर कंपनी अपने प्रोजेक्ट्स को समय पर पूरा करती है और मंजूरी ले लेती है, तो यह सिल्वर इकोनॉमी में बड़ा नाम बन सकती है. पिछले एक साल में इसके शेयर की कीमत 14.9 फीसदी गिर गई.
आशियाना हाउसिंग (Ashiana Housing)
आशियाना हाउसिंग साल 1986 से रियल एस्टेट में काम कर रही है. यह मध्यम आय वर्ग और सीनियर लिविंग हाउसिंग पर ध्यान देती है. कंपनी उत्तर और पश्चिम भारत में काम करती है और DLF या गोधरज प्रॉपर्टीज जैसी बड़ी कंपनियों से अलग है, क्योंकि यह सीनियर लिविंग और कम्युनिटी हाउसिंग पर फोकस करती है. वित्तीय रूप से आशियाना की स्थिति ठीक है. इसकी बिक्री TTM में 698 करोड़ रुपये रही, जो FY24 में 529 करोड़ थी. ऑपरेटिंग प्रॉफिट 35 करोड़ रुपये रहा, और ऑपरेटिंग प्रॉफिट मार्जिन 3% से बढ़कर 5% हो गया. FY25 में 36 करोड़ रुपये का नेट प्रॉफिट हुआ, जो भिवाड़ी और जयपुर प्रोजेक्ट्स की बेहतर कीमतों और डिलीवरी की वजह से था. कंपनी का कर्ज कम (276 करोड़ रुपये) है, और रिजर्व 744 करोड़ रुपये है, जो इसकी मजबूत वित्तीय स्थिति दिखाता है.
FY25 में कंपनी ने पुराने कम-मार्जिन प्रोजेक्ट्स (अनमोल फेज 3, मल्हार) पूरे किए और भिवाड़ी, चेन्नई, और जयपुर में नए प्रोजेक्ट शुरू किए. कंपनी का टारगेट है कि सीनियर हाउसिंग की प्री-सेल्स हर साल 1000 करोड़ रुपये तक पहुंचे. FY26 में डेवलपमेंट लागत दोगुनी होकर 425 करोड़ रुपये होगी. कंपनी FY27-30 तक 15-20 फीसदी मार्जिन का टारगेट रखती है. हालांकि, आशियाना का रिटर्न रेशियो DLF, ओबेरॉय रियल्टी, और लोढ़ा जैसी बड़ी कंपनियों से कम है, जिनका ROCE 6 फीसदी से 17 फीसदी है. आशियाना का सीनियर लिविंग पोर्टफोलियो जोखिम कम करता है.
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