कोर्ट ने सेबी से पूछा जेन स्ट्रीट को क्यों नहीं दिए डॉक्यूमेंट्स, रेगुलेटर से मांगा जवाब; 18 नवंबर को अगली सुनवाई

Jane Street vs SEBI: जेन स्ट्रीट ने एल्गो ट्रेडिंग फर्म पर प्रतिबंध लगाने वाले बाजार नियामक के आदेश के खिलाफ SAT का रुख किया था.अपनी दलील में, सेबी ने कहा कि उसने जेन स्ट्रीट को पहले ही 10 जीबी डेटा उपलब्ध करा दिया है.

जेन स्ट्रीट और सेबी विवाद. Image Credit: Getty image

सिक्योरिटीज अपीलीय ट्रिब्यूनल (SAT) ने बाजार नियामक सेबी को तीन सप्ताह में जवाब दाखिल कर यह बताने का निर्देश दिया है कि उसने एल्गो ट्रेडिंग फर्म जेन स्ट्रीट द्वारा मांगे गए दस्तावेज क्यों नहीं साझा किए हैं.साथ ही अपील की अगली सुनवाई 18 नवंबर को तय की है.

जेन स्ट्रीट ने एल्गो ट्रेडिंग फर्म पर प्रतिबंध लगाने वाले बाजार नियामक के आदेश के खिलाफ SAT का रुख किया था.अपनी दलील में, सेबी ने कहा कि उसने जेन स्ट्रीट को पहले ही 10 जीबी डेटा उपलब्ध करा दिया है.

सुनवाई से बच रही एल्गो ट्रेडिंग फर्म

सेबी ने आगे कहा कि जांच जारी है और इसका दायरा और भी व्यापक हो सकता है. नियामक ने अपीलकर्ता के सामने कहा कि ग्लोबल एल्गो ट्रेडर ने अभी तक अपना जवाब दाखिल नहीं किया है और सुनवाई से बच रहा है. सेबी के वकील ने तर्क दिया कि जांच बहुत ही महत्वपूर्ण चरण में है और नियामक मांगे जा रहे हर दस्तावेज को उपलब्ध नहीं कराएगा, इसे फिशिंग जांच बताया.

सेबी ने तर्क दिया कि जेन स्ट्रीट अपनी ट्रेडिंग रणनीति का खुलासा नहीं कर रहा है और इसके बजाय नियामक से इंटरनल प्रशासनिक सर्कुलर की मांग कर रहा है.

जेन स्ट्रीट ने मांगे थे 61 डॉक्यूमेंट्स

जेन स्ट्रीट ने तर्क दिया कि अगर सेबी एनएसई की रिपोर्टें साझा कर सकता है, जो उसके अपने दस्तावेज नहीं हैं, तो कोई कारण नहीं है कि वह नियामक कार्रवाई करने के लिए जिन दस्तावेजों पर भरोसा करता है उन्हें साझा न करे. जेन स्ट्रीट ने सेबी से लगभग 61 दस्तावेज मांगे थे.

सेबी ने जवाब में कहा कि उसने केवल वही दस्तावेज उपलब्ध कराए हैं जो मामले से संबंधित हैं और वह अभी भी पुष्टिकरण आदेश पारित करने की प्रक्रिया में है. ट्रिब्यूनल ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनीं और सेबी को निर्देश दिया कि वह वांछित दस्तावेज साझा न करने पर तीन सप्ताह के भीतर अपना जवाब दाखिल करे, और जेन स्ट्रीट इस अवधि में कोई भी प्रत्युत्तर दाखिल कर सकती है.

जेन स्ट्रीट ने 3 जुलाई के सेबी के अंतरिम आदेश को 3 सितंबर को SAT के सामने चुनौती दी थी.

यह भी पढ़ें: चांदी तोड़ेगी सारे रिकॉर्ड, 150000 रुपये तक पहुंचेगा भाव; MOFSL ने बताया… आखिर क्यों आ रही तेजी