निर्यात को कैबिनेट की बूस्टर डोज के बाद इन 3 स्टॉक्स पर रखें नजर, पूरी तरह एक्सपोर्ट फोकस्ड इनका बिजनेस
केंद्र सरकार के Export Promotion Mission को मंजूरी मिलने के बाद एक्सपोर्ट फोकस्ड सेक्टर्स में नई हलचल है. 250.6 अरब रुपये के बजट और क्रेडिट सपोर्ट का फायदा उठाने के लिए ये तीनों कंपनियां पूरी तरह तैयार नजर आती हैं.
केंद्र सरकार ने 12 नवंबर, 2025 को छह साल का Export Promotion Mission (EPM) मंजूर किया है, जिसके लिए 250.6 अरब रुपये का बजट और 200 अरब रुपये का फंड क्रेडिट गारंटी स्कीम के विस्तार के लिए रखा गया है. सरकार का मकसद बदलते वैश्विक व्यापार माहौल में भारत की निर्यात प्रतिस्पर्धा को मजबूत करना है. इसमें MSMEs, पहले बार निर्यात करने वाले उद्यमों और लेबर-इंटेंसिव सेक्टरों को प्राथमिकता मिलेगी. बढ़ती वैश्विक टैरिफ बाधाओं से प्रभावित टेक्सटाइल, लेदर, जेम्स एंड ज्वेलरी, इंजीनियरिंग गुड्स और मरीन प्रोडक्ट्स को भी अतिरिक्त समर्थन दिया जाएगा. ऐसे माहौल में तीन कंपनियां निवेशकों की वॉचलिस्ट पर तेजी से चढ़ रही हैं.
अवंति फीड्स श्रिम्प एक्सपोर्ट में मजबूत
Avanti Feeds देश की प्रमुख इंटीग्रेटेड एक्वाकल्चर कंपनी है, जिसकी श्रिम्प फीड, हैचरी, फार्मिंग और प्रोसेसिंग तक पूरे वैल्यू चेन पर पकड़ है. कंपनी का श्रिम्प फीड सेगमेंट में मजबूत मार्केट शेयर है और यह रोग नियंत्रण तथा बायोसिक्योरिटी जैसी सेवाएं भी प्रदान करती है. पिछले तीन वर्षों में कंपनी की आय में हल्की बढ़ोतरी देखी गई है, लेकिन FY25 में मुनाफे में उछाल आया है, जहां नेट प्रॉफिट 393.8 करोड़ रुपये से बढ़कर 557.1 करोड़ रुपये पहुंच गया है.
अमेरिकी बाजार में टैरिफ और रेग्युलेटरी व्यवधानों के बाद कंपनी नए क्षेत्रों में तेजी से विस्तार कर रही है. यूरोप, मिडिल ईस्ट और ईस्ट एशिया में बढ़ती मौजूदगी से कंपनी एक अधिक संतुलित ग्लोबल पोर्टफोलियो बनाने की दिशा में बढ़ रही है. थाई यूनियन ग्रुप के साथ सहयोग कंपनी को शोध, उन्नत फॉर्मुलेशन तकनीक और ग्लोबल डिस्ट्रीब्यूशन का फायदा देता है.
कंपनी ने हाल ही में आंध्र प्रदेश के कृष्णापुरम में 7,000 MT क्षमता वाला नया श्रिम्प प्रोसेसिंग प्लांट शुरू किया है, जो इसके वैल्यू-ऐडेड एक्सपोर्ट्स को नई गति देगा. कमोडिटी प्राइस वॉलेटिलिटी और रेग्युलेटरी रिस्क इस क्षेत्र की चुनौती हैं, लेकिन Avanti का इंटीग्रेटेड मॉडल और मजबूत बैलेंस शीट इसे प्रतिस्पर्धा में बढ़त दिलाते हैं.
गोकलदास एक्सपोर्ट की मजबूत ऑर्डर बुक
Gokaldas Exports भारत के प्रमुख परिधान निर्माताओं में से एक है, जो 50 से अधिक देशों में निर्यात करता है. कंपनी के पास 30 से ज्यादा मैन्युफैक्चरिंग यूनिट्स हैं और सालाना क्षमता 87 मिलियन गारमेंट्स की है. FY23 से FY25 के दौरान कंपनी की बिक्री में निरंतर बढ़ोतरी हुई है, हालांकि US tariff burden के चलते मुनाफा दबाव में रहा है.
Q2 FY26 में कंपनी ने 10.03 अरब रुपये की कुल आय दर्ज की है, जो 7% YoY ग्रोथ दर्शाती है. भारत ऑपरेशंस ने 14% बढ़त दिखाई है, जबकि अफ्रीका यूनिट AGOA rollover की अनिश्चितता के चलते 23% गिरावट में रही है. कंपनी ने अमेरिकी ग्राहकों को सपोर्ट करने के लिए टैरिफ भार का एक बड़ा हिस्सा स्वयं वहन किया, जिससे EBITDA लगभग स्थिर रहा, लेकिन प्रभावी लागत प्रबंधन ने इसे संतुलन में रखा. आगे बढ़ते हुए कंपनी को AGOA की संभावित बहाली से अफ्रीका और US दोनों बाजारों में बेहतर ऑर्डर फ्लो की उम्मीद है. प्रमुख ग्लोबल ब्रांड्स से बढ़ते ऑर्डर संकेत देते हैं कि आने वाले क्वार्टर कंपनी के लिए बेहतर हो सकते हैं.
KPR मिली को टेक्सटाइल मॉडल से बढ़त
KPR Mill देश की अग्रणी वर्टिकली इंटीग्रेटेड टेक्सटाइल कंपनी है, जिसके 12 हाई-टेक मैन्युफैक्चरिंग प्लांट्स हैं. स्पिनिंग, प्रोसेसिंग और गारमेंटिंग में कंपनी की मजबूती इसे एक्सपोर्ट फोकस्ड सेक्टर में प्रमुख खिलाड़ी बनाती है. FY23 से FY25 के दौरान कंपनी का प्रदर्शन स्थिर रहा है और FY25 में नेट प्रॉफिट 815.1 करोड़ रुपये रहा है. Q2 FY26 में KPR Mill ने 1632 करोड़ रुपये की नेट सेल्स दर्ज की है, जो पिछले साल के मुकाबले बेहतर है. नेट प्रॉफिट भी 205 करोड़ रुपये से बढ़कर 218 करोड़ रुपये पहुंचा है, जो मांग में सुधार और क्षमता विस्तार का संकेत देता है.
कंपनी अपने स्पिनिंग डिवीजन के आधुनिकीकरण, एक्सक्लूसिव वोर्टेक्स यार्न यूनिट की स्थापना और चेंगापेल्ली एडवांस्ड गारमेंटिंग फैसिलिटी को तेजी से आगे बढ़ा रही है. वैल्यू-ऐडेड प्रोडक्ट्स और वैश्विक बाजारों में बढ़ती मांग कंपनी के लिए आने वाले वर्षों में ग्रोथ इंजन का काम कर सकती है.
डिस्क्लेमर: Money9live किसी स्टॉक, म्यूचुअल फंड, आईपीओ में निवेश की सलाह नहीं देता है. यहां पर केवल स्टॉक्स की जानकारी दी गई है. निवेश से पहले अपने वित्तीय सलाहकार की राय जरूर लें.