रैली के साथ साल 2025 की विदाई! सेंसेक्स 650 अंक चढ़ा, निफ्टी 25150 के ऊपर; इन 4 वजहों से झूमा बाजार
अगर एडवांस-डिक्लाइन की बात करें तो करीब 2600 शेयरों में तेजी रही जबकि करीब 1160 शेयरों में गिरावट दर्ज की गई. Nifty 50 में JSW Steel, Tata Steel और Titan Company सबसे ज्यादा बढने वाले शेयरों में रहे, जिनमें करीब 5 प्रतिशत तक की तेजी दिखी. साल 2025 के आखिरी दिन बाजार में आई यह तेजी निवेशकों के लिए पॉजिटिव संकेत लेकर आई है। स्टील सेक्टर को मिले सपोर्ट, कच्चे तेल की नरमी और घटती वोलैटिलिटी ने मिलकर बाजार को मजबूत किया है.
साल 2025 के आखिरी कारोबारी दिन बुधवार को शेयर बाजार में शानदार रैली देखने को मिली. हालिया गिरावट के बाद Sensex और Nifty दोनों में अच्छी खरीदारी देखने को मिली. सरकार द्वारा चुनिंदा स्टील इंपोर्ट पर तीन साल के लिए सेफगार्ड ड्यूटी लगाए जाने के बाद मेटल शेयरों में तेजी आई, जिससे बाजार को सपोर्ट मिला. दोपहर 1:25 बजे Sensex 658 अंकों की तेजी के साथ 85333 के स्तर पर कारोबार कर रहा था. वहीं Nifty 216 अंक उछलकर 26155 के ऊपर पहुंच गया. बाजार में अगर एडवांस-डिक्लाइन की बात करें तो करीब 2600 शेयरों में तेजी रही जबकि करीब 1160 शेयरों में गिरावट दर्ज की गई. Nifty 50 में JSW Steel, Tata Steel और Titan Company सबसे ज्यादा बढने वाले शेयरों में रहे, जिनमें करीब 5 प्रतिशत तक की तेजी दिखी. वहीं TCS और Bajaj Finance जैसे शेयरों में एक प्रतिशत तक की कमजोरी देखने को मिली. अब सवाल ये है कि इस तेजी के पीछे की वजह क्या है?
स्टील शेयरों में जोरदार उछाल
सरकार ने चुनिंदा स्टील के इंपोर्ट पर करीब 12 प्रतिशत तक की तीन साल की सेफगार्ड ड्यूटी लगाने का ऐलान किया है. इससे घरेलू स्टील कंपनियों को बेहतर दाम मिलने की उम्मीद जगी है. Tata Steel करीब 2 प्रतिशत चढकर 179 रुपये के आसपास पहुंचा. JSW Steel में 3 प्रतिशत से ज्यादा की तेजी रही और शेयर 1148 रुपये के पास कारोबार करता दिखा. Jindal Steel, Jindal Stainless और NMDC जैसे शेयरों में भी अच्छी खरीदारी देखी गई.
कच्चे तेल के दाम नरम
अंतरराष्ट्रीय बाजार में ब्रेंट क्रूड हल्की गिरावट के साथ करीब 61 डॉलर प्रति बैरल के आसपास आ गया. कच्चे तेल के दाम घटने से भारत में महंगाई पर दबाव कम होने की उम्मीद बनती है, जो शेयर बाजार के लिए पॉजिटिव माना जाता है.
वोलैटिलिटी में कमी
India VIX यानी बाजार की घबराहट का सूचकांक 3 प्रतिशत से ज्यादा गिरकर करीब 9 के स्तर पर आ गया. वोलैटिलिटी कम होने से निवेशकों का भरोसा बढ़ता है और शेयरों में जोखिम लेने की क्षमता भी सुधरती है.
मिड और स्मॉल कैप शेयरों में खरीदारी
लार्ज कैप शेयरों के साथ-साथ मिड कैप और स्मॉल कैप शेयरों में भी अच्छी मांग देखने को मिली. Nifty Midcap और Smallcap इंडेक्स में करीब 1 प्रतिशत तक की तेजी रही, जिससे बाजार का सेंटिमेंट और मजबूत हुआ.
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