ये कंपनियां दे रही हैं 11 फीसदी से ज्यादा रिटर्न, FD भी रह गया पीछे; जानें कब तक है निवेश का मौका
2025 में कई वित्तीय संस्थानों ने ऐसे NCD जारी किए हैं जो 11 फीसदी से अधिक ब्याज दर दे रहे हैं, जो बैंक FD से कहीं बेहतर विकल्प साबित हो रहे हैं. रिपोर्ट में Kosamattam, Edelweiss, Muthoot जैसी कंपनियों द्वारा जारी NCDs की ब्याज दर, क्रेडिट रेटिंग की पूरी जानकारी दी गई है. साथ ही बताया गया है कि NCD में निवेश से पहले किन बातों का ध्यान रखना चाहिए और इनके फायदे क्या हैं.
NCD Returns 2025: रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया द्वारा रेपो रेट में कटौती के बाद कई बैंक अपनी ब्याज दरों में कटौती कर रहे हैं. इसका असर FD रेट में कटौती के रूप में देखने को मिल रहा है. हालांकि, अगर आप FD से बेहतर रिटर्न चाहते हैं तो NCD एक बेहतर विकल्प हो सकता है. ऐसे में 5 NCD निवेश के लिए खुले हैं, जिनकी क्रेडिट रेटिंग भी शानदार है. NCD (नॉन-कन्वर्टिबल डिबेंचर) कंपनियों द्वारा जारी किए जाने वाले ऐसे डिबेंचर होते हैं जिन्हें शेयरों में परिवर्तित नहीं किया जा सकता. ये निवेशकों को फिक्स्ड डिपॉजिट (FD) की तुलना में अधिक ब्याज दर (10-12 फीसदी तक) प्रदान करते हैं, लेकिन इनमें जोखिम भी अधिक होता है. तो चलिए आपको बताते हैं कि किन-किन NCD में निवेश का मौका मिल रहा है.
प्रमुख NCD
Kosamattam Finance Limited NCD
- क्लोजिंग डेट: 18 जुलाई, 2025
- रेटिंग: A-
- ब्याज दर: 10.41 फीसदी
Edelweiss Financial Services NCD
- क्लोजिंग डेट: 21 जुलाई, 2025
- रेटिंग: A+
- ब्याज दर: 10.50 फीसदी
KLM Axiva Finvest Ltd NCD
- क्लोजिंग डेट: 22 जुलाई, 2025
- रेटिंग: BBB
- ब्याज दर: 11.10 फीसदी
Samman Capital Limited NCD
- क्लोजिंग डेट: 28 जुलाई, 2025
- रेटिंग: AA
- ब्याज दर: 9.95 फीसदी
Muthoot Mercantile Limited NCD
- क्लोजिंग डेट: 29 जुलाई, 2025
- रेटिंग: BBB
- ब्याज दर: 11.73 फीसदी
NCD से बीच में निकलने का क्या है रास्ता
बैंक एफडी में आमतौर पर मैच्योरिटी से पहले पैसा निकालने की सुविधा होती है, हालांकि कुछ एफडी में प्रीमैच्योर सरेंडर करने पार प्रीपेमेंट पेनॉल्टी देनी पड़ती है. वहीं, NCDs अपनी मूल अवधि पूरी होने पर ही मैच्योर होते हैं और प्रायः इनमें ‘कॉल’ या ‘पुट ऑप्शन’ उपलब्ध नहीं होता. इसलिए इनमें निवेश करते समय अपने दीर्घकालिक लक्ष्यों को ध्यान में रखना आवश्यक है. हालांकि ये स्टॉक एक्सचेंजों पर लिस्टेड होते हैं, लेकिन कम लिक्विडिटी के कारण इनमें से बीच में निकलने का निर्णय नुकसानदायक हो सकता है.
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NCD में निवेश के फायदे
NCD निवेशकों को अच्छा रिटर्न प्रदान करते हैं, जो आमतौर पर 7 फीसदी से 10 फीसदी वार्षिक ब्याज दर के बीच होता है. यह दर अधिकांश बैंक एफडी की तुलना में अधिक होती है. बिना अधिक जोखिम उठाए, निवेशक NCD के माध्यम से बेहतर रिटर्न प्राप्त कर सकते हैं. NCD की एक विशेषता इसकी ट्रेडेबिलिटी है. इन्हें मैच्योरिटी से पहले स्टॉक एक्सचेंज (जैसे NSE या BSE) पर बेचा जा सकता है.
सुरक्षा के लिहाज से, सिक्योर्ड NCD निवेशकों को अतिरिक्त सुरक्षा प्रदान करते हैं, क्योंकि इन्हें कंपनी की एसेट द्वारा समर्थित किया जाता है. यदि कंपनी भुगतान करने में असमर्थ होती है, तो निवेशकों को उनकी राशि लौटाने के लिए उन संपत्तियों का इस्तेमाल किया जा सकता है.
NCD बनाम FD तुलना
विशेषता | कॉर्पोरेट एफडी | एनसीडी |
---|---|---|
सेफ्टी | अधिक जोखिम; केवल बैंक एफडी 5 लाख रुपये तक DICGC द्वारा सुरक्षित | सुरक्षित एनसीडी कंपनी की संपत्ति द्वारा समर्थित होते हैं |
विड्रॉल | पेनॉल्टी भरकर समय से पहले निकाला जा सकता है | सीधे निकासी नहीं; स्टॉक मार्केट पर बेचना पड़ता है |
टैक्सेशन | 40,000 रुपये से अधिक ब्याज पर TDS कटता है (बैंक एफडी) | डीमैट फॉर्म में TDS नहीं; कैपिटल गेन्स टैक्स लागू |
लिक्विडिटी | अधिक लिक्विड | कम लिक्विड, बाजार मांग पर निर्भर |
ब्याज दर | निश्चित, आमतौर पर कम (6-8 फीसदी) | बाजार आधारित, अक्सर अधिक (7-12 फीसदी) |