Olectra Greentech vs JBM Auto: कौन बस स्टॉक का किंग, किसका ऑर्डर बुक ज्यादा; रिटर्न में किसनी मारी बाजी

दो बड़ी कंपनियां ओलेक्ट्रा ग्रीनटेक और जेबीएम ऑटो बाजार में अग्रणी बनने की होड़ में हैं. दोनों ने हाल ही में अपने तिमाही नतीजे (Q1FY26) जारी किए हैं, जिससे निवेशकों को यह समझने में मदद मिलती है कि ये कंपनियां इलेक्ट्रिक बस क्षेत्र में कैसे काम कर रही हैं. आइए, इन दोनों कंपनियों की तुलना करें और देखें कि निवेश के लिए कौन सी बेहतर हो सकती है.

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Olectra Greentech vs JBM Auto: भारत में इलेक्ट्रिक बसों का बाजार तेजी से बढ़ रहा है. सरकार की योजनाएं जैसे पीएम ई-बस सेवा और शहरों में परिवहन की बढ़ती जरूरतें इस क्षेत्र को आगे बढ़ा रही हैं. दो बड़ी कंपनियां ओलेक्ट्रा ग्रीनटेक और जेबीएम ऑटो इस बाजार में अग्रणी बनने की होड़ में हैं. दोनों ने हाल ही में अपने तिमाही नतीजे (Q1FY26) जारी किए हैं, जिससे निवेशकों को यह समझने में मदद मिलती है कि ये कंपनियां इलेक्ट्रिक बस क्षेत्र में कैसे काम कर रही हैं. आइए, इन दोनों कंपनियों की तुलना करें और देखें कि निवेश के लिए कौन सी बेहतर हो सकती है.

ओलेक्ट्रा ग्रीनटेक लिमिटेड (Olectra Greentech Limited)

ओलेक्ट्रा ग्रीनटेक की स्थापना साल 2000 में हुई थी. यह कंपनी इलेक्ट्रिक बसें और कम्पोजिट पॉलिमर इंसुलेटर बनाती है. भारत में यह पहली कंपनियों में से थी जिसने इलेक्ट्रिक बसें लॉन्च कीं. इसकी मार्केट वैल्यू 13180.11 करोड़ रुपये है और इसका शेयर 1607.80 रुपये पर ट्रेड कर रहा है.

  • पिछले छह महीनों में इसके शेयर ने 55.85 फीसदी का रिटर्न दिया है.

आर्डर बुक समेत इन चीजों पर भी डालें नजर

ओलेक्ट्रा ने भारत में 2800 से ज्यादा इलेक्ट्रिक बसें सड़कों पर उतारी हैं और इसके पास 10000 से ज्यादा बसों का ऑर्डर है. हैदराबाद में इसकी एक नई फैक्ट्री है, जो हर साल 5000 बसें बना सकती है और भविष्य में 10000 तक बढ़ सकती है. कंपनी के पास 135 से ज्यादा बस मॉडल हैं, जिनमें 7 मीटर, 9 मीटर और 12 मीटर की बसें शामिल हैं. इनकी रेंज 150 से 350 किलोमीटर प्रति चार्ज है. हैदराबाद के सीतारामपुर में अप्रैल 2024 से एक नई फैक्ट्री शुरू हुई है, जो 2500 बसें बना सकती है. यह क्षमता Q1FY26 के अंत तक 5000 और FY27 तक 10000 बसों तक बढ़ जाएगी.

भारत ही नहीं चीन की BYD से भी समझौता

ओलेक्ट्रा ने मुंबई (BEST), पुणे (PMPML), और कर्नाटक (KSRTC) जैसे बड़े परिवहन नेटवर्क को बसें सप्लाई की हैं. कंपनी का चीन की BYD कंपनी के साथ तकनीकी समझौता है, जो दुनिया की सबसे बड़ी इलेक्ट्रिक बस निर्माता है. यह समझौता दिसंबर 2030 तक चलेगा. BYD से तकनीक मिलने से ओलेक्ट्रा की बसें बेहतर हैं, और यह भारतीय सप्लायर्स के साथ मिलकर गैर-बैटरी पार्ट्स का उत्पादन भी बढ़ा रही है.

वित्तीय प्रदर्शन (Q1FY26)

तिमाही आधार पर

इनकम 449 करोड़ से घटकर 347 करोड़ रुपये हो गई (22.7 फीसदी की कमी).
ऑपरेटिंग प्रॉफिट 54 करोड़ से 48 करोड़ रुपये हुआ (11.1 फीसदी की कमी).
टैक्स से पहले का मुनाफा 29 करोड़ से बढ़कर 34 करोड़ रुपये हुआ (17.2 फीसदी की बढ़ोतरी).
नेट प्रॉफिट 21 करोड़ से बढ़कर 26 करोड़ रुपये हुआ (23.8 फीसदी की बढ़ोतरी).
साल-दर-साल आधार पर

इनकम 314 करोड़ से बढ़कर 347 करोड़ रुपये हुई (10.5 फीसदी की बढ़ोतरी).
ऑपरेटिंग प्रॉफिट 44 करोड़ से 48 करोड़ रुपये हुआ (9.1 फीसदी की बढ़ोतरी).
टैक्स से पहले का मुनाफा 32 करोड़ से 34 करोड़ रुपये हुआ (6.3 फीसदी की बढोतरी).
नेट प्रॉफिट 24 करोड़ से 26 करोड़ रुपये हुआ (8.3 फीसदी की बढ़ोतरी).

जेबीएम ऑटो लिमिटेड (JBM Auto Limited)

JBM ऑटो की स्थापना साल 1983 में हुई थी. यह कंपनी ऑटोमोटिव पार्ट्स, टूल्स, डाई, मोल्ड्स और बसें बनाती है. यह भारत में इलेक्ट्रिक बसों की एक प्रमुख निर्माता है और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी विस्तार कर रही है. इसकी मार्केट वैल्यू 14649.64 करोड़ रुपये है और इसका शेयर 617.95 रुपये पर ट्रेड कर रहा है.

  • पिछले छह महीनों में इसके शेयर ने 33.90 फीसदी का रिटर्न दिया है.

आर्डर बुक समेत इन चीजों पर भी डालें नजर

JBM ने 2500 से ज्यादा इलेक्ट्रिक बसें सड़कों पर उतारी हैं और इसके पास 11000 से ज्यादा बसों का ऑर्डर है. इसकी फैक्ट्री दुनिया की सबसे बड़ी इलेक्ट्रिक बस निर्माण .यूनिट में से एक है. यह हर साल 20000 बसें बना सकती है. कंपनी के पास 10 प्लेटफॉर्म, 18 मॉडल और 23 वैरिएंट हैं, जो शहर, इंटरसिटी, एयरपोर्ट, स्कूल और लग्जरी यात्रा के लिए हैं. जून 2025 में जेबीएम ने यूरोप में अपनी इलेक्ट्रिक बस ECOLIFE लॉन्च की. फ्रैंकफर्ट में इसका नया हेडक्वार्टर है, और यह जर्मनी, फ्रांस, इटली, नीदरलैंड्स, ग्रीस और स्कैंडिनेविया जैसे देशों में बसें सप्लाई करेगा. भारत में कंपनी ने पीएम ई-बस सेवा के तहत 2411 बसों का 12900 करोड़ रुपये का ऑर्डर हासिल किया है.

यहां से मिली 100 मिलियन डॉलर की फंडिंग

JBM को ADB और AIIB से 575 बसों के लिए 100 मिलियन डॉलर की फंडिंग मिली है. कंपनी का एयरपोर्ट टारमैक बसों में 90 फीसदी से ज्यादा मार्केट शेयर है, लग्जरी कोच में 40-45 फीसदी और शहर व राज्य परिवहन में लगभग 30 फीसदी हिस्सा है. JBM के पास 19 मैन्युफैक्चरिंग यूनिट, 1000 से ज्यादा प्रेस, 3,000 रोबोट और 6 GWh की बैटरी उत्पादन क्षमता है. यह मध्य पूर्व, अफ्रीका, सिंगापुर और एशिया-पैसिफिक में भी विस्तार कर रही है.

वित्तीय प्रदर्शन (Q1FY26)

तिमाही आधार पर

इनकम 1646 करोड़ से घटकर 1254 करोड़ रुपये हुई (23.8 फीसदी की कमी).
ऑपरेटिंग प्रॉफिट 185 करोड़ से 120 करोड़ रुपये हुआ (35.1 फीसदी की कमी).
टैक्स से पहले का मुनाफा 90 करोड़ से 51 करोड़ रुपये हुआ (43.3 फीसदी की कमी).
नेट प्रॉफिट 72 करोड़ से 39 करोड़ रुपये हुआ (45.8 फीसदी की कमी).
साल-दर-साल आधार पर

इनकम 1144 करोड़ से बढ़कर 1254 करोड़ रुपये हुई (9.6 फीसदी की बढ़ोतरी).
ऑपरेटिंग प्रॉफिट 130 करोड़ से 120 करोड़ रुपये हुआ (7.7 फीसदी की कमी).
टैक्स से पहले का मुनाफा 45 करोड़ से 51 करोड़ रुपये हुआ (13.3 फीसदी की बढ़ोतरी).
नेट प्रॉफिट 34 करोड़ से 39 करोड़ रुपये हुआ (14.7 फीसदी की बढ़ोतरी).

सोर्स: Groww, BSETrade Brains

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डिस्क्लेमर: Money9live किसी स्टॉक, म्यूचुअल फंड, आईपीओ में निवेश की सलाह नहीं देता है. यहां पर केवल जानकारी दी गई है. निवेश से पहले अपने वित्तीय सलाहकार की राय जरूर लें.