कंपनी के मुनाफे में आते ही 13 रुपये के शेयर पर टूट पड़े निवेशक, जमकर हुई खरीदारी; स्टॉक में लगा अपर सर्किट
Sadbhav Engineering Share: शेयर की कीमत सोमवार 18 अगस्त को 10 फीसदी के अपर सर्किट के साथ 13.13 रुपये पर पहुंच गई. सिविल कंस्ट्रक्शन कंपनी ने बताया कि उसने वित्त वर्ष 2026 की पहली तिमाही में 31.2 करोड़ रुपये मुनाफा कमाया है. इस पेनी स्टॉक को इस साल अब तक भारी नुकसान हुआ है.

Sadbhav Engineering Share: सोमवार 18 अगस्त को बीएसई पर एक पेनी स्टॉक ने 10 फीसदी तक की छलांग लगाते हुए अपने अपर सर्किट को हिट किया. कंपनी के वित्त वर्ष 2026 की पहली तिमाही के नतीजे घोषित किए जाने के बाद, सद्भाव इंजीनियरिंग के शेयर की कीमत सोमवार 18 अगस्त को 10 फीसदी के अपर सर्किट के साथ 13.13 रुपये पर पहुंच गई. सिविल कंस्ट्रक्शन कंपनी ने बताया कि उसने वित्त वर्ष 2026 की पहली तिमाही में 31.2 करोड़ रुपये मुनाफा कमाया, जबकि पिछले साल इसी तिमाही में उसे 30.74 करोड़ रुपये का घाटा हुआ था.
सद्भाव इंजीनियरिंग के पहली तिमाही के नतीजे
14 अगस्त को बाजार बंद होने के बाद, सद्भाव इंजीनियरिंग ने बताया कि उसने वित्त वर्ष 26 की पहली तिमाही में 31.2 करोड़ रुपये का कंसोलिडेटेड प्रॉफिट कमाया, जबकि पिछले वित्त वर्ष की इसी तिमाही में उसे 30.74 करोड़ रुपये का घाटा हुआ था. हालांकि, समीक्षाधीन तिमाही में कंपनी का ऑपरेशनल रेवेन्यू साल-दर-साल 26.25 फीसदी घटकर 222 करोड़ रुपये रह गया. पिछले साल इसी तिमाही में यह 301 करोड़ रुपये था.
शेयर में आई है भारी गिरावट
इस पेनी स्टॉक को इस साल अब तक भारी नुकसान हुआ है और अब तक 52 फीसदी की गिरावट आई है. पिछले साल 6 सितंबर को 52 वीक के हाई लेवल 38.70 रुपये पर पहुंचने के बाद, इस साल 28 मार्च को यह 10.79 के 52 वीक के निचले स्तर पर पहुंच गया था.
कंपनी का फंडामेंटल
वैल्यू रिसर्च के अनुसार, स्टॉक का बुक वैल्यू -14.1 है.
बुक वैल्यू (Book Value) –14.1 कंपनी की कुल नेट-वैल्थ (Assets – Liabilities) नेगेटिव है, यानी कंपनी पर कर्ज या देनदारियां उसकी संपत्तियों से ज्यादा हैं. इसे नेटवर्थ खत्म होना या निगेटिव नेटवर्थ कहते हैं.
फंडामेंटल तरीके से देखने पर ये कंपनी की कमजोर वित्तीय स्थिति को दिखाता है. हालांकि, पहली तिमाही में कंपनी के मुनाफे में आने से जोरदार खरीदारी देखने को मिली है.

- कंपनी का ब्याज कवरेज रेश्यो कम है.
- कंपनी ने पिछले पांच वर्षों में -21.6% की खराब सेल्स ग्रोथ दर्ज की है.
- प्रमोटर की हिस्सेदारी 36.2 फीसदी है, जो कम है.
- 741 करोड़ रुपये की आकस्मिक देनदारियां.
- प्रमोटरों ने अपनी 80.4% हिस्सेदारी गिरवी रखी है या उस पर भार डाला है.
- पिछले 3 वर्षों में प्रमोटर की हिस्सेदारी घटी -4.35% घटी है.
डिस्क्लेमर: मनी9लाइव किसी स्टॉक, म्यूचुअल फंड, आईपीओ में निवेश की सलाह नहीं देता है. यहां पर केवल स्टॉक्स की जानकारी दी गई है. निवेश से पहले अपने वित्तीय सलाहकार की राय जरूर लें.
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