फ्रंट रनिंग पर SEBI का बड़ा एक्शन! 13 लोगों को सिक्योरिटीज मार्केट से किया बैन, लगाया 1.5 करोड़ तक का जुर्माना
फ्रंट रनिंग मामले में बाजार नियामक सेबी ने बड़ा एक्शन लिया है. इसके तहत 13 लोगों पर बैन लगा दिया गया है. साथ ही उन पर भारी भरकम जुर्माना भी लगाया गया है. इन पर गलत तरीके से जानकारी का फायदा उठाकर मुनाफा कमाने का आरोप है. तो क्या है पूरा मामला, आइए जानते हैं.
SEBI Ban for front running: भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (SEBI) ने शेयर बाजार में धोखाधड़ी करने वालों पर कड़ा एक्शन लिया है. सेबी ने 13 लोगों को सिक्योरिटीज मार्केट से बैन कर दिया है. गुरुवार देर रात जारी सेबी के बयान के मुताबिक ये लोग फ्रंट रनिंग में शामिल पाए गए हैं. सेबी का आरोप है कि ये तीन ट्रस्टों के ट्रेड्स की गोपनीय जानकारी का फायदा उठाकर इसका गलत इस्तेमाल कर रहे थे.
सेबी ने इन पर 5 लाख से 1.5 करोड़ रुपये तक का भारी-भरकम जुर्माना भी ठोका है. सेबी ने यह कदम शेयर बाजार में नैतिकता और पारदर्शिता को बनाए रखने के मकसद से उठाया है. सेबी ने पाया कि इन 13 लोगों ने तीन ट्रस्टों – भारत कन्हैयालाल सेठ फैमिली, रवि कन्हैयालाल सेठ फैमिली और अर्जुन डिस्क्रिशनरी ट्रस्ट के ट्रेड्स की जानकारी का गलत फायदा उठाया है.
जानकारी का किया गलत इस्तेमाल
सेबी ने 1 जनवरी 2021 से 31 अक्टूबर 2022 तक की अवधि में इन ट्रस्टों के ट्रेड्स की जांच की. जांच में खुलासा हुआ कि ये 13 लोग ट्रस्टों की ओर से शेयर खरीदने या बेचने से पहले ही उन शेयरों में ट्रेडिंग कर रहे थे, जिससे उन्होंने गैरकानूनी तरीके से मुनाफा कमाया. बाजार नियामक के मुताबिक यह बाजार की निष्पक्षता के खिलाफ एक बड़ा अपराध है. जिसके चलते उनके खिलाफ कार्रवाई की गई है. सेबी ने इन 13 लोगों पर 5 लाख से लेकर 1.5 करोड़ रुपये तक का जुर्माना लगाया है. इसके अलावा, इन सभी को सिक्योरिटीज मार्केट में ट्रेडिंग से पूरी तरह बैन कर दिया गया है.
क्या होता है फ्रंट रनिंग?
फ्रंट रनिंग तब होता है, जब कोई व्यक्ति या समूह किसी बड़े ट्रेड की अंदरूनी जानकारी का इस्तेमाल करके पहले से शेयर खरीद लेता है या बेच देता है, ताकि उसका फायदा उठा सके. यह एक तरह की बाजार धोखाधड़ी है, जो निवेशकों का भरोसा तोड़ती है.