F&O Trading पर बड़ी सख्ती की तैयारी, रिटेल ट्रेडर्स को शिकंजे से निकालने की कवायद; SEBI लाएगा ये नियम!
SEBI अब ऑप्शन्स ट्रेडिंग में मिलने वाली लेवरेज को निवेशकों की कैश पोजीशन से जोड़ने पर विचार कर रहा है. SEBI एक ऐसा फॉर्मूला डेवलप कर रहा है, जिसके तहत ऑप्शन्स ट्रेडिंग में लेवरेज यानी उधारी की सीमा निवेशक के पास मौजूद कैश पोजिशन पर निर्भर होगी.

SEBI New Rule: रिटेल निवेशकों को फ्यूचर्स और ऑप्शन्स से हो रहे लगातार नुकसान के बाद SEBI एक बड़ा कदम उठाने की तैयारी में है. SEBI अब ऑप्शन्स ट्रेडिंग में मिलने वाली लेवरेज को निवेशकों की कैश पोजीशन से जोड़ने पर विचार कर रहा है. यह प्रस्ताव अगर लागू होता है, तो इससे न सिर्फ बाजार में स्थिरता आएगी, बल्कि रिटेल निवेशकों को भारी नुकसान से भी बचाया जा सकेगा. आइए इस पूरे प्रस्ताव को जानते हैं.
क्या है प्रस्ताव?
CNBC-TV18 की एक रिपोर्ट के अनुसार, SEBI एक ऐसा फॉर्मूला डेवलप कर रहा है, जिसके तहत ऑप्शन्स ट्रेडिंग में लेवरेज यानी उधारी की सीमा निवेशक के पास मौजूद कैश पोजीशन पर निर्भर होगी. इसके सीधे असर से कई फायदे होंगे, जैसे कैश मार्केट की लिक्विडिटी बढ़ेगी, ऑप्शंस मार्केट की अधिक सट्टेबाजी पर लगाम लगेगी और रिटेल निवेशकों की सुरक्षा होगी.
क्यों हो रही है जरूरत?
SEBI की हालिया रिपोर्ट के अनुसार, 2024-25 में 91 फीसदी रिटेल निवेशकों को डेरिवेटिव्स (फ्यूचर्स और ऑप्शन्स) से नुकसान हुआ. इन निवेशकों को कुल मिलाकर 1.05 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा का घाटा झेलना पड़ा, जो पिछले साल के 74,812 करोड़ रुपये के नुकसान से 41 फीसदी अधिक है. इतना ही नहीं, डेरिवेटिव्स ट्रेडिंग करने वाले रिटेल निवेशकों की संख्या में भी 20 फीसदी की गिरावट आई है, हालांकि यह आंकड़ा दो साल पहले की तुलना में अब भी 24 फीसदी ज्यादा है.
बाजार में दिख रही कमजोरी
SEBI के आंकड़ों के मुताबिक इंडेक्स ऑप्शन्स का प्रीमियम टर्नओवर 9 फीसदी गिरा है. नॉशनल टर्नओवर में 29 फीसदी की गिरावट आई है. हालांकि, दो साल पहले की तुलना में ये आंकड़े अब भी काफी ऊपर हैं, जिससे साफ है कि बाजार में अत्यधिक ट्रेडिंग जारी है, और इससे रिस्क भी बढ़ रहा है.
कैश मार्केट को मिलेगा बढ़ावा
SEBI कैश मार्केट की भागीदारी बढ़ाने के लिए शॉर्ट सेलिंग को बढ़ावा देने की दिशा में भी काम कर रहा है. इसके लिए Stock Lending and Borrowing Mechanism (SLBM) का उपयोग किया जा सकता है. इसका मकसद है कैश मार्केट में वॉल्यूम बढ़ाना और ऑप्शन्स में अत्यधिक निर्भरता को घटाना.
डिस्क्लेमर: Money9live किसी स्टॉक, म्यूचुअल फंड, आईपीओ में निवेश की सलाह नहीं देता है. यहां पर केवल स्टॉक्स की जानकारी दी गई है. निवेश से पहले अपने वित्तीय सलाहकार की राय जरूर लें.
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