इन 4 वजहों से टूटा बाजार, सेंसेक्स 700 अंकों से ज्यादा फिसला, मचा हाहाकार!
20 मई के कारोबारी दिन बाजार में बिकवाली देखने को मिली. इस गिरावट में सेंसेक्स 700 अंकों से ज्यादा टूट गया, वहीं निफ्टी 260 अंकों से ज्यादा लुढ़क गया. केवल बड़े शेयर ही नहीं, बल्कि छोटे और मझोले शेयरों में भी बिकवाली देखने को मिली. आइए इस गिरावट की 4 वजह जानते हैं.

Why Stock Market Down Today: मंगलवार को बाजार की शुरुआत तेजी के साथ हुई थी, जिसके बाद बाजार ने चाल बदली और बिकवाली मोड में चला गया. इस दौरान सेंसेक्स करीब 700 अंक से ज्यादा गिर गया, जबकि निफ्टी 24,750 के स्तर तक नीचे आ गया. यह गिरावट सिर्फ बड़े शेयरों तक ही सीमित नहीं रही, बल्कि मिडकैप और स्मॉलकैप शेयरों में भी करीब 1 फीसदी तक की कमजोरी देखी गई. आइए आपको इसके पीछे का कारण बताते हैं.
भारत-अमेरिका ट्रेड डील को लेकर असमंजस
हाल ही में चीन और यूके ने अमेरिका के साथ कुछ ट्रेड एग्रीमेंट्स किए हैं. इससे निवेशकों को उम्मीद थी कि भारत भी जल्दी ही कोई बड़ा समझौता करेगा. लेकिन अब तक इस पर कोई साफ तस्वीर नहीं आई है. अब बाजार के जानकारों का मानना है कि जब तक भारत और अमेरिका के बीच ट्रेड डील को लेकर क्लैरिटी नहीं आती, बाजार इसी तरह अनसर्टेन बना रहेगा.
हाई वैल्यूएशन
इस समय भारतीय शेयर बाजार के वैल्यूएशन काफी हाई हैं. मतलब, कंपनियों के शेयर बहुत ज्यादा दाम पर ट्रेड हो रहे हैं. जैसे कि निफ्टी का प्राइस-टू-अर्निंग (PE) रेशियो 22.3 है, जो पिछले 6 महीनों में सबसे ज्यादा है और दो साल के एवरेज 22.2 से भी ऊपर है. ऐसे में जब बाजार बहुत महंगा हो जाता है, तो निवेशक प्रॉफिट बुकिंग करने लगते हैं. जिस नाते बाजार नीचे गिरता है.
किसी ट्रिगर का न होना
बीते कुछ सत्रों से बाजार में कोई ऐसा ट्रिगर नहीं मिला है जिससे बाजार को बूस्ट मिल सके. अब सभी की नजर Q4 की GDP ग्रोथ और कंपनियों के मुनाफे पर है. अगर ये उम्मीद से बेहतर रहे, तो बाजार को फिर से मजबूती मिल सकती है.
अमेरिका की क्रेडिट रेटिंग में गिरावट से बाजार में डर का माहौल
शेयर बाजार में गिरावट की एक और बड़ी वजह अमेरिका की क्रेडिट रेटिंग में की गई कटौती है. रेटिंग एजेंसी Moody’s ने अमेरिका की सरकारी क्रेडिट रेटिंग को एक स्तर घटाकर ‘Aa1’ कर दिया है. पहले यह रेटिंग ‘Aaa’ थी, जो सबसे ऊंची मानी जाती है. दरअसल, क्रेडिट रेटिंग किसी भी देश की आर्थिक साख को दिखाती है. जब यह रेटिंग घटाई जाती है, तो निवेशकों को लगता है कि उस देश में पैसा लगाना थोड़ा जोखिम भरा हो सकता है. इससे दुनियाभर के बाजारों में चिंता बढ़ जाती है.
मिडकैप और स्मॉलकैप शेयरों में दबाव
केवल बड़े शेयर ही नहीं, बल्कि छोटे और मझोले शेयरों में भी बिकवाली देखने को मिली. अब निवेशकों को डर है कि इन शेयरों की कीमतें बहुत ऊपर पहुंच चुकी हैं और वहां से मुनाफा लेना बेहतर होगा.
डिस्क्लेमर: Money9live किसी स्टॉक, म्यूचुअल फंड, आईपीओ में निवेश की सलाह नहीं देता है. यहां पर केवल स्टॉक्स की जानकारी दी गई है. निवेश से पहले अपने वित्तीय सलाहकार की राय जरूर लें.
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