Tata Motors vs TMPV: TMPV के रिकॉर्ड मुनाफे के बावजूद ऑपरेशनल दबाव; निवेशकों के लिए क्या है सही कदम?

Tata Motors और Tata Motors Passenger Vehicles (TMPV) ने अपने Q2 FY26 के रिजल्ट जारी किए. इससे दोनों कंपनियों की स्थिति पहले से ज्यादा साफ दिखाई दे रही है. Tata Motors ने इस तिमाही में 867 करोड़ का घाटा दिखाया. यह नुकसान मुख्य रूप से Tata Capital में किए गए निवेश पर हुए 2026 करोड़ रुपये के मार्क-टू-मार्केट लॉस की वजह से हुआ.

टाटा मोटर्स Image Credit: Getty image

Tata Motors vs TMPV: हाल ही में डिमर्जर के बाद Tata Motors और Tata Motors Passenger Vehicles (TMPV) ने अपने Q2 FY26 के रिजल्ट जारी किए. इससे दोनों कंपनियों की स्थिति पहले से ज्यादा साफ दिखाई दे रही है. Tata Motors ने इस तिमाही में 867 करोड़ का घाटा दिखाया. यह नुकसान मुख्य रूप से Tata Capital में किए गए निवेश पर हुए 2026 करोड़ रुपये के मार्क-टू-मार्केट लॉस की वजह से हुआ. हालांकि कंपनी की रेवन्यू 6 फीसदी बढ़कर 18585 करोड़ रुपये हो गई.

दूसरी ओर TMPV ने तिमाही में 76170 करोड़ रुपये भारी मुनाफा दिखाया है. लेकिन यह बढ़त सिर्फ डिमर्जर से मिले एकमुश्त फायदे की वजह से थी. वास्तविक रूप से देखें तो एकमुश्त लाभ को हटाने पर कंपनी को 6368 करोड़ का घाटा हुआ. कंपनी की रेवन्यू भी 13.5 फीसदी गिरकर 72349 करोड़ रुपये पर आ गई.मार्केट शेयर की बात करें तो Tata Motors (CV) घरेलू बाजार में 35% से ज्यादा हिस्सेदारी रखती है और मजबूत स्थिति में है. वहीं TMPV भारत के पैसेंजर व्हीकल मार्केट में तीसरे नंबर पर है और उसका मार्केट शेयर 12.8% है.

JLR पर साइबर अटैक का असर

JLR इस तिमाही के दौरान कंपनी के लिए सबसे बड़ी चुनौती बनकर सामने आया. सितंबर में हुए बड़े साइबर अटैक की वजह से कई दिनों तक प्रोडक्शन बंद रहा. इसका सीधा असर तिमाही प्रदर्शन पर पड़ा है. JLR का रेवेन्यू 24.3 फीसदी गिरकर 4.9 अरब पाउंड रह गया है. जबकि EBIT मार्जिन 5.1% से लुढ़ककर –8.6% तक पहुंच गया. कंपनी को तिमाही में 55.9 करोड़ पाउंड का घाटा हुआ है. इसके अलावा पुराने Jaguar मॉडलों की वाइंड-डाउन, US टैरिफ प्रेशर और डिमांड सुस्ती ने भी JLR के प्रदर्शन में गिरावट को और गहरा किया. इन परिस्थितियों में कंपनी ने FY26 के लिए EBIT गाइडेंस घटाकर 0–2% कर दिया है.

कौन सा स्टॉक खरीदना बेहतर है?

डिमर्जर के बाद आए दूसरी तिमाही के नतीजों ने साफ कर दिया है कि निवेशकों को अब किस दिशा में कदम बढ़ाना चाहिए. Tata Motors Passenger Vehicles (TMPV) ने सितंबर तिमाही में 76248 करोड़ रुपये का रिकॉर्ड नेट प्रॉफिट दर्ज किया, जो सालाना आधार पर लगभग 25 गुना बढ़ोतरी है. हालांकि यह उछाल प्रभावशाली है, लेकिन यह समझना जरूरी है कि कंपनी अभी भी ऑपरेशनल स्तर पर घाटे में है. इसलिए निवेश से पहले अपनी समझ, जोखिम लेने की क्षमता और वित्तीय सलाहकार की राय को प्राथमिकता देना बेहद जरूरी है.

टाटा मोटर्स के दूसरी तिमाही के नतीजे विस्तार से यहां पढ़ें: Q2 Result Tata Motors PV: ₹76170 करोड़ का रिकॉर्ड प्रॉफिट, फिर भी ऑपरेशनल घाटा! कहां हुआ खेल?

कैसे बंटे आपके PV–CV शेयरों की लागत?

टाटा मोटर्स का डिमर्जर पूरा हो चुका है और अब दोनों कंपनियों के शेयर अलग-अलग लिस्टेड हैं. अब सबसे बड़ा सवाल यह है कि पहले जो आपने टाटा मोटर्स के शेयर खरीदे थे, उनके टैक्स का हिसाब अब कैसे होगा? आयकर नियमों के मुताबिक, जब कोई कंपनी डिमर्जर करती है, तो आपके पुराने शेयरों की खरीद कीमत को दो हिस्सों में बांटना पड़ता है. एक हिस्सा पुरानी कंपनी (PV) के नाम और दूसरा नई कंपनी (CV) के नाम.

यह बंटवारा कंपनी की नेट वर्थ के आधार पर तय होता है. साल 2018 वाली ग्रैंडफादरिंग रूल के मुताबिक अगर आपने टाटा मोटर्स के शेयर 31 जनवरी 2018 से पहले खरीदे थे, तो PV शेयर पर आप उस दिन के मार्केट प्राइस (FMV) को लागत मानने का फायदा ले सकते हैं. लेकिन CV शेयर साल 2018 में मौजूद नहीं थे, इसलिए उनके लिए सीधा FMV नहीं मिलेगा. CV के लिए आपको सिर्फ अनुपात के आधार पर ही लागत माननी होगी. अच्छी बात यह है कि डिमर्जर होने पर कोई टैक्स नहीं लगता और आपकी होल्डिंग पीरियड भी वही रहती है जो आपने मूल शेयर खरीदते समय शुरू की थी.

डेटा सोर्स: Money Control, BSE

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डिस्क्लेमर: Money9live किसी स्टॉक, म्यूचुअल फंड, आईपीओ में निवेश की सलाह नहीं देता है. यहां पर केवल स्टॉक्स की जानकारी दी गई है. निवेश से पहले अपने वित्तीय सलाहकार की राय जरूर लें.

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