बिटकॉइन समेत सभी क्रिप्टो में बंपर तेजी, तो फिर क्यों गिर रहा है Pi कॉइन; जानें कारण
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा क्रिप्टो रिजर्व की घोषणा के बाद बिटकॉइन, XRP, Solana और Cardano जैसे क्रिप्टो की कीमतों में उछाल आया, लेकिन Pi क्वॉइन में गिरावट जारी है . इसके मुख्य कारण हैं ट्रांसपेरेंसी की कमी, केंद्रीकरण, बड़े एक्सचेंजों पर लिस्टिंग की अनिश्चितता और दीर्घकालिक स्थिरता को लेकर उठते सवाल . Binance पर लिस्टिंग को लेकर भी संदेह बना हुआ है .
PI Coin Falling: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने 2 मार्च को ऐलान किया कि अमेरिका एक क्रिप्टो रिजर्व बनाएगा, जिससे क्रिप्टो करेंसी को बढ़ावा दिया जाएगा. ट्रंप के इस ऐलान के बाद बिटकॉइन समेत अन्य सभी क्रिप्टो करेंसी के दामों में जबरदस्त तेजी देखने को मिल रही है. लेकिन इसके उलट, Pi में लगातार गिरावट देखी जा रही है. पिछले 24 घंटों में ही इसमें करीब 6 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई है. वर्तमान में यह अपने ऑल टाइम हाई से 44 फीसदी नीचे 1.66 डॉलर पर ट्रेड कर रहा है. जहां अन्य क्रिप्टो करेंसी की कीमतें बढ़ रही हैं, वहीं Pi में गिरावट ने निवेशकों के मन में यह सवाल खड़ा कर दिया है कि आखिर ऐसा क्यों हो रहा है.
क्यों गिर रहा है PI कॉइन?
PI क्वॉइन की हालिया गिरावट की एक वजह यह भी है कि ट्रंप के ऐलान में इसका नाम शामिल नहीं किया गया है. ट्रंप द्वारा घोषित क्रिप्टो रिजर्व में XRP, Solana (SOL) और Cardano (ADA) जैसे क्वॉइन को शामिल किया गया है, जिससे इनके कारोबार पर सकारात्मक प्रभाव पड़ा है और इनकी कीमतों में बढ़ोतरी देखी जा रही है.
ट्रांसपेरेंसी की कमी
Pi Network भले ही 60 मिलियन से अधिक यूजर का दावा कर रहा हो, लेकिन इसे संचालन में ट्रांसपेरेंसी की कमी को लेकर आलोचनाओं का सामना करना पड़ रहा है. ब्लॉकचेन डेटा के अनुसार, केवल 9.1 मिलियन यूजर ही सक्रिय हैं, जिससे इसके दावों पर संदेह बढ़ गया है.
इसके अलावा, PI नेटवर्क खुद को अन्य क्रिप्टो करेंसी से अलग बताते हुए यह दावा करता है कि यह विकेंद्रीकृत मॉडल पर काम करता है. लेकिन हकीकत इसके विपरीत है, क्योंकि नेटवर्क पर इसका पूरा नियंत्रण कोर टीम के हाथ में है. इसमें ऐसा कोई स्वतंत्र सिस्टम मौजूद नहीं है, जिससे इसके दावों का वेरीफाई किया जा सके.
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लॉन्ग टर्म स्थिरता पर संदेह
Pi Network की लोकप्रियता इसकी मोबाइल-आधारित माइनिंग सिस्टम के कारण है, जिससे यूजर बिना महंगे और ऊर्जा-खपत वाले हार्डवेयर के PI टोकन माइन कर सकते हैं. हालांकि, सेंट्रालाइज कंट्रोल पॉलिसी और नियामकीय संदेह के चलते इसकी लॉन्ग टर्म वैल्यू पर सवाल उठाए जा रहे हैं. क्रिप्टो बाजार में इसकी विश्वसनीयता को लेकर भी अनिश्चितता बनी हुई है.
बड़े एक्सचेंज पर लिस्टिंग नहीं होना
PI क्वॉइन की गिरावट की एक और मुख्य वजह इसका किसी बड़े क्रिप्टो एक्सचेंज पर लिस्ट नहीं होना भी है. Binance जैसे प्लेटफॉर्म पर इसकी लिस्टिंग को लेकर अटकलें लगाई जा रही थीं, लेकिन अभी तक इसकी कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है. इससे इसके निवेशकों के बीच इसकी विश्वसनीयता को लेकर संदेह बढ़ता जा रहा है. Binance ने इसे अपने प्लेटफॉर्म पर शामिल करने के लिए वोटिंग भी कराई है, लेकिन अब तक कोई स्पष्ट घोषणा नहीं की गई है.